बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी और संसद सदस्‍यता खारिज होने पर खत्‍म करेंंगे धरना-विनेश फोगाट

New Delhi: दिल्ली के जंतर-मंतर में देश के शीर्ष पहलवानों का धरना जारी है। बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे ओलंपिक पदक विजेता पहलवान इस प्रदर्शन की अगुआई कर रहे हैं। पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। उनकी शिकायत पर दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज करने के लिए तैयार हो गई है, लेकिन पहलवान धरना खत्म करने के लिए राजी नहीं हैं। पहलवानों ने साफ किया है कि जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक धरना जारी रहेगा।

इस मामले में अब तक क्‍या-क्‍या हुआ

8 जनवरी 2023 के दिन विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया समेत करीब 30 पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण सहित कई गंभीर आरोप लगाए। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों के साथ कई दौर की बात की। 21 जनवरी को बृजभूषण सिंह के खिलाफ लगे आरोपों पर जांच के लिए समिति का गठन किया गया और उन्हें कुश्ती संघ के कामकाज से दूर रहने के लिए कहा गया। हालांकि, वह अपने पद पर बने रहे और खुद को बेगुनाह बताया। उन्होंने पहलवानों पर क्षेत्रवाद की राजनीति के आरोप लगाए और कहा कि अब हर पहलवान को प्रतियोगिता से पहले ट्रायल देना पड़ता है। इस वजह से बड़े पहलवान उनसे नाखुश हैं। पहलवानों ने चार दिन प्रदर्शन करने के बाद धरना खत्म कर दिया।

भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन ने 21 जनवरी को मैरी कॉम की अध्यक्षता में सात सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी। इसमें तीरंदाज डोला बनर्जी, बैडमिंटन प्लेयर अलकनंदा अशोक, पूर्व कुश्ती खिलाड़ी योगेश्वर दत्त, भारतीय वेटलिफ्टिंग महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव और दो वकील शामिल थे। इसके बाद खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) और उसके प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह और अन्य कोचों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक ‘निगरानी समिति’ के गठन की घोषणा की। समिति को मंत्रालय को इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कार्य दिया गया था। ओलंपिक पदक विजेता मैरी कॉम ही निगरानी समिति की अध्यक्ष थीं। पूर्व पहलवान योगेश्वर दत्त, पूर्व शटलर तृप्ति मुर्गुंडे, SAI सदस्य राधिका श्रीमन, टारगेट ओलंपिक पोडियम प्लान के पूर्व सीईओ राजेश राजगोपालन, और CWG स्वर्ण पदक विजेता बबीता फोगाट मैरी कॉम की अगुआई वाली समिति के अन्य सदस्य थे।

जांच समिति की रिपोर्ट
पांच अप्रैल को समिति ने अपनी रिपोर्ट खेल मंत्रालय को सौंप दी। हालांकि, इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि बृजभूषण पर आरोप लगाने वाली महिला पहलवान सबूत नहीं दे पाई हैं। वह निर्दोष हैं, लेकिन कुश्ती संघ के अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्हें संघ में कोई और जिम्मेदारी मिल सकती है।

23 अप्रैल को फिर धरने पर बैठे पहलवान
भारतीय पहलवान लगभग तीन महीने बाद फिर जंतर-मंतर में धरने पर बैठ गए। पहलवानों ने कहा कि तीन महीने के बाद भी बृजभूषण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस वजह से वह धरने पर बैठे हैं। इस बार पहलवानों ने राजनेताओं से भी समर्थन मांगा, जबकि जनवरी में पहलवानों ने वृंदा किरात को मंच पर जाने से रोक दिया था। पहलवानों को कई राजनेताओं और पार्टियों का समर्थन मिला। इस बीच जांच समिति की सदस्य बबीता फोगाट ने रिपोर्ट से असहमति जताई और जांच समिति की एक सदस्य पर बदसलूकी के आरोप भी लगाए।

पहलवानों का धरना बढ़ा
पहलवानों से पीएम मोदी सहित खेल मंत्री और आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा ने धरना छोड़ बात करने की अपील की, लेकिन पहलवानों ने धरना खत्म नहीं किया। वहीं, उन्होंने बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत कर दी। पहलवानों ने कहा कि आरोप लगाने वाली महिलाओं के नाम का खुलासा कर दिया गया है और उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्हें पैसे का लालच दिया जा रहा है और उनकी जान को खतरा है। इस बीच कुश्ती संघ के संचालन के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया गया। इस समिति को संघ का कामकाज देखने और चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई।

पहलवानों को मिला समर्थन
आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि पहलवानों को आईओए के पास शिकायत करनी थी। उनके धरने पर बैठने से देश की छवि खराब हो रही है। पहलवानों को अनुशासन में रहना चाहिए। इसके बाद पीटी उषा के बयान का जमकर विरोध हुआ। पहलवानों ने इस पर नाराजगी जताई और कई नेताओं ने उषा के बयान का विरोध किया। पहलवानों की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने जांच समिति की रिपोर्ट भी मांगी।

सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
दूसरी बार धरने पर बैठे पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में भी बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर को लेकर शिकायत की और 28 अप्रैल को इस मामले पर सुनवाई हुई। यहां दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज करने के लिए तैयार हो गई। कोर्ट ने पुलिस को शिकायत करने वाली पहलवानों की सुरक्षा तय करने का भी निर्देश दिया। इसके बाद पहलवानों ने कहा कि बृजभूषण सिंह के गिरफ्तार होने तक धरना जारी रहेगा। वहीं, बृजभूषण सिंह ने खुद को निर्दोष बताया और संकेत दिया कि पूरी ताकत लगाकर खुद को निर्दोष साबित करेंगे।

पहलवानों ने क्या कहा?
पहलवानों का कहना है कि 14-15 लड़कियों ने कमेटी के सामने अपने बयान दर्ज कराए। इनमें से सात ने शिकायत भी दर्ज कराई। शिकायत करने वाली लड़कियों में एक नाबालिग भी है, लेकिन समिति ने कोई कार्रवाई नहीं की। पहलवानों ने जांच समिति पर आरोप लगाते हुए कहा कि राधिका श्रीमन ने खुद स्वीकार किया है कि एक लड़की ने शिकायत की थी। ऐसा था तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

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