पदयात्रा खत्म होते ही दूसरे आंदोलन की चेतावनी दी सचिन पायलट ने
Rajsthan: राजस्थान कांग्रेस में गहलोत-पायलट के बीच चल रहे सियासी बवाल में साेमवार को नया रोमांचक मोड़ आ गया है। जन संघर्ष यात्रा निकाल रहे सचिन पायलट ने अब खुलकर कांग्रेस की गहलोत सरकार को चुनौती दे डाली है। पायलट ने जयपुर में शक्ति प्रदर्शन करते हुए 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए 3 मांगें पूरी करने की बात कही है। उन्हाेंने सभा के मंच से ये भी ऐलान कर दिया है कि 15 दिन में मांगें पूरी नहीं हुई तो वो प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे। पायलट ने यह भी कहा कि अब तक वो गांधीवादी तरीके के अपनी बात रख रहे थे लेकिन अब सरकार ने नहीं सुनी तो आंदोलन का रुख करेंगे।
पायलट ने कहा कि जनता का समर्थन मेरे मुद्दे को मिला है. मैं एक वादा करना चाहता हूं कि मैं लंबे समय से राजनीति कर रहा हूं. यात्रा में बहुत साथी साथ चले और मैं कहना चाहता हूं कि आखिरी सांस तक प्रदेश की जनता की सेवा करता रहूंगा. राजनीति सिर्फ पद के लिए नहीं होती, जो भी कुर्बानी देनी पड़े तो दूंगा. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि जो पेपर लीक पीड़ित हैं उन्हें मुआवजा मिले, आरपीएस को भंग किया जाये, नये सिरे से चयन प्रक्रिया तय हो. वसुंधरा सरकार के खिलाफ लगे आरोपों की जांच हो.
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारा संघर्ष किसी नेता के खिलाफ नहीं है. ये भ्रष्टाचार के खिलाफ है. राजस्थान में हमारी सरकार हटी थी तब कांग्रेस की बहुत कम सीट थी. तब मुझे कहा गया कि आपको कांग्रेस का अध्यक्ष बनना है. हमने पांच साल एकजुट होकर काम किया. वसुंधरा राजे के शासन में जो भ्रष्टाचार हुआ उस पर हमने आरोप लगाया. जब हमारी सरकर बनी तो जो हमने कहा था वो हमने किया, लेकिन जो आरोप हमने लगाया था उसको आज साढ़े चार साल हो गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
उन्होंने कहा कि मैं लगातार उन्हें पत्र लिखता रहा, गृह मंत्री को भी पत्र लिखा. मैंने अनशन भी किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. फिर मैंने सोचा कि इस भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनता के बीच जाना होगा. ये पेपर लीक होता कैसे है, पूरे तंत्र को बदलना पड़ेगा. हमारे युवाओं का जीवन अंधकार में चला जा रहा है. 20 से 25 लाख बच्चे हर साल गांव से शहर आते हैं, कोचिंग करते हैं. उनके मां बाप पेट काटकर फीस देते हैं. उनके पेपर कैंसिल हो जाते हैं, पेपर लीक हो जाते हैं, उम्र निकल जाती है. युवाओं का भविष्य सुरक्षित नहीं तो देश भी सुरक्षित नहीं. राजस्थान की जनता समझदार है वो सब सही गलत समझती है.