अडानी-हिंडनबर्ग मामले की सुनवाई अब 10 जुलाई को करेगा सुप्रीम कोर्ट
New Delhi: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के 3-जज की बेंच ने अदाणी-हिंडनबर्ग मामले पर सुनवाई टाल दी है. CJI DY चंद्रचूड़, जस्टिस PS नरसिम्हा और JB पारदीवाला की बेंच अब 10 जुलाई को मामले पर सुनवाई करेगी.
आपको बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से SEBI की जांच के लिए और समय देने की याचिका पर फैसला आना था. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 12 जुलाई को ये भी कहा था कि वो जस्टिस सप्रे कमिटी की रिपोर्ट को भी 13-14 मई को पढ़ेंगे. कोर्ट ने कमिटी की उस रिपोर्ट पर भी सोमवार, 15 मई को कोई टिप्पणी नहीं की.
GDR मामले में SEBI ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. SEBI ने साफ किया है कि 2016 से अदाणी ग्रुप पर जांच के आरोप एकदम गलत और ‘तथ्यात्मक रूप से निराधार हैं.’
SEBI की तरफ से दाखिल जवाब में कहा गया है कि GDR जारी करने के मामले में जांच पूरी करने के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत एक्शन लिया जा चुका है. इन 51 भारतीय कंपनियों में अदाणी ग्रुप की कोई भी कंपनी शामिल नहीं है. SEBI की तरफ से ये जवाब ऐसे वक्त में आया है जब ये आरोप लग रहे थे कि GDR मामले में अदाणी ग्रुप पर 2016 से जांच चल रही है. SEBI ने अपने जवाब में इसे पूरी तरह से तथ्यहीन बताया है.
शुक्रवार, 12 मई को हुई थी आखिरी सुनवाई
शुक्रवार को अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में जस्टिस सप्रे की कमिटी की रिपोर्ट आ गई है. हम वीकेंड के दौरान ये रिपोर्ट देखेंगे. 15 मई यानी सोमवार को SEBI के एक्सटेंशन की याचिका पर आदेश जारी किया जाएगा.
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने SEBI की तरफ से मांगे गए 6 महीने के समय का ब्योरा दिया और कहा कि हम उतना ही समय मांग रहे हैं जितना वाकई जरूरी है. इस पर CJI ने कहा था, हम ये नहीं कह रहे कि हम समय नहीं देंगे. 6 महीने नहीं लेकिन हम आपको 3 महीने का समय दे सकते हैं.
शुक्रवार को PILs पर दलील पेश करते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा था, SEBI को अब तक की जांच में मिली जानकारी कोर्ट को देनी चाहिए. हालांकि CJI ने इससे ये कहते हुए इनकार कर दिया कि ‘इस वक्त जानकारी साझा करना उचित नहीं है. अगर SEBI अभी ही जांच की जानकारी देगा तो इससे जांच को नुकसान पहुंचेगा’. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि ये कोई क्रिमिनल केस नहीं है कि इसकी केस डायरी मांगी जाए.
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, SEBI के आवेदन में इस्तेमाल किया गया ‘Suspicious’ शब्द, हमने नहीं दिया बल्कि ये हिंडनबर्ग की तरफ से लगाया गया आरोप है.