नई संसद में पीएम मोदी ने दिया पहला संबोधन,कहा-नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है
New Delhi: पीएम मोदी ने आज देश को नया संसद भवन समर्पित किया है। इस मौके पर उन्होंने नए संसद भवन में पहली बार संबोधन दिया। उन्होंने कहा, ‘देश की विकास यात्रा में कुछ पल अमर हो जाते हैं। आज 28 मई 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ अवसर है। देश आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। आज सुबह ही संसद भवन परिसर में सर्व पंथ प्रार्थना हुई है। मैं सभी देशवासियों को इस स्वर्णिम क्षण की बहुत बधाई देता हूं। यह सिर्फ भवन नहीं है यह 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। यह हमारे लोकतंत्र का मंदिर है।’
पीएम ने कहा, ‘यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को साकार करने का साधन बनेगा। यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। यह नया भवन विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धी होते हुए देखेगा। नए रास्तों पर चलकर ही नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं। आज नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है। नया जोश है, नई उमंग है, दिशा नई है, दृष्टि नई है।’
नई इमारत में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हुई: पीएम
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज इस ऐतिहासिक अवसर पर कुछ देर पहले संसद की नई इमारत में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हुई है। महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को कर्तव्य पथ का, सेवा पथ का, राष्ट्र पथ का प्रतीक माना जाता था। राजा जी और अधिनम के संतों के मार्ग दर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तातंरण का प्रतीक बना था। तमिलनाडु से विशेष तौर पर अधिनम के संत भवन में हमें आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित हुए थे।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को साकार करने का साधन बनेगा। यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। यह नया भवन विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धी होते हुए देखेगा।’
पीएम ने कहा, ‘आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है। इसमें वास्तु, विरासत, कला, कौशल, संस्कृति और संविधान भी है। लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है, राज्यसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है। संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है।’
25 वर्षों में हमें मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है: पीएम
पीएम मोदी ने कहा, ‘संसद भवन ने करीब 60,000 श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया है। इनके श्रम को समर्पित एक डिजिटल गैलेरी भी बनाई गई है। आज जब हम लोकसभा और राज्यसभा को देखकर उत्सव मना रहे हैं तो मुझे संतोष है कि हमने देश में 30,000 से ज़्यादा नए पंचायत भवन भी बनाए हैं। पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक हमारी निष्ठा एक ही है। हमारे पास 25 वर्ष का अमृत कालखंड है। इन 25 वर्षों में हमें मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है।’
पीएम ने कहा कि हमारा संविधान ही हमारा संकल्प है. जो रुक जाता है, उसका भाग्य भी रुक जाता है. जो चलता रहता है, उसका भाग्य भी चलता रहता है. इसलिए चलते रहो. गुलामी के बाद हमारे भारत ने बहुत कुछ खोकर अपनी नई यात्रा शुरू की थी. वो यात्रा कितने ही उतार-चढ़ाव से होते हुए, कितनी ही चुनौतियों को पार करते हुए आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुकी है.
देश की यात्रा में कुछ क्षण ऐसे आते हैं, जो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं. कुछ तारीखें, समय के ललाट पर इतिहास का अमिट हस्ताक्षर बन जाती हैं. आज ऐसा ही अवसर है. देश आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है. आज सुबह ही संसद परिसर में सर्वपंथ प्रार्थना हुई है. मैं सभी देशवासियों को भारतीय लोकतंत्र के इस स्वर्णिम क्षण की बधाई देता हूं. ये सिर्फ एक भवन नहीं, 140 करोड़ भारतवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है. ये विश्व को भारत के दृढ़ संकल्प का संदेश देता हमारे लोकतंत्र का मंदिर है.
लोकतंत्र हमारा ‘संस्कार’, विचार और परंपरा: PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत न सिर्फ लोकतंत्र का सबसे बड़ा देश है. बल्कि मदर ऑफ डेमोक्रेसी भी है. यह वैश्विक लोकतंत्र की नींव भी है. लोकतंत्र हमारा ‘संस्कार’, विचार और परंपरा है.
भाषण के बाद सीनियर नेताओं से मिले पीएम मोदी
नए संसद भवन में अपने भाषण को खत्म करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई सीनियर नेताओं के साथ बातचीत की, जिनमें पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शामिल हैं. उसके बाद वह नए संसद परिसर से चले गए.