पंचायत चुनाव से पहले बंगाल में बवाल, कूचबिहार में भिड़े दो गुट, एक की मौत
Paschim Bangal: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले ही बवाल शुरु हो गया है. राज्य से लगातार हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं. अब कूचबिहार में दो गुटों के भिड़ने की खबर है. बताया जा रहा है कि मंगलवार को कूचबिहार जिले में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई. ये दोनों गुट टीएमसी के बताए जा रहे हैं. इस दौरान दोनों गुटों ने एक दूसरे पर फायरिंग कर दी. जिसमें पांच लोग घायल हो गए. इस गोलीबारी में एक युवक की मौत भी हो गई. बता दें कि पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए मतदान होने वाला है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में जब भी कोई चुनाव होता है, हिंसा की घटनाएं आम हो जाती है. पंचायत चुनाव में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. चुनाव के लिए प्रत्याशी अपना-अपना नामांकन कर रहे हैं और नामांकन के दौरान ही ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, कूचबिहार जिले के दिनहाटा के जरीधल्ला में मंगलवार सुबह ऐसी ही हिंसा देखने को मिली. जब टीएमसी से जुड़े दो गुट आपस में भिड़ गए. इस दौरान दोनों ओर से गोलीबारी हो गई. जिसमें एक शख्स की गोली लगने से मौत हो गई और चार अन्य लोग घायल हो गए. इस गोलीबारी में मारे गए युवक की पहचान बाबू हक के रूप में की गई है.
नियंत्रण में स्थिति- एसपी
कूचबिहार में हुई इस हिंसा के बारे में जिले के एसपी सुमित कुमार ने बताया कि कूचबिहार जिले के गीतलदाहा में मंगलवार सुबह दो गुटों के बीच झड़प हुई. जिसमें 5 लोगों को गोली लगी है, जिनमें से एक की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि मरने वाले युवक का नाम बाबू हक है. घटना की जानकारी होते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई है और अब स्थिति नियंत्रण में है. ये कोई पहला मौका नहीं है जब पंचायत चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में इस तरह की हिंसा की खबरें आ रही हैं. सोमवार को ही मुर्शिदाबाद जिले के डोमकोल में पंचायत चुनाव के प्रचार के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इस दौरान यहां तृणमूल और सीपीआईएम के समर्थकों के बीच जमकर झड़प हुई.
स्थानीय लोगों के मुताबिक, सीपीआईएम के उम्मीदवार डोमकोल में प्रचार कर रहे थे. तभी टीएमसी के समर्थकों ने आरोप लगाया कि विपक्षी भीड़ को उकसा रहे हैं और माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. डोमकोल में हुई हिंसा के बीच बमबारी और फायरिंग भी की गई. जिसमें टीएमसी के चार कार्यकर्ता घायल हो गए. राज्य में बढ़ती हिंसा की घटनाओं को देखते हुए विपक्षी पार्टियों ने केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती की मांग की थी. कोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है. राज्य में 800 से ज्यादा कंपनियों को तैनात किया जाएगा.