महाराष्ट्र में विभागों का बंटवारा, अजित को मिला वित्त मंत्रालय
Maharastra: सियासी उलटफेर के बाद महाराष्ट्र कैबिनेट में विभागों का बंटवारा हो गया है। डिप्टी सीएम अजित पवार को वित्त के साथ योजना विभाग मिला है। वहीं छगन भुजबल को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग सौंपा गया है। धनंजय मुंडे को कृषि मंत्रालय की कमान सौंपी गई है। इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच वर्षा बंगले पर करीब डेढ़ घंटे तक बैठक हुई। इसमें विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चा हुई। शिवसेना और बीजेपी के कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव की संभावना जताई जा रही थी।
एनसीपी को मिले 7 मंत्रालय
पोर्टफोलियो बंटवारे में अजित पवार की मुराद पूरी हो गई है और उन्हें वित्त मंत्रालय सौंपा गया है। इसके अलावा योजना, को-ऑपरेटिव, कृषि विभाग, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, महिला और बाल विकास विभाग, राहत और पुनर्वास और चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय एनसीपी के अजित पवार गुट को दिया गया है। धनंजय मुंडे को कृषि मंत्रालय मिला जो पहले सीएम एकनाथ शिंदे के पास था। हसन मुशरीफ को चिकित्सा और शिक्षा विभाग मिला। अदिति तटकरे को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मिला है।अजित पवार वित्त और सहकारिता विभाग एनसीपी के पास रखने के लिए अड़े थे। यहां अहम बात यह है कि शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावले और प्रहार पार्टी के विधायक बच्चू कडू के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों ने अजित पवार का कड़ा विरोध किया था। इन्होंने शिकायत की थी कि जब अजित तत्कालीन वित्त मंत्री थे तो उन्होंने उनके लिए बजट रोक दिया था। यही वह कारण थे जिसके चलते एमवीए सरकार और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने इन्हें बाहर निकलना पड़ा था।
एनसीपी सूत्रों ने कहा कि अजित के गुट के आने और शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल होने से पहले ही व्यवस्था तैयार कर ली गई थी। सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना अजित के खेमे में आने के लिए जरूरी नए सत्ता-समीकरण पर सहमत हो गई है। इस बात पर जोर देते हुए कि सब कुछ सुचारू रूप से हो गया और इन दावों पर हंसते हुए कि कुछ भी अंतिम रूप नहीं दिया गया था और कुर्सी को लेकर खींचतान थी। एनसीपी सूत्रों ने पूछा कि क्या आपको लगता है कि हमने इतना बड़ा फैसला लिया और बिना किसी झगड़े के एक नए गठबंधन में शामिल हो गए। इसमें शामिल सभी प्रासंगिक मुद्दे क्या हैं?
18 जुलाई को एनडीए की बैठक
दरअसल उन्होंने 18 जुलाई को दिल्ली में बुलाई गई एनडीए बैठक में एनसीपी की भागीदारी की भी पुष्टि की। अजीत और प्रफुल्ल पटेल एनसीपी का प्रतिनिधित्व करेंगे जो कि बीजेपी के साथ उनके गठबंधन को मजबूत करने का प्रतीक होगा। लेकिन आगे कैबिनेट विस्तार पर अनिश्चितता अभी भी जारी है। जहां सीएम शिंदे तत्काल विस्तार के इच्छुक हैं, वहीं बीजेपी का विचार है कि यह 17 जुलाई से शुरू होने वाले राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के बाद होना चाहिए।