NDA में शामिल हुई चिराग पासवान की पार्टी, अमित शाह से मुलाकात के बाद फैसला
New Delhi: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से सोमवार (17 जुलाई) को मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होने का फैसला लिया.
बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने चिराग पासवान के साथ तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘चिराग पासवान से दिल्ली में भेंट हुई. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले राजग (NDA) में शामिल होने का निर्णय लिया है. मैं उनका राजग परिवार में स्वागत करता हूं.’’
एनडीए की मंगलवार को होने वाली बैठक से ठीक पहले चिराग पासवान के सत्ताधारी गठबंधन में शामिल होने को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है, विशेष रूप से बिहार की राजनीति के लिए. चिराग के पिता और दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के नेतृत्व में अविभाजित एलजेपी ने 2019 में छह लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था और बीजेपी के साथ सीट के बंटवारे के तहत उसे राज्यसभा की एक सीट भी मिली थी.
चिराग चाहते हैं कि उनकी पार्टी में विभाजन के बावजूद बीजेपी, उसी व्यवस्था पर कायम रहे. लोजपा (एलजेपी) में विभाजन के बाद बने दूसरे गुट राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग के चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हैं, जो सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं.
लोजपा (रामविलास) के सूत्रों ने कहा कि चिराग पासवान ने अपने गठबंधन को औपचारिक रूप देने से पहले बिहार में लोकसभा और विधानसभा सीट के अपने हिस्से के बारे में बीजेपी के समक्ष स्पष्टता पर जोर दिया है.
चिराग पासवान सीट के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए बीजेपी के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं. शाह से आज की उनकी मुलाकात को भी इसी कवायद के रूप में देखा जा रहा है. केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय इससे पहले चिराग पासवान से दो बार मुलाकात कर चुके हैं.
चिराग यह भी चाहते हैं कि बीजेपी उन्हें हाजीपुर लोकसभा सीट दे, जो दशकों से उनके पिता का गढ़ रही है, लेकिन वर्तमान में संसद में पारस इस सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. चिराग के चाचा ने भी इस सीट पर दावा करते हुए कहा है कि वही रामविलास पासवान के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं, ना कि चिराग.
बीजेपी भी दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने के लिए काम कर रही है. केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री पारस से भी मुलाकात की है. चिराग पासवान 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के तत्कालीन सहयोगी नीतीश कुमार का विरोध करने के कारण राजग से अलग हो गए थे, लेकिन वह प्रमुख मुद्दों पर बीजेपी के समर्थन में रहे.