मणिपुर पर चुनावी वर्ष में सिर्फ राजनीति कर रहा विपक्ष- अनुराग ठाकुर
New Delhi: मणिपुर मामले को लेकर संसद में जबरदस्त तरीके से तकरार जारी है। एक और विपक्षी जहां मणिपुर पर चर्चा की मांग कर रहा है तो वहीं सरकार भी साफ तौर पर कह रही है कि वह चर्चा को तैयार है। बावजूद इसके तकरार कम नहीं हो पा रही है। इन सबके बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार का दौर भी जारी है। सत्तापक्ष जहां विपक्षी दलों पर राजनीति का आरोप लगा रही है तो वहीं विपक्षी दलों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग की जा रही है।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि हमने जब उनकी मणिपुर पर चर्चा की मांग को स्वीकार किया तो उन्होंने प्रधानमंत्री के सदन में आकर जवाब देने की मांग रखी। विपक्ष की ज़िम्मेदारी है कि मसला शांतिपूर्ण समाधान की तरफ बढ़े। वे ऐसे मसले पर भी राजनीति कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सदन के अंदर आएं और चर्चा में भाग लें। सरकार पहले दिन से चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ऐसी क्या मजबूरी है कि वे चर्चा से भाग रहे हैं…साफ दिखता है कि वे चुनावी वर्ष में सिर्फ राजनीति करने का काम कर रहे हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि अगर आपको 2018 की याद हो तो तब भी विपक्ष यह जानते हुए भी कि भाजपा-NDA के पास पूर्ण बहुमत है उसके बाद भी अविश्वास प्रस्ताव लाया था।
विपक्ष का दावा
TMC सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि मणिपुर बहुत गंभीर मुद्दा है, प्रधानमंत्री क्यों नहीं आ सकते? हम सभी मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं…हम मणिपुर मुद्दे पर इमरजेंसी रूल के तहत चर्चा चाहते। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व सभी सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों को वहां (मणिपुर) के हालात का जायज़ा लेने के लिए जाना चाहिए। हम बिहार और पश्चिम बंगाल पर भी चर्चा करने के लिए तैयार हैं। सरकार को जल्द से जल्द अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करानी चाहिए। हमें अन्य मुद्दों पर चर्चा करने पर कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उन्हें पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करानी चाहिए।