मन की बात में पीएम मोदी ने G20 Summit को सफल बनाने से लेकर चंद्रयान-3 की सफलता पर चर्चा की

New Delhi: दो देशों के सफल दौरे और चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद प्रधानमंत्री ने आज अगस्त महीने के अंतिम रविवार को अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने चंद्रयान की सफलता पर देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि आज भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है और यह सब संभव हुआ है हमारे वैज्ञानिकों की वजह से। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि सावन के महीने में दो बार मन की बात का कार्यक्रम हो रहा है।

पीएम ने कहा कि भारत के चंद्रयान की सफलता ने दुनियाभर में भारत का नाम और भी बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि हमें चंद्रयान से हमें सिखाना चाहिए कि कैसे असम्भव को भी संभव बनाया जा सकता है। हमें परेशानियों और असफलताओं से डरना और रुकना नहीं चाहिये। उन्होंने कहा कि चंद्रयान की सफलता में देश की महिलाओं और बेटियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। सैकड़ों महिलाओं ने इस मिशन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से योगदान दिया है। पीएम मोदी ने कहा,”भारत की बेटियां अब अनंत समझे जाने वाले अंतरिक्ष को भी चुनौती दे रही हैं। किसी देश की बेटियां जब इतनी आकांक्षी हो जाएं, तो उसे, उस देश को, विकसित बनने से भला कौन रोक सकता है।”

G-20 सम्मेलन पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सितम्बर का महीना, भारत के सामर्थ्य का साक्षी बनने जा रहा है। अगले महीने होने जा रही G-20 सम्मेलन के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है। इस आयोजन में भाग लेने के लिए 40 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अनेक Global Organisations राजधानी दिल्ली आ रहे हैं। G-20 Summit के इतिहास में ये अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी होगी। पीएम ने कहा कि पिछले साल, बाली में भारत को G-20 की अध्यक्षता मिलने के बाद से अब तक इतना कुछ हुआ है, जो हमें गर्व से भर देता है। दिल्ली में बड़े-बड़े कार्यक्रमों की परंपरा से हटकर, हम इसे देश के अलग-अलग शहरों में ले गए।

मोदी ने कहा कि इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए 40 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अनेक वैश्विक संगठन के प्रतिनिधि दिल्ली आ रहे हैं, जो कि इस शिखर सम्मेलन के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी देशवासियो से कहूंगा कि आइए, मिलकर जी-20 सम्मलेन को सफल बनाएं, देश का मान बढ़ाएं।’’ प्रधानमंत्री ने भारत की अध्यक्षा में हो रहे इस शिखर सम्मेलन को ‘पीपुल्स प्रेसिडेंसी’ करार दिया और कहा कि इसमें जनभागीदारी की भावना सबसे आगे है। उन्होंने बताया कि जी-20 के 11 विभिन्न भागीदार समूह थे, जिनमें अकादमिक विशेषज्ञ, नागरिक समूह, युवा, महिलाएं, सांसद, उद्यमी और शहरी प्रशासन से जुड़े लोगों ने अहम भूमिका निभाई और इसे लेकर देशभर में हुए आयोजनों में किसी न किसी रूप से डेढ़ करोड़ से अधिक लोग जुड़े हैं। मोदी ने कहा कि जनभागीदारी की इस कोशिश में दो-दो विश्व रिकॉर्ड भी बन गए हैं। इस क्रम में प्रधानमंत्री ने वाराणसी में हुए जी-20 क्विज में 800 स्कूलों के 1.25 लाख छात्रों की भागीदारी, 450 लंबानी कारीगरों के संग्रहों और सूरत में आयोजित साड़ी ‘वॉकेथॉन’ का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ‘‘अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत ने जी-20 को और ज्यादा समावेशी मंच बनाया है। भारत के निमंत्रण पर ही अफ्रीकी संघ भी जी-20 से जुड़ा और अफ्रीका के लोगों की आवाज दुनिया के इस अहम मंच तक पहुंची।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल बाली में भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने के बाद से अब तक इतना कुछ हुआ है, जो देश को गर्व से भर देता है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में बड़े-बड़े कार्यक्रमों की परंपरा से हटकर, इस बार देश के अलग-अलग 60 शहरों में इससे जुड़ी करीब 200 बैठकों का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘जी-20 प्रतिनिधि जहां भी गए, वहां लोगों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। ये प्रतिनिधि हमारे देश की विविधता और हमारे जीवंत लोकतंत्र को देखकर बहुत ही प्रभावित हुए। उन्हें यह भी एहसास हुआ कि भारत में कितनी सारी संभावनाएं हैं।

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