6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी, सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
देश के छह राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर सुबह मतदान शुरू हुआ। मतदान केंद्रों पर वोट डालने के लिए सुबह से ही लोगों की भीड़ देखी गई। इन केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान मंगलवार सुबह सात बजे शुरू हो गया और वोट शाम छह बजे तक पड़ेंगे।
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि मतदेय स्थलों पर जो मतदाता शाम छह बजे उपस्थित रहेंगे, वे भी वोट डाल सकेंगे।
रिणवा के मुताबिक, उपचुनाव के लिए 239 मतदान केंद्र और कुल 455 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस उपचुनाव में 4.30 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे, जिनमें 2.31 लाख पुरुष, 1.99 लाख महिलाएं और नौ अन्य शामिल हैं।
घोसी उपचुनाव में कुल 10 उम्मीदवार मैदान में हैं। रिणवा ने बताया कि मतदान पर करीबी नजर रखने के लिए आयोग ने एक सामान्य प्रेक्षक, एक व्यय प्रेक्षक और एक पुलिस प्रेक्षक भी तैनात किया है। इसके अलावा, 27 सेक्टर मजिस्ट्रेट, दो जोनल मजिस्ट्रेट और 110 माइक्रो पर्यवेक्षकों की भी तैनाती की गई है।
रिणवा के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष, सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम एवं सुरक्षा व्यवस्था की है।
उन्होंने बताया कि मतदान के पर्यवेक्षण के लिए मतदेय स्थलों पर लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है, जिसका पर्यवेक्षण जिला निर्वाचन अधिकारी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी और भारत निर्वाचन आयोग तीनों स्तर पर किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती की गई है और स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को दी गई है।
इस उपचुनाव को उत्तर प्रदेश में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी दलों के गठजोड़ ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के बीच पहली चुनावी भिड़ंत के तौर पर देखा जा रहा है।
घोसी विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव राज्य में विपक्षी गुट ‘इंडिया’ के गठन और पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रभावशाली मानी जाने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राजग में शामिल होने के बाद हो रहा पहला चुनाव है।
घोसी से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक और अन्य पिछड़ा वर्ग के नेता दारा सिंह चौहान के गत जुलाई में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे देने और भाजपा में शामिल होने के बाद इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल
उधर पश्चिम बंगाल के धूपगुड़ी विधानसभा सीट पर शुरुआती दो घंटे में 17 प्रतिशत से अधिक मतदान हुए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि विधानसभा सीट के 260 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और सुबह नौ बजे तक 17.25 प्रतिशत मतदान हुआ।
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मतदान अभी तक शांतिपूर्ण है। किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।’’
सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गयी है और केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों के जवान वहां पहरा दे रहे हैं। मतदान शाम साढ़े छह बजे तक चलेगा।
मार्क्सवादी कम्युनिस्टी पार्टी (माकपा) के ईश्वर चंद्र रॉय कांग्रेस-वामदल गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं, जबकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पेशे से शिक्षक निर्मल चंद्र रॉय को टिकट दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कुछ साल पहले कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए सीआरपीएफ जवान की विधवा तापसी रॉय को अपना उम्मीदवार बनाया है।
साल की शुरुआत में धुपगुड़ी से भाजपा विधायक बिशु पदा रे के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था।
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित धूपगुड़ी विधानसभा क्षेत्र में लगभग 50 प्रतिशत राजबंशी और 15 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी रहती है।
भाजपा ने 2021 में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी से यह सीट छीन ली थी। इस सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए मतगणना
आठ सितंबर को होगी।
त्रिपुरा
त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले में धनपुर और बॉक्सानगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में मंगलवार को मतदान के पहले दो घंटे के समय में औसतन 18.71 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। निर्वाचन आयोग (ईसी) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि धनपुर विधानसभा क्षेत्र के 59 और बॉक्सानगर के 51 मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और वोट शाम चार बजे तक डाले जाएंगे।
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दो विधानसभा क्षेत्रों में शांतिपूर्ण ढंग से मतदान शुरू हुआ। मैं मतदाताओं से अपील करता हूं कि वे बाहर आएं और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करें। मैं लोगों से मतदान के दौरान शांति बनाए रखने और पिछले विधानसभा चुनाव की तरह शांतिपूर्ण मतदान की मिसाल दोहराने का भी आग्रह करता हूं।’’
पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर बॉक्सानगर से जीत दर्ज करने में असफल रहे तफज्जल हुसैन इस बार क्षेत्र में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उम्मीदवार मिजान हुसैन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
बॉक्सानगर विधानसभा क्षेत्र में कुल 43,087 मतदाताओं में से 66 प्रतिशत मतदाता अल्पसंख्यक हैं। फरवरी में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में माकपा इस सीट को बरकरार रखने में कामयाब रही थी।
वहीं, कभी वामपंथियों का गढ़ माने जाने वाले धनपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के बिंदू देबनाथ और माकपा के कौशिक देबनाथ के बीच मुकाबला है। इस सीट पर 50,346 मतदाता मतदान के पात्र हैं। सात महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पहली बार इस सीट पर जीत हासिल की थी।
कांग्रेस और टिपरा मोथा ने इन दो सीटों पर उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं।
माकपा विधायक समसुल हक के निधन के कारण बॉक्सानगर निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव आवश्यक हो गया था। वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक के धनपुर के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था। वोटों की गिनती आठ सितंबर को की जाएगी।
झारखंड
झारखंड की डुमरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में मंगलवार को सुबह नौ बजे तक 2.98 लाख मतदाताओं में से 11 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हो रहा है और शुरुआती दो घंटे में 11.40 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मतदाताओं और मतदान अधिकारियों को शुभकामनाएं दीं और मतदाताओं से अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की अपील की।
सोरेन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज डुमरी में झारखंडी अस्मिता की रक्षा करने वालों को सशक्त बनाने का चुनाव है, आज अपने लोगों के लिए समर्पित होने वाले को सम्मान देने का चुनाव है, आज डुमरी अपना भविष्य चुनेगा जो झारखंड और झारखंडी की रक्षा के लिए हमेशा लड़ेगा, आज डुमरी में चुनाव है। डुमरी में लोकतंत्र एक बार फिर धनतंत्र को हराएगा।’’
पूरे निर्वाचन क्षेत्र में मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं, विशेषकर महिलाओं की लंबी कतार दिखी।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) की प्रत्याशी बेबी देवी ने बोकारो जिले के नवाडीह ब्लॉक के तहत अलारगो गांव में एक मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
बेबी देवी दिवंगत जगरनाथ महतो (पूर्व मंत्री) की पत्नी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं दिवंगत जगरनाथ महतो द्वारा इस विधानसभा क्षेत्र के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने को प्रतिबद्ध हूं।’’
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि 373 मतदान केंद्रों पर मतदान जारी है, जिनमें से लगभग 200 की पहचान नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों के तौर पर हुई है। अधिकारी के मुताबिक, मतदान शाम पांच बजे तक होगा।
डुमरी उपचुनाव में 1.44 लाख महिलाओं सहित 2.98 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के पात्र हैं और वे तीन निर्दलीय सहित कुल छह उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
अधिकारी के अनुसार, डुमरी में निष्पक्ष एवं सुरक्षित मतदान सुनिश्चित करने के लिए झारखंड सशस्त्र पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों के साथ-साथ होम गार्ड की तैनाती की गई है।
डुमरी से झामुमो विधायक और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था। महतो साल 2004 से राज्य विधानसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी से यशोदा देवी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रत्याशी के रूप में किस्मत आजमा रही हैं। वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने मोहम्मद अब्दुल मोबीन रिजवी को टिकट दिया है।
अधिकारी के मुताबिक, डुमरी में वोटों की गिनती आठ सितंबर को की जाएगी।
उत्तराखंड
उत्तराखंड की बागेश्वर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए मंगलवार को सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो गया और नौ बजे तक 10 प्रतिशत से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि पहले दो घंटे में 10.13 प्रतिशत मतदाता अपने वोट डाल चुके हैं। उन्होंने बताया कि मतदान केंद्रों के बाहर कतारें धीरे-धीरे बढ़ती जा रही हैं और दिन चढ़ने के साथ मतदान प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल में परिवहन मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे भाजपा विधायक चंदन राम दास के इस वर्ष अप्रैल में बीमारी के कारण हुए निधन के कारण रिक्त सीट पर यह उपचुनाव हो रहा है।
उपचुनाव में कुल पांच प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं लेकिन मुख्य मुकाबला एक बार फिर प्रदेश में चिर परिचित प्रतिद्वंदी सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच है ।
राम दास 2007 में इस सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने थे और उसके बाद से लगातार चार चुनावों में जीत का सेहरा उनके सिर ही बंधा।
दिवंगत विधायक के प्रति सहानुभूति को अपने पक्ष में भुनाने के लिए भाजपा ने उनकी विधवा पार्वती दास को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने उनके विरूद्ध बसंत कुमार को टिकट दिया है । कुमार ने 2022 में हुआ पिछला विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के टिकट पर लड़ा था और उपचुनाव से ऐन पहले आप का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है।
भाजपा और कांग्रेस के अलावा, समाजवादी पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं ।
लगभग एक पखवाड़े चले चुनाव प्रचार के दौरान दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
मुख्यमंत्री धामी ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में कई चुनावी सभाएं की और जनता से कहा कि बागेश्वर में बैजनाथ धाम होने से यह शिव की नगरी है और इसलिए यहां से पार्वती को जिताएं।
उधर, कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष करन माहरा, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी पूरे विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण किया और पार्टी प्रत्याशी के लिए वोट मांगे।
माहरा ने कहा कि आज मंहगाई, बेरोजगारी, नारी उत्पीड़न तथा भ्रष्टाचार अपने चरम पर है और आम आदमी को दो वक्त की रोटी खाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है ।
उन्होंने आरोप लगाया कि धामी अपने अभी तक के कार्यकाल में कोई विशेष काम नहीं कर पाए हैं और केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का सहारा लेकर सत्ता पर काबिज हैं । माहरा ने कहा कि बागेश्वर की जनता केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोशित है और उपचुनाव में उन्हें करारा जवाब देगी ।मतों की गिनती आठ सितंबर को होगी और उसी दिन नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे ।
राज्य में भाजपा दो तिहाई बहुमत के साथ काबिज है इसलिए इस उपचुनाव के नतीजों का सरकार पर कोई असर नहीं होगा । लेकिन राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले धामी सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता पर विशेषज्ञ समिति का गठन, जबरन धर्मांतरण, नकल विरोधी और अतिक्रमण के विरूद्व कठोर कानून जैसे निर्णयों पर यह जनता की राय साबित होगा ।
सत्तर सदस्यीय राज्य विधानसभा में फिलहाल सत्ताधारी भाजपा के 46, कांग्रेस के 19 और बहुजन समाज पार्टी के दो विधायक हैं। दो अन्य विधायक निर्दलीय है। एक सीट रिक्त है जिस पर उपचुनाव हो रहा है।
केरल
केरल के कोट्टायम जिले के पुथुपल्ली विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए मंगलवार सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है।
चांडी का इस साल 18 जुलाई को निधन हो गया था। उन्होंने पांच दशकों से अधिक समय तक कोट्टायम जिले के इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था।
कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने ओमन चांडी के बेटे चांडी ओमन को चुनाव मैदान में उतारा है। विश्लेषक इस कदम को पूर्व मुख्यमंत्री की मृत्यु के बाद सहानुभूति लहर को भुनाने की एक स्पष्ट रणनीति के रूप में देख रहे हैं।
वहीं, सत्तारूढ़ वाम मोर्चे ने एक बार फिर डीवाईएफआई नेता जैक सी थॉमस पर भरोसा जताया है, जिन्होंने 2016 और 2021 में दिवंगत चांडी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं दर्ज पाए थे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने कोट्टायम जिला अध्यक्ष जी. लिजिनलाल को टिकट दिया है।
पुथुपल्ली विधानसभा क्षेत्र में कुल 1,76,417 मतदाता मतदान के पात्र हैं, जिनमें 90,281 महिलाएं, 86,132 पुरुष और चार ट्रांसजेंडर शामिल हैं। क्षेत्र में उपचुनाव के लिए कुल 182 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।