मणिपुर में 6 महीने के लिए बढ़ाया गया AFSPA
Manipur: बेहद खराब हो चुकी कानून-व्यवस्था को देखते हुए बीरेन सरकार ने राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है. 19 थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे मणिपुर को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है. हाल ही में 2 छात्रों की मौत के बाद बवाल और बढ़ गया है. लोगों में गुस्सा है और हजारों छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मणिपुर सरकार ने घाटी के 19 पुलिस स्टेशनों को छोड़कर राज्य के पहाड़ी इलाकों में AFSPA को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है, जिसकी शुरुआत 1 अक्टूबर से होगी.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि जुलाई में लापता हुए दो छात्रों की जघन्य हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है. करीब 150 दिनों से मणिपुर जल रहा है, लगातार हिंसा की वारदातें सामने आ रही हैं. राज्य में अब तक ना जाने कितने लोगों की जान चली गई, हजारों लोग बेघर हो गए, बावजूद इसके केंद्र सरकार कोई कदम नहीं उठा रही.
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कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि मणिपुर जल रहा है लेकिन पीएम को सत्ता की चिंता सता रही है. मणिपुर पर ध्यान देने की बजाए पीएम चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि पीएम को मणिपुर की जनता की कोई फिक्र नहीं है. कांग्रेस ने राज्य की बीरेन सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है.इधर राजधानी इंफाल में हत्या के खिलाफ हजारों छात्रों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी है. घटना से नाराज छात्रों ने विरोध प्रदर्शन कर रैली निकाली और जमकर नारेबाजी की. छात्रों का कहना है कि वो लोग अपने साथी छात्रों के अपहरण और हत्या के खिलाफ काले बैज पहनकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
इस बीच हिंसा की आंशका को देखते हुए इंफाल में मणिपुर पुलिस, सीआरपीएफ और आरएएफ के जवान तैनात किए गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक पुलिस हालात पर नजर बनाए हुए हैं और चप्पे-चप्पे पर नजर रखी गई है ताकि किसी भी तरह की हिंसा को रोका जा सके.