कई नेताओं के फोन हैकिंग दावे पर अश्विनी वैष्णव बोले- मामले की तह तक जाएगी सरकार
New Delhi: विपक्षी नेताओं के फोन हैंकिंग करने की कोशिश के दावे को लेकर राहुल गांधी ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।विपक्षी नेताओं के आरोप पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपनी प्रतिक्रया दी।अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “एप्पल की ओर से कुछ लोगों को एक अलर्ट आया है, उसके बारे में मैं साफतौर पर कहना चाहता हूं कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को लेकर काफी गंभीर है।
अश्विनी वैष्णव ने आगे जानकारी दी कि एप्पल ने 150 देशों में ये एडवाइजरी जारी की है। एप्पल के पास कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने अनुमान के आधार पर ये अलर्ट लोगों को भेजा है। ये वेग है और आप सब जानते हैं कि एप्पल इस बात का दावा करता है कि उसके फोन कोई हैक नहीं कर सकता है। वहीं, कुछ समय पहले एप्पल ने अपना पक्ष रख दिया है कि आखिर क्यों अलर्ट लोगों तक पहुंचे हैं।
कुछ लोगों को केवल आलोचना करने की आदत: अश्विनी वैष्णव
उन्होंने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को केवल आलोचना करने की आदत है। ये (विपक्षी नेता) देश की उन्नति नहीं पचा सकते हैं। कुछ लोगों को आलोचना की आदत लग गई है। एप्पल ने 150 देशों में एडवाइजरी जारी की है।
मोबाइल कंपनी से बातचीत करें नेता: रविशंकर प्रसाद
भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस घटना पर Apple कंपनी को स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा,”इन नेताओं को मोबाइल कंपनी से बातचीत करनी चाहिए और पूछना चाहिए कि आखिर क्या माजरा है। लेकिन, मैं अपने अनुभव से साथ कहना चाहता हूं कि कोई भी टोलीकॉम कंपनी ऐसा नहीं करती है।
आखिर अलर्ट मैसेज में क्या लिखा है?
कई विपक्षी नेताओं ने सोशल मीडिया हैंडल पर अलर्ट मैसेज का स्क्रीनशॉट साझा किए। इस मैसेज में लिखा है,”अगर आपके डिवाइस के साथ किसी राज्य-प्रायोजित हमलावर ने छेड़छाड़ की है, तो वे आपके संवेदनशील डेटा, कम्युनिकेशन, या यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफोन तक पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं।”
ये मैसेज एक फॉल्स अलार्म हो सकती है: एप्पल
इस मामले पर एप्पल कंपनी ने कहा कि हम किसी भी विशेष राज्य-प्रायोजित की सूचना नहीं देते हैं। यह संभव है कि कुछ एप्पल खतरे की सूचनाएं गलत अलार्म हो सकती हैं, या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता है।
कंपनी ने आगे जानकारी दी कि संभव है कि ये मैसेज एक फॉल्स अलार्म हो, जो इन खतरों की गलत जानकारी दे रहा हो। हमारे पास इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर किस वजह से यह अलर्ट जारी किया गया।