राम मंदिर में होगा14 फीट चौड़ा परकोटा, भव्य मंदिर में है 392 खंम्‍भे, ऐसा होगा स्‍वरूप

Ayodhya News:राम मंदिर में होगा14 फीट चौड़ा परकोटा, भव्य मंदिर में है 392 खंम्‍भे, ऐसा होगा स्‍वरूप

Ayodhya:  अयोध्या में बने रहे राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है। प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से पहले मंदिर में जोरों पर तैयारी की जा रही है। राम मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के भव्य कार्यक्रम से पहले 27 दिसंबर को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मानचित्र के बारे में जानकारी साझा की है। चंपत राय ने एक वीडियो के जरिए पूरे मंदिर का नक्शा सामने रखा है। उन्होंने बताया कि मंदिर का निर्माण 70 एकड़ भूमि के उत्तरी भाग पर हो रहा है जहां तीन मंजिला मंदिर का निर्माण कार्य जोर-शोर से जारी है। मंदिर की भूतल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है जबकि पहली मंजिल में कार्य जारी है।

इस वीडियो में श्री चंपत राय ने राम मंदिर की विशेषताएं भी बताई है। चंपत राय के अनुसार राम मंदिर भारतीय परंपरा, तकनीक और भव्यता का प्रतीक बन गया है। मंदिर भवन में लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। उसके साथ ही नींद के ऊपर भी कंक्रीट का उपयोग नहीं हुआ है। श्री राम मंदिर निर्माण की तकनीक की विशेषता नींव से ही निहित है। बता दें कि राम मंदिर की नहीं विचार 100 फीट लंबी एवं 300 फीट चौड़े विशाल दो क्षेत्र पर मोती रोलर कंपेक्टेड कंक्रीट की 14 मीटर कृत्रिम चट्टान डालकर डाली गई है। उन्होंने बताया कि मंदिर की प्लिंथ 380 फीट लंबी और 250 फीट चौड़ी है। मंदिर का मुख्य शिखर 161 फीट ऊंचा बनाया जा रहा है। मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फुट ऊंची होगी। इसमें कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे।

चंपत राय ने बताया कि मंदिर में नृत्य, रंग, सभा, प्रार्थना और कीर्तन करने के लिए मंडप बनाए गए हैं। मंदिर की प्लिंथ तक पहुंचने के लिए 32 सीढ़ियों को चढ़ना होगा। मंदिर के चारों तरफ आयात कर पर कोटा बनाया गया है जिसकी लंबाई 732 मीटर और 14 फीट चौड़ाई है। बता दे की मंदिर के चारों ओर आयात कर पर होता है जिसके चारों कोनों पर भगवान सूर्य, गणपति भगवान गणपति, भगवान शिव, मां अन्नपूर्णा, भगवान हनुमान, समेत वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषाद राज, माता शबरी और देवी अहिल्या के मंदिर का निर्माण होना है। भव्य मंदिर में एक आयताकार परिधि परकोटा होगा। ऐसी संरचना आम तौर पर दक्षिण भारत के मंदिरों में देखने को मिलती है।

बनाया गया आत्मनिर्भर परिसर
राम मंदिर परिसर के क्षेत्र में हरे भरे पेड़ों को लगाया जाएगा। मंदिर में खुद के सीवेज तथा जल शोधन संयंत्र, एक दमकल चौकी एवं विशिष्ट बिजली लाइन जैसी सुविधाओं के साथ आत्मनिर्भर होगा। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि 70 एकड़ परिसर का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हरित क्षेत्र होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हरित क्षेत्र में ऐसे हिस्से शामिल हैं, जो बहुत घने हैं और इसके कुछ हिस्सों में सूरज की रोशनी भी मुश्किल से ही नीचे पहुंच पाती है।’’ हरित क्षेत्र में लगभग 600 मौजूदा पेड़ संरक्षित किए गए हैं। राय ने कहा कि मंदिर परिसर में एक दमकल चौकी भी होगी, जो भूमिगत जलाशय से पानी का इस्तेमाल करने में सक्षम होगी।

मंदिर की एक मनोरम तस्वीर ट्रस्ट के कार्यालय की लॉबी में प्रदर्शित की गई है। मंदिर का निर्माण इस तरह किया गया है कि मंदिर में प्रवेश पूर्व की ओर से होगा और निकास दक्षिण की ओर से होगा। संपूर्ण मंदिर का ढांचा कुल मिलाकर तीन मंजिला होगा।’’ मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए पर्यटक पूर्वी दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़ेंगे।

वहीं, अयोध्या के कुबेर टीला पर जटायु की मूर्ति स्थापित की गई है। राय ने कहा, ‘‘कुबेर टीला पर मौजूद एक प्राचीन शिव मंदिर का भी पुनरुद्धार किया गया है।’’ मंदिर का पहला चरण पूरा होने वाला है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में भाग लेंगे। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अयोध्या के रामकोट स्थित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय का दौरा किया।

News Source Link:

Related Articles

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427

Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (1) in /home/tarunrat/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427