एकनाथ शिंदे बने रहेंगे सीएम, विधायकों की सदस्यता रहेगी बरकरार, उद्धव ठाकरे गुट को झटका
Maharastra: महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने अपने फैसले में एकनाथ शिंदे को बड़ी राहत दी है। उन्होंने कहा कि शिंदे गुट के 16 विधायकों की मान्यता बरकरार रहेगी। साथ ही एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
बता दें कि महाराष्ट्र में करीब डेढ़ साल पहले शिवसेना में बगावत हुई थी, जिसके बाद शिवसेना के उद्धव गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित उनके गुट 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
राहुल नार्वेकर ने फैसला पढ़ते हुए कहा, ‘शिवसेना का 1999 का संविधान ही मान्य है. EC रिकॉर्ड में सीएम शिंदे गुट असली पार्टी है. मैंने EC के फैसले को ध्यान में रखा है. मैं EC के रिकॉर्ड से बाहर नहीं जा सकता. उद्धव गुट दलील में दम नहीं है. शिवसेना अध्यक्ष को शक्ति नहीं है. शिंदे को नेता पद से नहीं हटा सकते थे. उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे को नहीं हटा सकते थे और उद्धव ठाकरे अकेले निर्णय नहीं ले सकते थे. कार्यकारिणी की बैठक नहीं बुलाई गई. बहुमत का फैसला लागू होना चाहिए था. 2018 का फैसला संविधान के अनुसार नहीं था.’
राहुल नार्वेकर ने कहा, “पार्टी के संविधान को लेकर दोनों गुटों के बीच मतभेद की शिकायत चुनाव आयोग में दाखिल की गई है. संविधान का आधार यह बताने के लिए लिया गया है कि असली शिवसेना कौन है. चुनाव आयोग का फैसला पार्टी के संविधान पर आधारित है. 2018 में संविधान में जो संशोधन हुआ, उसका पूरा विचार पार्टियों को था. उस वक्त जो संविधान संशोधन हुआ, वह सभी की सहमति से हुआ है. लेकिन चूंकि चुनाव आयोग के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है इस संबंध में, इस संविधान को ध्यान में नहीं रखा जाएगा, बल्कि 1999 के पुराने संविधान को ध्यान में रखा जाएगा.”
2022 में शिवसेना बंट गई थी
महाराष्ट्र की राजनीति के लिए आज बड़ा दिन है. शिंदे के नेतृत्व में विधायकों की बगावत के चलते जून 2022 में शिवसेना विभाजित हो गई थी. उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाने की समय-सीमा 31 दिसंबर, 2023 तय की थी, लेकिन उससे कुछ दिन पहले 15 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने अवधि को 10 दिन बढ़ाकर फैसला सुनाने के लिए 10 जनवरी की नयी तारीख तय की गई थी.