हेमंत सोरेन ने दिया इस्तीफा, चंपई सोरेन बन सकते हैं झारखंड के अगले CM
झारखंड में सियासी हलचल के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. ईडी की पूछताछ के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राजभवन पहुंचे, जहां उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया. राज्यपाल ने उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है. हेमंत सोरेन के बाद चंपई सोरेन झारखंड के अगले मुख्यमंत्री होंगे. चंपई सोरेन को JMM विधायक दल का नेता चुना गया है. चंपई सोरेन झारखंड में ‘टाइगर’ नाम से फेमस हैं. मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर जो खबरें चलाई जा रही थीं, वो काल्पनिक थीं.
मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि चंपई सोरेन को हमारे विधायक दल का नेता चुना गया है. हमारे सभी विधायक राजभवन गेट पर जमा हैं. हमारी मांग है कि चंपई सोरेन को आज ही शपथ दिलाई जाए, लेकिन राज्यपाल हमें मिलने का समय नहीं दे रहे हैं. बता दें कि चंपई सोरेन झारखंड की सरायकेला विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के विधायक हैं. वह वर्तमान में परिवहन, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री हैं.
JMM सुप्रीमो शिबू सोरेन के करीबी हैं चंपई
बता दें कि 62 वर्षीय चंपई सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी सुप्रीमो दिसोम गुरु शिबू सोरेन का बेहद करीबी माना जाता है. लगातार वर्ष 2005 से झारखंड विधानसभा के विधायक निर्वाचित होते आ रहे हैं. चंपई सोरेन ने वर्ष 1991 में पहली बार सरायकेला विधानसभा सीट के उपचुनाव के दौरान बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी. वर्ष 2005 से लगातार वह सरायकेला विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला
हेमंत सोरेन के खिलाफ चल रहे जमीन घोटाले में कार्रवाई का मामला सेना की जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़ा है। इसमें फर्जी नाम-पता के आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री हुई ती। इस मामले में रांची नगर निगम द्वारा केस दर्ज करवाया गया था। ईडी ने इसी केस के आधार पर इसीआइआर (ECIR) रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की। जांच एजेंसी ने 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री का खुलासा किया था।
इसके अलावा आदिवासी जमीन पर अवैध कब्जे को ED की तरफ से हेमंत सोरेन को पूछताछ को लेकर बार-बार समन किया गया। अब तक दस समन भेजे जा चुके हैं।
इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें एक 2011 बैच के आईएस अधिकारी छवि रंजन को गिरफ्तार किया गया था। वह झारखंड समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त थे। इतना ही नहीं, जनवरी में इस मामले में ताबड़तोड़ करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार, साहिबगंज जिले के अधिकारी और एक पूर्व विधायक के आवास पर छापा मारा था।