5 अप्रैल को है पापमोचनी एकादशी, ऐसे करें विष्णु भगवान की पूजा, दूर होगी पैसों से जुड़ी परेशानियां
Papmochani Ekadashi 2024: एकादशी के दिन व्रत और पूजा करने पर भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. पंचांग के अनुसार, पापमोचिनी एकादशी की तिथि की शुरुआत 4 अप्रैल शाम 4 बजकर 14 मिनट पर हो रही है और एकादशी की तिथि 5 अप्रैल, दोपहर 1 बजकर 28 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. ऐसे में 5 अप्रैल के दिन एकादशी की पूजा की जाएगी और व्रत रखा जाएगा.पापमोचिनी एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी के रूप में मनाया जाता है.
पापमोचिनी एकादशी का महत्व उन पापों को दूर करने के लिए होता है जो भक्तों को अज्ञानता और अन्धविश्वास में डालते हैं. इस दिन विशेष धार्मिक क्रियाएं की जाती हैं जो शुभ फल और मोक्ष के प्राप्ति में सहायक होती हैं. भक्त इस दिन भगवान विष्णु की पूजा, अर्चना, व्रत और ध्यान करते हैं ताकि उन्हें पापों से मुक्ति मिल सके. एकादशी के दौरान व्रत रखने वाले लोगों को सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए. भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और उन्हें फल, फूल, मिठाई और दीप अर्पित करना चाहिए. व्रत रखने वाले लोगों को दिन भर उपवास करना चाहिए और भगवान विष्णु का नाम जपना चाहिए. अगले दिन सुबह स्नान करने के बाद पारण करना चाहिए.
पापमोचनी एकादशी पर लगाएं इन चीजों का भोग
पंचामृत का भोग- एकादशी पर भगवान विष्णु को पंचामृत का भोग लगाया जा सकता है. धार्मिक मान्यता है कि पंचामृत श्रीहरि को प्रिय होता है. ऐसे में पंचामृत का भोग को लगाने पर जीवन से परेशानियों से छुटकारा मिलता है. पंचामृत का भोग लगाने से कई मुश्किलें दूर हो जाती हैं.
केले का भोग- पापमोचिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को केले का भोग लगाया जा सकता है. मान्यता है कि इस भोग को लगाने पर कुंडली के दोष दूर होते हैं. श्रीहरि को केले का भोग लगाने से धन संबंधित परेशानियों से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा इस दिन उन्हें पीले रंग के फल, मिठाई और मिष्ठान भी श्रीहरि को अर्पित किए जा सकते हैं.
साबूदाने का भोग- एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु को साबूदाने का भी भोग लगा सकते हैं या फिर आप साबूदाने की खीर बनाकर उनको भोग लगा सकते हैं. पापमोचनी एकादशी के दिन खीर का भोग लगाने से सभी दुखों से छुटकारा मिलता है.