गुरुग्राम के मस्जिद में जोर से बजा लाउडस्पीकर, जमकर हंगामा और विरोध
गुरुग्राम के शीतला माता कॉलोनी में मस्जिद में लाउडस्पीकर बजाने का मामला अभी भी गर्माया हुआ है. इस संबंध में मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने डिप्टी कमिश्नर के साथ मुलाकात की है. मुस्लिम एकता मंच के चेयरमैन हाजी सेहजाद खान ने कहा- ‘हमने एक चिट्ठी डिवीजनल कमिश्नर को सौंपी है और हमें आश्वासन मिला है कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी.’ उन्होंने बताया कि खत में हमने लिखा है कि भाईचारे के नाम पर अगर वह हमें लाउडस्पीकर की आवाज कम करने को कहते तो हम राजी हो जाते लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
हालांकि इस मामले में अभी तक डीसी ने कोई टिप्पणी नहीं की है. चिट्ठी में मुस्लिम एकता मंच ने आरोप लगाया है कि दो-तीन दिन पहले कुछ असामाजिक तत्वों ने इलाके में आकर हंगामा किया और पुलिस कमिश्नर को एक खत भी लिखा. इसके बाद गुरुग्राम के सेक्टर 5 इलाके के पुलिस स्टेशन में दोनों समुदायों के लोगों को बुलाया गया और कहा गया कि लाउडस्पीकर की आवाज कम रखनी होगी. वहीं मुस्लिम समुदाय ने दावा करते हुए कहा कि स्पीकर की आवाज को कम कर दिया गया था लेकिन हिंदू समुदाय के कुछ लोग जो इलाके के बाहर से आए थे उन्हें कम आवाज से भी संतोष नहीं हुआ. उन लोगों ने कहा कि उन्हें इस इलाके में मस्जिद पसंद नहीं है और वो यहां कोई नमाज नहीं पढ़ने देंगे. सिर्फ इतना ही नहीं उन लोगों ने इलाके में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उन्हें जान से मारने और उनके घर जला देने की धमकी भी दी. एसएचओ नरेंद्र कुमार ने कहा कि लाउडस्पीकर की आवाज कम करने को लेकर एक शिकायत दर्ज की गई थी. इसके लिए दोनों पार्टियों को डीसी से मिलना था. वहीं दूसरी पार्टी के प्रतिनिधि ने बताया कि गुरुवार को वह डीसी से मुलाकात नहीं कर पाए क्योंकि डीसी किसी मीटिंग को लेकर काफी व्यस्त थे.
अखिल भारतीय हिंदू क्रांति दल के राष्ट्रीय महासचिव राजीव मित्तल ने बताया कि बीते बुधवार को इलाके के एक तीन मंजिला इमारत में जोर से लाउडस्पीकर बज रहा था जिसका विरोध किया गया था. इस मामले को लेकर एसएचओ को चिट्ठी लिखी गई थी जिसमें ये कहा गया था कि तेज आवाज में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल और घर में जोर जोर से नमाज पढ़ने को बंद किया जाए. बता दें कि अप्रैल 2018 में भी गुरुग्राम के सेक्टर 53 में 6 लोगों ने जोर जोर से नमाज पढ़ने को लेकर विरोध किया था जिसके बाद नमाज के लिए खास जगहों का चयन किया गया.