Lok Sabha elections (2024) : लोकसभा चुनाव(2024)में चौथे रण की तैयारी, 13 मई को 10 राज्यों की 96 सीटों पर मतदान, इन सीटों पर रहेगी नजर

Lok Sabha elections (2024) : लोकसभा चुनाव(2024)में चौथे रण की तैयारी, 13 मई को 10 राज्यों की 96 सीटों पर मतदान, इन सीटों पर रहेगी नजर

Lok Sabha elections (2024) : लोकसभा चुनाव में तीन चरणों की वोटिंग हो गई है. अब चौथे चरण के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. चौथे चरण में 13 मई को 10 राज्यों की 96 सीटों पर मतदान होगा. इसमें आंध्र प्रदेश की 25, बिहार की 5, झारखंड की 4, मध्य प्रदेश की 8, महाराष्ट्र की 11, ओडिशा की 4, तेलंगाना की 17, यूपी की 13, पश्चिम पश्चिम बंगाल की 8 और जम्मू कश्मीर की एक सीट शामिल है. चुनाव के नतीजे 4 को जून आएंगे.

चौथे चरण की वोटिंग के साथ आंध्र प्रदेश में आम चुनाव खत्म हो जाएगा. इसके अलावा मध्य प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में भी चुनाव खत्म हो जाएगा.

इन 96 सीटों पर 13 मई को मतदान के साथ देश के 18 राज्य और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में लोकसभा चुनाव की वोटिंग खत्म हो जाएगी. इतना ही नहीं 379 सीटों पर भी चुनाव पूरे हो चुके होंगे. इसके बाद आगे के तीन चरणों में 163 सीट पर जोर आजमाइश होगी.

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Lok Sabha elections (2024) : इन सीटों पर रहेगी नजर

चौथे चरण में पांच केंद्रीय मंत्री, एक पूर्व मुख्यमंत्री, दो क्रिकेटर और एक अभिनेता समेत कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगी है.

Lok Sabha elections (2024) :नित्यानंद राय वाली उजियारपुर लोकसभा सीट का हाल

उजियारपुर बिहार की 40 लोकसभा (संसदीय) निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. यह निर्वाचन क्षेत्र भारत के परिसीमन आयोग की सिफारिशों के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आया. उजियारपुर एनडीए का गढ़ रहा है, लेकिन मौजूदा मुकाबला चुनौतीपूर्ण दिख रहा है.

एक तरफ भाजपा के टिकट पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय चुनाव लड़ रहे हैं, जो अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. वहीं दूसरी तरफ राजद के टिकट पर महागठबंधन सरकार में मंत्री रह चुके आलोक कुमार मेहता चुनाव लड़ रहे हैं. नित्यानंद के पास जीत की हैट्रिक लगाने का मौका है, जबकि आलोक मेहता 2009 और 2014 में लगातार दो हार के बाद इस बार सफलता की राह तलाश रहे हैं।

Lok Sabha elections (2024) : बेगूसराय लोकसभा सीट,जहां भूमिहार निर्णायक भूमिका में

बिहार का बेगूसराय इस चुनाव में देश की हॉट सीटों में से एक है. इस चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने महागठबंधन के साझा उम्मीदवार के तौर पर पूर्व विधायक अवधेश राय को चुनाव मैदान में उतारा है.

वहीं भाजपा ने अपने फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर एक बार फिर दांव लगाया है. यह भूमिहार बहुल सीट है. गिरिराज सिंह भूमिहार जाति से आते हैं, जबकि अवधेश राय यादव जाति से आते हैं. दोनों प्रत्याशी इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए कठिन परिश्रम कर रहे हैं.

वर्ष 2014 में भाजपा के भोला सिंह ने यहां कम्युनिष्टों व कांग्रेस को पराजित करते हुए बेगूसराय लोकसभा सीट से कमल खिला दिया.  वर्ष 2019 में एक बार फिर भाजपा के ही प्रत्याशी व फायरब्रांड नेता कहे जाने वाले गिरिराज सिंह ने इस सीट पर कब्जा बरकरार रखते हुए तमाम विपक्षियों को कड़ी शिकस्त दी.

Lok Sabha elections (2024) : असदुद्दीन ओवैसी के सामने माधवी लता

देश की सबसे हॉट सीटों में हैदराबाद की गिनती होती है. इस बार यहां भाजपा ने बड़ा दांव खेला है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ माधवी लता को उतारा है. कांग्रेस ने मोहम्मद वलीउल्लाह समीर, बसपा ने केएस कृष्णा और भारत राष्ट्र समिति ने श्रीनिवास यादव गड्डाम को टिकट दिया है.

2004 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही ओवैसी हैदराबाद सीट जीतते आ रहे हैं. हालांकि, इस बार बीजेपी ने अपने हिंदू चेहरे और तीन तलाक अभियान कार्यकर्ता माधवी लता को मैदान में उतारा है. एक सांस्कृतिक कार्यकर्ता होने के अलावा, माधवी लता हैदराबाद के विरिंची अस्पताल की अध्यक्ष, एक पेशेवर भरतनाट्यम नर्तक और तीन बच्चों की मां हैं.

Lok Sabha elections (2024) : अर्जुन मुंंडा की खूंटी लोकसभा सीट

झारखंड की खूंटी लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने काली चरण मुंडा और बसपा ने सावित्री देवी को अपना प्रत्याशी बनाया है. दो निर्दलीय समेत कुल सात प्रत्याशी चुनावी मुकाबले में हैं.

झारखंड की खूंटी लोकसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. इस सीट पर 2009 से बीजेपी लगातार जीत रही है. हालांकि 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी थी. महज 1400 वोट से ही केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा जीत की दहलीज को लांघ पाए थे. वह मोदी सरकार में मंत्री भी रहे.

पिछली बार कम अंतर से जीत की चर्चा भी इस बार के चुनाव में हर तरफ हो रही है. बीजेपी इस अंतर को बढ़ाने के जुगत में है जबकि कांग्रेस पिछली बार के मामूली अंतर को पाट कर बड़ी जीत की कोशिश में लगी है.

Lok Sabha elections (2024) : खीरी लोकसभा से अजय मिश्रा टेनी की हैट्रिक की कोशिश

खीरी की बात करें तो बीजेपी ने यहां से एक बार फिर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को उतारा है. पिछले दो चुनावों में जीत हासिल करने वाले टेनी किसानों को कुचलने वाली घटना के बाद पहली चुनावी मैदान में हैं. इस बार के चुनाव में यह भी साबित होने वाला है कि क्या खीरी की जनता उन्हें उस घटना के लिए जिम्मेदार मानती है या नहीं.

गौरतलब है कि किसान आंदोलन के दौरान विरोध प्रदर्शन में थार जीप से कुचलकर किसानों की मौत हो गई थी. किसानों के ऊपर थार चढ़ाने के मामले में टेनी के बेटे आशीष मिश्रा आरोपी हैं.

Lok Sabha elections (2024) : उन्‍नाव सीट पर साक्षी महाराज पर भरोसा

उन्नाव सीट से एक बार फिर बीजेपी ने साक्षी महराज पर भरोसा जताते हुए उन्हें लगातार तीसरी बार टिकट दिया. इस सीट से साक्षी महराज पिछले दो चुनावों में जीत हासिल कर चुके हैं. इस बार साक्षी महाराज का मुकाबला 2009 में यहां से कांग्रेस को जीत दिलाने वाली अनु टंडन से हैं.

अनु इस बार यहां समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं,. पिछली बार उनको 1.85 लाख वोट मिले थे जबकि, सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी अरुण शंकर शुक्ला को 3 लाख के करीब वोट मिले थे. यानी विपक्ष का कुल वोट यहां लगभग 33% था. जबकि पिछली बार बीएसपी भी साथ थी. भाजपा ने अकेले यहां 56% से अधिक वोट हासिल किए थे.  ऐसे में इस बार इस सीट पर चुनाव दिलचस्प की उम्मीद है.

Lok Sabha elections (2024) : कन्नौज,जहां अंतिम समय में अखिलेश ने किया नामांकन

कन्नौज सीट से सपा ने पहले अखिलेश यादव के भतीजे पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव को उम्मीदवार घोषित किया था. लेकिन पर्चा दाखिल करने के अंतिम दिन अखिलेश ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया.  नामांकन दाखिल करने की डेडलाइन के 48 घंटे पहले समाजवादी पार्टी ने तेजप्रताप यादव को पहले अपना प्रत्याशी बनाया. फिर अचानक अखिलेश का नाम सामने आया. अखिलेश ने राजनीतिक जीवन में कदम कन्‍नौज से ही रखा था.

1998 के बाद से सपा लगातार यहां से जीतती रही है, लेकि 2019 में भाजपा के सुब्रत पाठक ने समाजवादी पार्टी का ये रिकॉर्ड तोड़ दिया. सपा-बसपा गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने के बाद भी डिंपल यादव 12,353 वोटों से हार गई थीं. भाजपा ने एक बार फिर पाठक पर भरोसा जताया है.

Lok Sabha elections (2024) : अधीर की डबल हैट्रिक की राह में यूसुफ पठान

पश्चिम बंगाल में बहरमपुर लोकसभा सीट  बंगाल के चुनाव में हमेशा सुर्खियों में रही है. इस सीट पर 1999 से अब तक कांग्रेस के अधीर चौधरी ने लगातार चार बार जीत हासिल की है. जब से अधीर चौधरी की एंट्री हुई, वह फिर चुनाव नहीं हारे. अन्य दल इस सीट को जीतने को बेताब तो हैं, लेकिन इस वर्ष नतीजे क्या होंगे, इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं.

ऐसे में ममता बनर्जी ने बहरमपुर लोकसभा सीट से अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ यूसुफ पठान को उतारा है. ममता बनर्जी और अधीर रंजन चौधरी के बीच रिश्तों में काफी कड़वाहट है. वहीं इस वर्ष होने जा रहे चुनाव को लेकर तृणमूल व भाजपा दोनों ही इस सीट में सेंध लगाने में जुटी है. लेकिन अधीर चौधरी और यूसुफ पठान में किसका जलवा बरकरार रहेगा यह तो नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा.

Lok Sabha elections (2024) : पंकजा मुंडे की बीड लोकसभा सीट पर कड़ी टक्‍कर

बीजेपी की उम्मीदवार पंकजा मुंडे के लिए प्रतिष्ठा की सीट है. इस सीट से राज्य के बीजेपी के दिग्गज नेता रहे और पंकजा के पिता गोपीनाथ मुंडे और उनकी बहन प्रीतम मुंडे को जीत मिली है. लेकिन, इस बार बीजेपी ने प्रीतम का टिकट काटकर पंकजा को उम्मीदवार बनाया है. यहां मराठा आरक्षण आंदोलन का बड़ा असर दिख रहा है.

इसीलिए, पंकजा को एनसीपी (शरद गुट) से उम्मीदवार बजरंग सोनावणे कड़ी टक्कर दे रहे हैं. पिछले चुनाव में बजरंग कांग्रेस से उम्मीदवार थे और उन्होंने प्रीतम को कड़ी टक्कर दी थी. हालांकि, मूल एनसीपी राज्य में महायुति के साथ है. शरद पवार ने पिछले रिकॉर्ड देखते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है. मराठा आरक्षण की आंच में बुरी तरह झुलसे इस इलाके में मराठाओं का वर्चस्व है, जो पंकजा की टेंशन बढ़ाने के लिए काफी है.

Lok Sabha elections (2024) : सिंहभूम लोकसभा सीट

सिंहभूम झारखंड की सबसे चर्चित सीटों में से एक है. इस सीट पर 2019 में कांग्रेस उम्मीदवार गीता कोड़ा ने जीत हासिल की थी. हालांकि गीता ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया. इतना ही नहीं भाजपा ने उन्हें सिंहभूम सीट से अपना लोकसभा प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है.

बता दें, सिंहभूम लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. सिंहभूम लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1984 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. यहां से बागुन सुम्ब्रुई सांसद चुने गए थे. इस सीट पर बागुन ने पांच बार जीत हासिल कर रिकॉर्ड बनाया है. वह रिकॉर्ड आज भी कोई तोड़ नहीं पाया है.

इसके अलावा हैदराबाद से सटी तेलंगाना की सिकंदराबाद लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं. उनके सामने कांग्रेस से दानम नागेंद्र, बसपा से बस्वानंदम दांडेपु, बीआरएस से पद्म राव टी की चुनौती है. 27 निर्दलीय समेत कुल 45 प्रत्याशी मैदान में हैं.

उधर पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट हॉट सीट बनी हुई है. यहां से टीएमसी की टिकट पर महुआ मोइत्रा चुनाव मैदान में हैं.  भाजपा ने राजा कृष्णचंद्र राय के परिवार की सदस्य अमृता राय को अपना प्रत्याशी बनाया है.

पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा टीएमसी की टिकट पर दूसरी बार मैदान में हैं. भाजपा ने एसएस अहलुवालिया को उनके खिलाफ उतारा है.

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Lok Sabha elections (2024) : तीसरे चरण तक इन प्रदेशों में वोटिंग खत्म

इससे पहले तीसरे चरण तक राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, मेघालय, तमिलनाडु, मिजोरम, नागालैंड, उत्तराखंड, त्रिपुरा, अंडमान निकोबार, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, गोवा, दादर नगर हवेली और दमन दीव में चुनाव खत्म हो गया था. अनंतनाग राजौरी सीट पर वोटिंग टल गई है. वहां 25 मई को मतदान होगा. उसके बाद पांचवें चरण में 20 मई, छठे चरण में 25 मई और सातवें चरण में 1 जून को मतदान होगा.

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