PM Modi on May 14: क्या है सर्वार्थ सिद्धि योग, जिसमें 14 मई को पीएम मोदी करेंगे नामांकन, क्या है इस योग का महत्व
PM Modi on May 14: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वाराणसी लोकसभा सीट से 14 मई को नामांकन करने वाले हैं. इसके पहले 13 मई को पीएम मोदी वाराणसी पहुंचेंगे और वहां पांच किलोमीटर लंबा भव्य रोड शो करेंगे.
2019 के लोकसभा चुनाव में भी पीएम मादी ने अपने नामांकन के एक दिन पहले वाराणसी की जनता के बीच लंबा रोड शो करके अपने लिए वोट मांगने की नई परंपरा स्थापित की थी. काशी के कोतवाल कालभैरव से आशीर्वाद लेकर नामांकन की प्रक्रिया को पूरा किया था.
PM Modi on May 14: अस्सी घाट पर पूजा, कालभैरव से आशीर्वाद
वाराणसी लोकसभा सीट पर अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होना है. इसी कड़ी में पीएम मोदी भी अपने दो दिवसीय दौरे पर 13 और 14 मई को वाराणसी में मौजूद रहेंगे.
उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से 14 मई (मंगलवार) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) नामांकन करेंगे. इस दौरान एनडीए के कई नेता भी मौजूद रहेंगे. इससे पहले सुबह अस्सी घाट पर जाएंगे और करीब 10 बजे काल भैरव मंदिर में दर्शन करेंगे. इसके बाद करीब पौने ग्यारह बजे नामांकन से पहले एनडीए नेताओं के साथ बैठक होगी और 11:40 बजे नामांकन करेंगे.
PM Modi on May 14: क्यों महत्वपूर्ण है 14 मई
इस दिन अभिजीत मुहूर्त, आनंद योग, सर्वार्थसिद्धि योग के साथ ही भौम पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है.इस दिन गंगा सप्तमी एवं भौम पुष्य नक्षत्र का संयोग ग्रहों की स्थिति इसे सर्वोत्तम बना रहा है. इस दिन कोई भी कार्य करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं.पुष्य नक्षत्र मंगलवार को राज सत्ता के संयोग का निर्माण करती है और यदि इस नक्षत्र में किसी काम को किया जाए तो उसमें सफलता निश्चित है.
इस दिन शिव और शक्ति का सुंदर संयोग भी बन रहा है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ रवि योग भी बन रहा है, जो कि शत्रुओं का मन बदलने वाला और प्रतिद्वंदी का दिल जीतने वाला योग माना जाता है.
समस्त विघ्न को समाप्त कर देने वाले इस मुहूर्त में नामांकन कर पीएम समस्त बाधाओं से दूर रहेंगे. इसी वजह से पीएम मोदी 14 मई को अपना नामांकन पर्चा भरेंगे.
PM Modi on May 14: क्या है सर्वार्थ सिद्धि योग
ज्योतिष शास्त्र में हर एक योग का विशेष महत्व होता है. कोई विशेष या शुभ मुहूर्त ना होने पर इन योग के साथ में शुभ, लाभ या अमृत का चौघड़िया देखकर कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है. इन सभी योगों में सर्वार्थ सिद्धि योग को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.
वार और नक्षत्र के संयोग को सर्वार्थ सिद्धि योग कहते हैं. यह योग विशेष वारों को पड़ने वाले विशेष नक्षत्रों के योग से बनता होता है. सोमवार के दिन यदि रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, अनुराधा और श्रवण नक्षत्र हो तो इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है.
अगर यह योग गुरुवार और शुक्रवार के दिन बनता है तो इस दिन कोई भी तिथि हो, यह योग नष्ट नहीं होता है वहीं कुछ विशेष तिथियों में यह योग बनने के बाद भी नष्ट हो जाता है.
सर्वार्थ सिद्धि योग में नए कारोबार की शुरुआत करना, किसी प्रकार की शिक्षा ग्रहण करना, नई नौकरी पर जाना, गृह कार्य प्रारंभ करना जैसे काम किए जा सकते है. सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए सभी कार्य पूरे होते हैं और यह शुभ फलदायी भी होते हैं.
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PM Modi on May 14: सर्वार्थ सिद्धि योग कब फलदायी नहीं होता
सर्वार्थ सिद्धि योग अगर द्वितिया या फिर एकादशी के दिन बन रहा हो तो इसे शुभ नहीं माना जाता है. यह योग अगर मंगलवार और शनिवार के दिन बन रहा हो तो इस योग में लोहा खरीदना अशुभ माना जाता है.
सर्वार्थ सिद्धि योग में विवाह करना सही नहीं माना जाता है. इस योग में यात्रा करना और गृह प्रवेश करना भी अशुभ माना जाता है. सर्वार्थ सिद्धि योग अगर गुरु-पुष्य योग से बन रहा हो और शनि रोहणी नक्षत्र योग से निर्मित तो भी यह योग शुभ नहीं माना जाता है.
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