Ebrahim Raisi dies in helicopter crash: हेलिकॉप्टर क्रैश में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत, पीएम मोदी ने जताया दुख
Ebrahim Raisi dies in helicopter crash: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख जताया है. रईसी के काफिले का हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद से लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था. उनके हेलीकॉप्टर का मलबा एक पहाड़ी पर मिला है.
Ebrahim Raisi dies in helicopter crash: कल हुई थी दुर्घटना
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया गया. हेलीकॉप्टर का मलबा अजरबैजान की पहाड़ियों पर मिला. इसमें राष्ट्रपति रईसी और ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन समेत 9 लोग सवार थे. ताजा रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हेलीकॉप्टर में सवार सभी लोगों की मौत हो गई है.
जानकारी के मुताबिक यह हादसा अजरबैजान के पहाड़ी इलाके में हुआ था. ऐसे में पहाड़ी इलाका होने के कारण और रात भर चली बर्फीले तूफान के बीच रेस्क्यू टीम को काफी संघर्ष करना पड़ा. रेस्क्यू टीम घटनास्थल पर 17 घंटे के बाद पहुंची है, जिसका मुख्य कारण खराब मौसम रहा. बता दें कि यह दुर्घटना ऐसे समय में हुई है जब रईसी और सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के नेतृत्व में ईरान ने बीते महीने ही इसराइल पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे.
Ebrahim Raisi dies in helicopter crash: एक मजबूत शख्सियत थे इब्राहिम रईसी
रईसी का जन्म साल 1960 में उत्तर पूर्वी ईरान के पवित्र शहर मशहद में हुआ था. वो 63 साल के थे. इसी शहर में शिया मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र मानी जाने वाली मस्जिद भी है. वे कम उम्र में ही ऊंचे ओहदे पर पहुंच गए थे. रईसी के पिता एक मौलवी थे. रईसी जब सिर्फ़ पाँच साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया था.
वो धार्मिक स्कॉलर, वकील भी रहे. शिया धर्म गुरुओं के पदानुक्रम में वे धर्मगुरू अयातोल्लाह से एक क्रम नीचे माने जाते थे. रईसी ने अपने पिता के रास्ते पर चलते हुए 15 साल की उम्र से ही क़ोम शहर में स्थित एक शिया संस्थान में पढ़ाई शुरू कर दी थी. सिर्फ़ 20 साल की उम्र में ही उन्हें तेहरान के क़रीब स्थित कराज का महा-अभियोजक नियुक्त कर दिया गया था.
साल 1989 से 1994 के बीच रईसी, तेहरान के महा-अभियोजक रहे और इसके बाद 2004 से अगले एक दशक तक न्यायिक प्राधिकरण के डिप्टी चीफ़ रहे.
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Ebrahim Raisi dies in helicopter crash: मुश्किल समय में संभाला ईरान को
इब्राहिम रईसी ने जब जून 2021 में ईरान की सत्ता संभाली तब उनके सामने घरेलू स्तर पर कई चुनौतियां थीं. साल 2014 में वो ईरान के महाभियोजक बन गए थे. ईरानी न्यायपालिका के प्रमुख रहे रईसी के राजनीतिक विचार ‘अतिवादी’ माने जाते थे.
रईसी जून 2021 में उदारवादी हसन रूहानी की जगह इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के राष्ट्रपति चुने गए थे. इब्राहिम रईसी ने जब जून 2021 में ईरान की सत्ता संभाली तब उनके सामने घरेलू स्तर पर कई चुनौतियां थीं.
एक तरफ़ देश के सामाजिक हालात मुश्किल थे तो दूसरी तरफ़ अपने परमाणु कार्यक्रम की वजह से अमेरिकी प्रतिबंध झेल रहा ईरान गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था. अपने चुनाव प्रचार के दौरान इब्राहिम रईसी ने कहा था कि वो देश में व्याप्त भ्रष्टाचार और आर्थिक संकट से निपटने के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार हैं.
रईसी इस दिशा में कुछ ख़ास कर पाते, इससे पहले ही हिजाब को लेकर हुए प्रदर्शनों ने उनके सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दीं. इसराइल पर हमास के हमले और उसके बाद इसराइल की सख़्त सैन्य प्रतिक्रिया ने ईरान के लिए और मुश्किल हालात पैदा कर दिए.
इस दौरान ईरान ने इसराइल के प्रति सख़्त रवैया अपनाकर ये स्पष्ट करने की कोशिश भी कि ये शिया बहुल देश अब मुस्लिम दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं.
Ebrahim Raisi dies in helicopter crash: इजराइल के साथ दुश्मनी
इसराइल और ईरान, दोनों 1979 तक एक दूसरे के सहयोगी हुआ करते थे. इसी साल ईरान में इस्लामी क्रांति हुई और देश में एक ऐसी सरकार आई जो विचारधारा के स्तर पर इसराइल की घोर विरोधी थी.
अब ईरान इसराइल के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करता और उसके पूरी तरह से ख़ात्मे की वक़ालत करता है.
ईरान के सुप्रीम लीडर रहे आयातुल्लाह अली ख़ामेनेई कहते रहे हैं कि इसराइल ‘कैंसर का ट्यूमर’ है और उसे बेशक़ ‘जड़ों से उखाड़ फ़ेका जाएगा और बर्बाद कर दिया जाएगा.’
इसराइल भी कहता है कि ईरान उसके अस्तित्व के लिए ख़तरा है. इसराइल कहता है कि ईरान फ़लस्तीनी हथियारबंद समूहों और लेबनान में शिया गुट हिज़बुल्लाह को फंड करता है.दोनों देशों के बीच यह दुश्मनी ग़ज़ा युद्ध के बाद और ज्यादा बढ़ गई. अप्रैल में कथित तौर पर इसराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया.
इसके जवाब में कुछ ही दिन बाद ईरान ने इसराइल पर अभूतपूर्व और अप्रत्याशित मिसाइल हमला किया.यह पहली बार था जब ईरान ने इसराइल पर सीधा हमला किया था.
अतीत में ईरान और इसराइल एक दूसरे के विरुद्ध अप्रत्यक्ष रूप से हमले करते रहे हैं. इन हमलों में एक दूसरे के ठिकानें को निशाना बनाना शामिल है. दोनों कभी ऐसे हमलों की ज़िम्मेदारी स्वीकार नहीं करते थे.इस साल अप्रैल में ईरान ने दमिश्क में अपने दूतावास पर हमले का बदला लेने के लिए इसरइल पर अभूतपूर्व और अप्रत्याशित मिसाइल हमला किया था.
Ebrahim Raisi dies in helicopter crash: फलस्तीनी लोगों को समर्थन
ईरान में 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद से फ़लस्तीनी लोगों के लिए समर्थन ईरान की विदेश नीति के केंद्र में रहता है.
इसराइल-ग़ज़ा संघर्ष में खुलकर ईरान फलस्तीनियों का साथ दे रहा है. रविवार, 19 मई को बांध के उद्घाटन के बाद दिए भाषण में भी रईसी ने फ़लस्तीनी लोगों के लिए ईरान के समर्थन को बनाए रखने पर ज़ोर दिया.
अपने भाषण में रईसी ने कहा, “हम ये मानते हैं कि फलस्तीन मुस्लिम दुनिया का सबसे अहम मुद्दा है और हम इस बात को लेकर निश्चिंत हैं कि ईरान और अज़रबैजान के लोग हमेशा फ़लस्तीन और ग़ज़ा के लोगों का समर्थन करते हैं और इसराइल के यहूदीवादी शासन से नफ़रत करते हैं.”
Ebrahim Raisi dies in helicopter crash: पीएम मादी ने हादसे पर जताया दुख
ईरान के राष्ट्रपति रईसी की दुर्घटना में हुई मृत्यु पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. पीएम ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रईसी के दुखद निधन से गहरा दुख और सदमा लगा है. भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना हैं. दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है.’