Modi Cabinet 3.0: मोदी कैबिनेट 3.0 में बढ़ेगी बिहार की हिस्सेदारी, जेडीयू सहित इन दलों को मिलेंगे मंत्री पद
Modi Cabinet 3.0: लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए के जीत के बाद आज नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री आवास पर पीएम ने संभावित मंत्रियों के साथ मीटिंग की. इन सभी को फोन कर चाय पर बुलाया गया था. मीटिंग की पहली तस्वीर भी सामने आ गई है.
पूर्व सीएम समेत बिहार से 7 सांसद मंत्री बन सकते हैं. पीएम मोदी के साथ मीटिंग में LJP(R) से चिराग पासवान, JDU से रामनाथ ठाकुर और ललन सिंह, HAM के जीतनराम मांझी, बीजेपी के नित्यानंद राज, गिरिराज सिंह और राज भूषण चौधरी मौजूद रहे. पहली पंक्ति में ललन सिंह और जीतन राम मांझी साथ बैठे दिखे. सभी का मंत्री बनना तय माना जा रहा है.
जेडीयू को 2 मंत्री पद दिए जाने की खबर है. जिनमें से राजीव रंजन सिंह और रामनाथ ठाकुर पर मुहर लग चुकी है.
Modi Cabinet 3.0: नीतीश के करीबी, बिहार की राजनीति के धुरी रहे लल्लन सिंह
मुंगेर से तीसरी बार सांसद बने राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह नीतीश कुमार के खासे नजदीकी माने जाते हैं. जदयू के राजनीतिक गलियारे में बड़ा चेहरा और कद्दावर नेता भी हैं. इतना ही नहीं पूर्व में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं.
राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का जन्म 24 जनवरी 1955 को हुआ है. वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ और जनता दल (यूनाइटेड) से 18वीं लोकसभा में मुंगेर का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्य हैं. वह 31 जुलाई 2021 से 29 दिसंबर 2023 तक जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) के राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष थे. वह अब तक चार बार सांसद बने हैं. इनमें से एक बार बेगूसराय से और तीन बार मुंगेर से सांसद निर्वाचित हुए हैं. साथ ही बिहार सरकार में वे जल संसाधन मंत्री भी रह चुके हैं.
Modi Cabinet 3.0: कर्पूरी ठाकुर के बेटे, नीतीश करीबी
जडीयू से जो दुसरा नाम निकल कर सामने आया है वो है रामनाथ ठाकुर का, जिनके पिता कर्पूरी ठाकुर को मोदी सरकार ने भारत रत्न प्रदान किया. रामनाथ ठाकुर राज्य सभा सांसद हैं और बिहार की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं. जेडीयू ने मंत्री पद के लिए रामनाथ ठाकुर का नाम आगे बढ़ाया, जोकि अब मोदी की कैबिनेट में नजर आने वाले हैं.
जेडीयू नेता रामनाथ ठाकुर का जन्म 3 मार्च 1950 को हुआ है. वह 74 साल के हैं. ठाकुर बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले हैं और एक नाई जाति से आते हैं. रामनाथ की एक बड़ी पहचान उनके पिता कर्पूरी ठाकुर भी हैं, जिन्हें इस साल केंद्र सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया. रामनाथ ठाकुर बिहार विधान परिषद के भी सदस्य रह चुके हैं और लालू प्रसाद की सरकार में गन्ना उद्योग मंत्री भी रहे. इसके बाद नवंबर 2005 से नवंबर 2010 तक नीतीश कुमार की कैबिनेट में राजस्व और भूमि सुधार, कानून, सूचना और जनसंपर्क मंत्री का कार्यभार संभाला था. इसके बाद वह नीतीश के सबसे भरोसेमंद नेताओं की लिस्ट में शामिल हो गए.
रामनाथ ठाकुर को नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है. उनकी अपने पिता कर्पूरी ठाकुर की तरह ही अति पिछड़ा वर्ग के लोगों के बीच अच्छी खासी पकड़ है. यही नहीं, उनका प्रभाव अन्य पिछड़ी जातियों पर भी है. बिहार में अति पिछड़ा वर्ग के करीब 2 फीसदी लोग हैं, जो किसी भी उम्मीदवार का खेल बना और बिगाड़ सकते हैं.
Modi Cabinet 3.0: पीएम के ‘हनुमान’ चिराग को भी मंत्री पद,
चिराग पासवान अब तक लोकसभा के तीन चुनाव लड़ चुके हैं। पहली बार 2014 में वो जमुई से लोकसभा का चुनाव लड़े और सांसद बने. दूसरी बार 2019 में भी जमुई से चुनाव लड़ सांसद बने. तीसरी बार 2024 के लोकसभा चुनाव में इन्होंने अपने पिता के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर को चुना और चुनाव जीत लगातार तीसरी बार सांसद बने हैं.
Modi Cabinet 3.0: बिहार में सबसे बढ़िया प्रदर्शन
गौरतलब है, 2020 में पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोग जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी में टूट हो गई थी और चाचा पशुपति पारस ने पार्टी के चार सांसदों को लेकर तोड़ कर नहीं पार्टी बना ली थी. मगर इस बार लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने पशुपति पारस को तरजीह ना देते हुए चिराग पासवान को 5 सीट दिया था और इस बार चुनावी नतीजे में वह बिहार में सबसे बढ़िया प्रदर्शन करने वाली पार्टी बन गई है.
Modi Cabinet 3.0: बिहार के रहे मुख्यमंत्री, अब मिली कैबिनेट में जगह
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी नरेंद्र मोदी की सरकार में कैहबनेट मंत्री बनने वाले हैं.मांझाी गया लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे हैं. वे मई 2013 से फरवरी 2015 तक बिहार के सीएम रह चुके हैं. मांझी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में से एक हैं.
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जीतन राम मांझी मुसहर समुदाय से हैं. जो एससी के रूप में वर्गीकृत किया गया है. बिहार की आबादी में लगभग 2 प्रतिशत इनकी भागेदारी मानी जाती है. इससे एक संदेश भी उस समाज को देने की कोशिश की जा रही है, जिसके बारे में इस चुनाव में कहीं ना कही गलत नेरेटिव बनाया गया.