HeatStroke: इस भीषण गर्मी में हीट स्ट्रोक हो सकता है जानलेवा, लक्षणों को पहचान कर, करें बचाव
HeatStroke: देश के कई राज्यों में गर्मी का कहर जारी है. सुबह, शाम या रात में भी कोई राहत नहीं है. इसके कारण सभी का हाल बेहाल है. गर्म हवा के थपेड़ों ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है और वहीं एसी-कूलर भी फेल हो गए हैं. देश के कई इलाकों में पारा 45 डिग्री तक पहुंच गया है. दिल्ली समेत कई राज्यों के हॉस्पिटल्स में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ गई है.
हीट स्ट्रोक तब होता है, जब शरीर अपने बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं होता है और शरीर को ठंडा करने में मदद करने वाले पसीने का मैकेनिज्म भी फेल हो जाता है. ऐसे में खास सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.’
आइए जानते हैं कि हीट-स्ट्रोक क्या है, इसके क्या लक्षण हैं और क्या है घरेलू उपाय…….
HeatStroke: क्या होता है हीट स्ट्रोक?
हीट स्ट्रोक को आम भाषा में ‘लू लगना’ बोलते हैं. ये तब होता है, जब आपका शरीर अपने तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता. हीट-स्ट्रोक होने पर शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है और कम नहीं हो पाता. जब किसी को लू लगती है तो शरीर का स्वेटिंग मैकेनिज्म यानी पसीना तंत्र भी फेल हो जाता है और इंसान को बिल्कुल पसीना नहीं आता.
हीटस्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति है जिसमें आपका शरीर ज़रूरत से ज़्यादा गर्म हो जाता है और स्वस्थ तापमान बनाए नहीं रख पाता.
हीटस्ट्रोक तब होता है जब आपके शरीर का तापमान लगभग 37°C से बढ़कर 40°C से ऊपर हो जाता है. इसे कभी-कभी हाइपरथर्मिया भी कहा जाता है.
निर्जलीकरण और गर्मी से थकावट गर्मी से संबंधित हल्की बीमारियाँ हैं. अगर इनका इलाज न किया जाए तो ये हीटस्ट्रोक का कारण बन सकती हैं.
हीट-स्ट्रोक की चपेट में आने पर 10 से 15 मिनट के अंदर शरीर का तापमान 106°F या इससे अधिक हो सकता है. समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो इंसान की मौत या कोई ऑर्गन फेल भी हो सकता है.
HeatStroke: हीट-स्ट्रोक के लक्षण
हीट-स्ट्रोक के लक्षण अगर पहचान लिए जाएं तो उसके इलाज में समय रहते मदद मिल सकती है. इसलिए हीट-स्ट्रोक के सारे लक्षणों की पहचान होनी जरूरी है. सिर दर्द, तेज बुखार,होश खो देना,मानसिक स्थिति बिगड़ना,मतली और उल्टी,त्वचा का लाल होना,हार्ट रेट बढ़ना,त्वचा का नर्म होना, त्वचा का सूखना और डिमेंशिया इसके कॉमन लक्षण हैं.
HeatStroke: हीट-स्ट्रोक के कारण
अधिक गर्म जगह पर लंबे समय तक रहना लू लगने या हीट-स्ट्रोक का कारण बन सकता है. अगर कोई ठंडे मौसम से गर्म जगह पर जाता है तो उसे भी हीट स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है. गर्म मौसम में अधिक एक्सरसाइज करना भी हीट-स्ट्रोक का मुख्य कारण है. गर्मी में अधिक पसीना आने के बाद पर्याप्त पानी न पीने से भी यह समस्या हो सकती है.
अगर आप गर्मी में ऐसे कपड़े पहनते हैं, जिनसे कि पसीना और हवा पास नहीं हो रही है तो यह भी हीट-स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है.
HeatStroke: हीट-स्ट्रोक का प्रारंभिक इलाज
अगर किसी को लू लगी है तो तुरंत ये प्रारंभिक तरीके अपना सकते हैं लेकिन ध्यान रखें प्रारंभित तरीके अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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जिस व्यक्ति को लू लगी है उसे धूप में न रखें, कपड़ों की मोटी लेयर हटा दें और हवा लगने दें, शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए कूलर या पंखे में बैठाएं. ठंडे- ठंडे पानी से नहलाएं, शरीर को ठंडे पानी के कपड़े से पोछें, सिर पर आइस पैक या कपड़े को ठंडे पानी से गीला करके रखें और ठंडे पानी में भीगे तौलिये को सिर,गर्दन, बगल और कमर पर रखें.
HeatStroke: हीटस्ट्रोक से कैसे बचें
- खूब पानी पिएँ, भले ही आपको प्यास न लगी हो। शराब और गर्म या मीठे पेय पदार्थों से बचें।
- ठंडक बनाए रखें – सीधे धूप से बचने का प्रयास करें और हल्के, ढीले सूती कपड़े पहनें।
- यदि आप बाहर जाएं तो सुबह 11 बजे से पहले या शाम 5 बजे के बाद जाएं, टोपी पहनें और पानी साथ रखें।
- अपने घर को ठंडा रखें – दिन में खिड़कियाँ और पर्दे बंद रखें और रात में उन्हें खुला रखें। पंखे या एयर कंडीशनिंग का उपयोग करें।
- बच्चों को ठंडा रखें और उन्हें खूब पानी पिलाएं।
- सुनिश्चित करें कि पालतू जानवरों को पर्याप्त पानी और छाया मिले।
- बच्चों या जानवरों को कभी भी कार में अकेला न छोड़ें, चाहे एयर कंडीशनिंग चालू हो या खिड़कियां खुली हों