Loksabha 2024 Seating Arrangement: लोकसभा में कौन सांसद कहां बैठेगा कैसे तय होता है, क्या है इसको लेकर नियम?
Loksabha 2024 Seating Arrangement: 18वीं लोकसभा का पहला संसद सत्र आज से शुरू हो गया है. लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद अब सांसद पहली बार लोकसभा पहुंचे हैं, जहां वे सांसद पद की शपथ ले रहे हैं, जिसके बाद सदन के आधिकारिक सदस्य हो जाएंगे.
आपने देखा होगा कि जब भी संसद सत्र चलता है तो सांसद एक तय स्थान पर बैठे रहते हैं.तो क्या आप जानते हैं उनकी ये सीट कौन तय करता है और ये किस आधार पर तय की जाती है? आइए जानते हैं….
Loksabha 2024 Seating Arrangement: इस नियम के तहत हाेता है तय
संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के लिए बैठने की व्यवस्था एक तय नियम के अनुसार की जाती है. लोकसभा की बात करें तो इसका फैसला लोकसभा अध्यक्ष करते हैं कि कौन सा सदस्य कहां बैठेगा.
आपको बता दें कि संसद में किसी भी सांसद के बैठने की सीट उसकी पार्टी की संख्या के आधार पर तय होती है. उसकी पार्टी के जितने ज्यादा सांसद होते हैं, उसके हिसाब से सांसदों को सीट दी जाती है. संसद में बैठने के लिए कई ब्लॉक्स होते हैं और पार्टी के सदस्यों की संख्या के आधार पर उनके ब्लॉक्स तय होते हैं.
Loksabha 2024 Seating Arrangement: स्पीकर के दायीं ओर बैठता है सत्ता पक्ष
सदन में सबसे पहला बंटवारा पक्ष और विपक्ष के आधार पर होता है. आगे के ब्लॉक्स में स्पीकर के दाएं हाथ की तरह सत्ता पक्ष बैठता है और बाएं हाथ की तरह विपक्ष की सीट होती है. इसके अलावा लेफ्ट साइड में एक सीट डेप्यूटी स्पीकर के लिए तय होती है और उसके पास विपक्ष के फ्लोर लीडर बैठते हैं. इसके बाद बाईं तरफ सांसदों की संख्या के आधार पर ब्लॉक्स डिवाइड किए जाते हैं. जैसे इस बार सबसे आगे दाईं तरफ बीजेपी और लेफ्ट साइट में कांग्रेस के सांसद बैठेंगे.
Loksabha 2024 Seating Arrangement: इस नियम के तहत लोकसभा अध्यक्ष करते हैं बैठने की व्यवस्था
लोकसभा में प्रक्रिया और संचालन के नियम 4 के अनुसार, लोकसभा सदस्य स्पीकर द्वारा निर्धारित किए गए नियम के अनुसार बैठते हैं. इस सम्बन्ध में जरूरी निर्देश क्लॉज 122(ए) में दिए गए हैं.
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इसी क्लॉज से स्पीकर को यह अधिकार मिलता है कि वह किसी पार्टी की लोकसभा में सीटों की संख्या के आधार उसके सदस्यों के लिए बैठने की जगह तय करें. व्यवस्था करते समय स्पीकर इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि वरिष्ठ सदस्यों को आगे की ओर बैठने की जगह मिले, चाहे वे किसी भी दल के सदस्य हों.