Bholenath In Kashi: श्रावण में होगी अद्भुत,अलौकिक,अतुलनीय भोलेनाथ की काशी
Bholenath In Kashi: श्रावण मास में बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी का नज़ारा अद्भुत,अलौकिक और अतुलनीय नज़र आता है. कावड़िये और बाबा के भक्त दूर दूर से अपने भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं. इस बार भी यही अलौकिक नजारा देखने के लिए काशी तैयार हो गई है. खासकर कांवड़ियों के विशेष उत्साह है.
इसीलिये काशी विश्वनाथ मंदिर में कुछ जरुरी प्रतिबंधों के साथ सावन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सावन में इस बार आम शिव भक्तों के साथ ही कांवड़ियों की कतार होगी। इसके साथ ही कांवड़िये मंदिर में कांवड़ लेकर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। जलाभिषेक के लिए आने वाले डाक बम को बिना किसी कतार के मंदिर में प्रवेश कराया जाएगा और उनकी कतार अलग होगी।
Bholenath In Kashi: 22 जुलाई से शुरू हो रहा है सावन
22 जुलाई को शुभ सोमवार से शुरू हो रहे सावन के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन की विशेष व्यवस्था की गई है। भीड़ को देखते हुए कांवड़ वाले शिवभक्तों के लिए अलग कतार और डाक बम को बिना किसी कतार के प्रवेश का इंतजाम रहेगा। साथ ही मंदिर ने पूरे सावन बाबा विश्वनाथ का ऑनलाइन रुद्राभिषेक, रुद्री पाठ और पूजन का इंतजाम किया है।
Bholenath In Kashi: ऑनलाइन होगी पूजा की बुकिंग
मंदिर की वेबसाइट और एप से ऑनलाइन पूजन की बुकिंग की जा सकेगी। इसके साथ ही भीड़ प्रबंधन के लिए धाम में जिगजैग बैरिकेडिंग की संख्या बढ़ाई गई है। इससे सड़क पर लगने वाली कतार कम होगी। बाबा के दर्शन के लिए कतार में खड़े श्रद्धालुओं के लिए पानी, ओआरएस और पंखों का इंतजाम किया गया है। कई सामाजिक संस्थाओं की ओर से भी कांवड़ियों के लिए मंदिर के आसपास शिविर लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा भक्त बाबा विश्वनाथ का ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए मंदिर की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म के जरिए इसका इंतजाम किया गया है।
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Bholenath In Kashi: पंडितों की बढ़ी डिमांड
उधर,सावन में पूजा पाठ और अनुष्ठान के लिए काशी के पंडितों की डिमांड बढ़ गई है। देश भर के विभिन्न प्रांतों से सावन में रुद्राभिषेक और पूजन कराने के लिए काशी के पंडितों की बुकिंग हो रही है। आलम ये है कि सावन में पहले ही बुकिंग फुल हो चुकी है। काशी के पंडित दूसरे शहरों में एक से 11 दिनों तक रुद्राभिषेक और पूजन के विभिन्न अनुष्ठान कराएंगे। यहां से एक हजार से अधिक आचार्य और सात हजार से अधिक वैदिक ब्राह्मण बाहर जा रहे हैं। इसके अलावा काशी के देवालयों में भी देश-विदेश से ऑनलाइन पूजा के लिए बुकिंग कराई गई है।