Hariyali Teej and Hartalika Teej: क्या है हरियाली तीज और हरतालिका तीज में अंतर? दोनों में किसकी की जाती है पूजा

Hariyali Teej and Hartalika Teej: क्या है हरियाली तीज और हरतालिका तीज में अंतर? दोनों में किसकी की जाती है पूजा

Hariyali Teej and Hartalika Teej: हरियाली तीज और हरतालिका तीज दाेनों ही व्रतों में भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है. इन दोनों में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं.

हरियाली तीज सावन महीने के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया को तो हरितालिका तीज भादों मास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है.

Hariyali Teej and Hartalika Teej: हरतालिका तीज और हरियाली तीज में अंतर

हरियाली तीज के दिन महिलाएं सामान्य व्रत रखती हैं. जबकि हरतालिका तीज के दिन सुहागन स्त्रियां कड़ा व्रत करती हैं जिसके नियम भी कड़े होते हैं.पौराणिक हिंदू मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती के व्रत की शुरुआत हरियाली से शुरू होकर हरितालिका तीज को समाप्त होती है. हरियाली तीज के दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती है.

हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की याद में मनाया जाता है. जबकि सौभाग्यवती स्त्रियां अपने सुहाग को अखंड बनाए रखने के लिए हरतालिका तीज का कठिन व्रत करती है.

माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए वन में घोर तप किया था, और वहां बालू के शिवलिंग बनाकर उसका पूजन किया. जिससे प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें वरदान दिया और बाद में राजा हिमालय ने भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह कराया था. माता पार्वती ने जब यह व्रत किया था, तब भाद्रपद की तिथि का हस्त नक्षत्र था.

Hariyali Teej and Hartalika Teej: हरियाली तीज

हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर तीज का त्योहार मनाया जाता है. सुहागन स्त्रियों के लिए यह व्रत बहुत महत्व रखता है. इस दिन पर महिलाएं झूला झूलती हैं, लोक गीत गाती हैं और आनंद लेती हैं.  इस दिन विवाहित महिलाएं सोलह श्रृंगार करके शिव-पार्वती की पूजा करती हैं, इससे उनका वैवाहिक जीवन लंबे समय तक चलता है साथ ही देवी पार्वती के कहने पर भगवान शिव ने आशीर्वाद दिया कि कोई भी अविवाहित लड़की यह व्रत रखेगी और शिव-पार्वती की पूजा करेगी. उनके विवाह में आ रही बाधाएं दूर होंगी, साथ ही शिव जैसा वर मिलेगा.

पौराणिक कथा के मुताबिक हरियाली तीज के दिन माता पार्वती ने 107 जन्मों के तप के बाद भगवान शिव को पति स्वरूप पाया था. इस शुभ दिन को हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है और कुंवारी लड़कियां व्रत रखकर मनचाहा और योग्य वर शिव-पार्वती से मांगती हैं.

Hariyali Teej and Hartalika Teej: हरतालिका तीज

हरतालिका तीज का त्योहार भादों में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. हर साल सुहागिनें इस दिन अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. यह तीज सबसे बड़ी मानी जाती है. इस दिन सुाहागिनें खाना तो दूर पानी का एक घूंट तक नहीं पीती हैं. हरतालिका तीज पर सुहागिनें भगवान शिव और माता गौरी की पूरे विधि-विधान से पूजा करती हैं और रात के समय चंद्रमा को भी अर्घ्य देती हैं.

Hariyali Teej and Hartalika Teej: कब है हरियाली तीज और हरतालिका तीज

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 06 अगस्त शाम 07:50 पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 07 अगस्त रात्रि 10:05 पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, हरियाली तीज पर्व 07 अगस्त 2024, बुधवार के दिन मनाया जाएगा.

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हरतालिका तीज 6 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी. तृतीया तिथि 5 सितंबर 2024 को दोपहर 12:21 बजे शुरू होगी और 6 सितंबर 2024 को दोपहर 03:01 बजे समाप्त होगी. पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 06:02 बजे से सुबह 08:33 बजे तक है. पूजा की कुल समय अवधि 2 घंटे 30 मिनट है.

 

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