SCO Summit: क्‍या है SCO, जिसमें शामिल होने के लिए 9 साल बाद पाकिस्‍तान जा रहे विदेश मंत्री एस जयशंकर

SCO Summit: क्‍या है SCO, जिसमें शामिल होने के लिए 9 साल बाद पाकिस्‍तान जा रहे विदेश मंत्री एस जयशंकर

SCO Summit: कनाडा के साथ सख्‍ती के बीच आज करीब  9 साल बाद भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान का दौरा कर रहे हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर 15 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन की 23वीं बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे रहे हैं.

पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ इस मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे. एससीओ शिखर सम्मेलन में अर्थव्यवस्था से लेकर व्यापार और पर्यावरण के क्षेत्र में चल रहे सहयोग पर चर्चा की जाएगी.

SCO Summit: विदेश मंत्री एस जयशंकर की दो टूक

विदेश मंत्री ने पहले ही साफ कर दिया है कि वो इस मीटिंग में पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की द्विपक्षीय बातचीत में हिस्सा नहीं लेंगे और भारत पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर इस मीटिंग में कोई चर्चा नहीं की जाएगी. मीटिंग में एससीओ समिट पर ही विदेश मंत्री का पूरा फोकस होगा और उन्होंने उसी को केंद्र में रखते हुए अपने दौरे को प्लान किया है.

5 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश मंत्री से उनके पाकिस्तान दौरे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैं पाकिस्तान सिर्फ SCO मीटिंग के लिए जा रहा हूं. उन्होंने कहा, यह यात्रा एक बहुपक्षीय होगी. मैं वहां भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर चर्चा करने नहीं जा रहा हूं. मैं एससीओ का एक सदस्य बनने के लिए वहां जा रहा हूं.

SCO Summit: क्‍या है SCO

शंघाई सहयोग संगठन जून 2001 में ‘शंघाई फाइव’ के विस्तार के बाद अस्तित्त्व में आया था। गौरतलब है कि ‘शंघाई फाइव’ का गठन रूस, चीन, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान और ताजिकिस्तान ने साथ मिलकर वर्ष 1996 में किया था।

वर्तमान में विश्व के 8 देश (कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान) SCO के सदस्य हैं। अफगानिस्तान, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया SCO में पर्यवेक्षक (Observer) के रूप में शामिल हैं। इस संगठन के उद्देश्यों में क्षेत्रीय सुरक्षा, सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सैनिकों की संख्या में कमी करना, और आतंकवाद की चुनौती पर काम करना आदि शामिल थे।

SCO Summit: इसके पहले सुषमा स्‍वराज गईं थी पाकिस्‍तान

सुषमा स्वराज ने अफगानिस्तान की स्थिरता और क्षेत्रीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के लिए दिसंबर 2015 में पाकिस्तान का दौरा किया। लेकिन इसी के बाद साल 2016 में पठानकोट अटैक हुआ। फिर 2019 में पुलवामा अटैक हुआ।

पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लिए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने की भारत की घोषणा के बाद संबंध और बिगड़ गए थे.

भारत की ओर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत से राजनयिक संबंधों को सीमित कर लिया था.

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SCO Summit: इन देशों के प्रमुख लेंगे हिस्‍सा

पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ इस मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे. इस बैठक में चीन के प्रधान मंत्री ली कियांग, रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन, बेलारूस के पीएम रोमन गोलोवचेंको, कजाकिस्तान के प्रधानमंत्री ओल्ज़ास बेक्टेनोव, ईरान के उप राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर भी शामिल होंगे. एससीओ शिखर सम्मेलन में अर्थव्यवस्था से लेकर व्यापार और पर्यावरण के क्षेत्र में चल रहे सहयोग पर चर्चा की जाएगी.

इस्लामाबाद पहुंचने के तुरंत बाद विदेश मंत्री जयशंकर एससीओ सदस्य देशों के स्वागत के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मेजबानी में आयोजित स्वागत भोज में शामिल होंगे.

 

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