NSG commandos: NSG कमांडो को नई जिम्‍मेदारी, VIP सुरक्षा के बजाय आतंकरोधी अभियानों में होंगे शामिल

NSG commandos: NSG कमांडो को नई जिम्‍मेदारी, VIP सुरक्षा के बजाय आतंकरोधी अभियानों में होंगे शामिल

NSG commandos: अगले महीने से केंद्र सरकार ने सभी वीआईपी की सिक्योरिटी का जिम्मा CRPF को सौंप दिया है। अभी तक एनएसजी कमांडो  VIP की सुरक्षा में रहते थे। उन्‍हें अब इस जिम्‍मेदारी से मुक्त कर दिया गया है।अब ये आतंकरोधी अभियानों में शामिल होंगे।

केंद्र सरकर ने आदेश दिया है कि सभी वीआईपी सिक्योरिटी ड्यूटी से NSG कंमाडो को हटा लिया जाए। क्योंकि इनका इस्तेमाल सिर्फ आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए किया जाएगा। जिन वीआईपी लोगों को बहुत ज्यादा खतरा है, उनकी सिक्योरिटी का कमान अब CRPF के हवाले होगा। अगले महीने से आदेश लागू हो जाएगा।

NSG commandos: CRPF संभालेगी वीआईपी सिक्योरिटी का जिम्‍मा

संसद की सुरक्षा से रिटायर्ड हुए CRPF जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दिलाकर उन्हें सीआरपीएफ वीआईपी सिक्योरिटी विंग में भेजा गया है। इसके लिए नई बटालियन बनाई गई है। अब ये जवान वीआईपी की सुरक्षा करेंगे।  इस समय 9 जेड-प्लस कैटेगरी के वीआईपी है, जिनकी सिक्योरिटी NSG के ब्लैक कैट कमांडो करते हैं।

NSG commandos: दुनिया की सबसे खतरनाक फोर्स में गिनी जाती है NSG

नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) का गठन 22 सितंबर, 1986 को किया गया था. इसके गठन का मुख्य उद्देश्य देश में होने वाली आतंकरोधी गतिविधियों को रोकना था. कमांडो इसे अपनी भाषा में Never Say Give Up (NSG) भी कहते हैं. एनएसजी का गठन देश की सुरक्षा विशेष तौर पर आतंकवाद से निपटने के लिए किया गया था, जिसे “ब्लैक कैट कमांडो” के नाम से भी जाना जाता है.

सिर्फ आतंकियों को मारना ही इनका मुख्य काम नहीं है. ये होस्टेज स्थिति भी संभालते हैं. सीक्रेट मिशन करते हैं. सर्जिकल स्ट्राइक या फिर युद्ध से पहले जासूसी करनी हो. आसमान, जमीन या फिर पानी… कहीं भी ये दुश्मन को मौत दिखा देते हैं. ये मारने और मरने दोनों के लिए तैयार रहते हैं.

NSG commandos: कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है

एनएसजी कमांडो की सीधे भर्ती नहीं होती है, बल्कि इन्हें भारतीय थल सेना और अन्य सशस्त्र बल जैसे सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, सीआईएसएफ समेत अन्य बलों से चुना जाता है. कमांडों के लिए 50 फीसदी से अधिक भारतीय सेना से होते हैं, जबकि शेष अन्य सशस्त्र बल से होते हैं.

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एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग सबसे कठिन मानी जाती है इसमें फिजिकल और मेंटल दोनों ही तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इन्हें अत्याधुनिक हथियारों और तकनीकों की जानकारी दी जाती है. साथ ही वे जटिल और जोखिम भरे ऑपरेशंस के लिए तैयार किए जाते हैं. इनकी ट्रेनिंग में क्लोज़ क्वार्टर बैटल, स्नाइपर ट्रेनिंग और आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए स्पेशल ऑपरेशन शामिल होते हैं.

NSG commandos: सरकार की है खास योजना

सरकार की योजना के अनुसार एनएसजी कमांडों में से चुने हुए जवानों की एक खास एलीट फोर्स बनाई जाएगी. जिसे स्ट्राइक टीम कहा जाएगा. ताकि हाई-रिस्क एरिया की सिक्योरिटी या आतंकी हमले का जवाब देने लायक टीम बन सके. ये टीम अयोध्या के राम मंदिर समेत देश के सभी महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा भी करेगी. एनएसजी को दो दशक पहले वीआईपी सिक्योरिटी में लगाया गया था.

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