SP Alliance with Congress: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन, सपा की सियासी मजबूरी!
SP Alliance with Congress: कांग्रेस आलाकमान और गांधी परिवार भले ही यूपी से बाहर समाजवादी पार्टी को अपने तेवर दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा हो,लेकिन उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी चाह कर भी कांग्रेस को अनदेखा नहीं कर पा रही है। इसे समाजवादी पार्टी की सियासी मजबूरी कहें या फिर समय की मांग जिसकी वजह से हरियाणा में खाली हाथ रहने के बावजूद समाजवादी पार्टी यूपी में कांग्रेस के साथ रिश्ता बनाए रखेगी।
यूपी में उपचुनाव वाली 10 सीटों में सपा 8 पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।शेष दो सीटें उसने कांग्रेस के लिये छोड़ दी हैं। जबकि कांग्रेस पांच सीटों की मांग कर रही थी, वैसे पांच सीटों वाली उसकी मांग तर्कसंगत भी नहीं थी।
SP Alliance with Congress: यूपी में इंडिया गठबंधन जारी रहेगा: अखिलेश
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीट कांग्रेस के लिए छोड़ने का फैसला किया है। यूपी में उपचुनाव वाली 10 सीटों में सपा 8 पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि उपचुनाव के लिए हुए समझौते के तहत अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट के साथ गाजियाबाद सीट पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारेगी।
वैसे इसे सपा का डैमेज कंट्रोल भी माना जा रहा है। हरियाणा में कांग्रेस की करारी हार के अगले दिन ही सपा ने यूपी में छह सीटों पर उपचुनाव के उम्मीदवार घोषित कर दिए थे। इससे कांग्रेस के नेता नाराज हो गये थे। कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय ने भी सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत से इंकार कर दिया था। सूत्रों का कहना है कि गत दिनों जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण के दौरान राहुल व अखिलेश की मुलाकात के बाद सीट बंटवारे पर सहमति बनी। वैसे कइ बार अखिलेश कह चुके हैं कि यूपी में इंडिया गठबंधन जारी रहेगा।
SP Alliance with Congress: अखिलेश ने इनको बनाया उम्मीदवार
बात उम्मीदवारों की कि जाये तो समाजावादी पार्टी ने बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मुनकाद अली की बेटी सुंबुल राणा को मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से उम्मीदवार बनाया है। गत दिवस स्थानीय नेताओं व जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सुंबुल का नाम तय किया है। सुंबुल बसपा के पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू हैं।
कादिर राणा इस समय सपा में हैं। मुनकाद और कादिर का सियासी रिश्ता 2010 में पारिवारिक रिश्ते में बदला था, तब कादिर भी बसपा में थे। 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले कादिर सपा में शामिल हो गए थे। मीरापुर सीट सपा के साथ गठबंधन में रालोद ने जीती थी। हालांकि, लोकसभा चुनाव के पहले रालोद ने भाजपा का साथ पकड़ लिया। मीरापुर के विधायक चंदन चौहान के बिजनौर से सांसद बनने के बाद यहां उपचुनाव हो रहा है। सपा अब तक उपचुनाव वाली सात सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। इसमें छह टिकट नेताओं के परिवार में ही गए हैं। अल्पसंख्यकों की भागीदारी का संदेश देने के लिए अखिलेश ने अब तक तीन टिकट मुस्लिमों को दिए हैं।
SP Alliance with Congress: मिल्कीपुर बना नाक का सवाल
बहरहाल, नौ विधान सभा सीटों पर चुनाव के लिये सभी दल पूरी मेहनत कर रहे हैं,वहीं मिल्कीपुर उपचुनाव टलने को लेकर सपा और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप बढ़ता जा रहा है। अब भाजपा ने सपा पर चुनाव टालने का आरोप लगाया है। जब मिल्कीपुर का चुनाव घोषित नहीं किया गया तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा को घेरा था। और उन्होंने एक्स पर पोस्ट करके तंज किया था कि जिसने जंग टाली है, उसने जंग हारी है।
वहीं, मिल्कीपुर के पूर्व विधायक गोरखनाथ ने इसका जवाब देते हुए कहा है कि भाजपा नहीं, बल्कि सपा डर गई है। यही वजह है कि उन्होंने(गोरखनाथ) अपनी याचिका वापस लेने की अपील कोर्ट से की। कोर्ट में गुरुवार 17 अक्टूबर को सुनवाई थी। मैं वहां पहुंचा तो देखा कि सपा सांसद अवधेश प्रसाद वहां एक दर्जन वकील भेज दिए हैं।
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इस बात पर बहस होने लगी कि ऐसे आप याचिका वापस नहीं सकते। इससे साफ है कि समाजवादी पार्टी डर गई है और वह चुनाव नहीं चाहती। कुल मिलाकर कांग्रेस और सपा के रिश्तों की बात की जाये तो अभी ऐसा नहीं लगता है कि सपा और कांग्रेस की राहें जुदा होने वाली है। फिलहाल अखिलेश का समाजवाद कांग्रेस के साथ ही आगे बढ़ेगा।