Worship Lakshmi on Diwali: दीपावली पर है लक्ष्‍मी पूजन का ये शुभ मुहूर्त, ऐसे करें तैयारी, मां लक्ष्‍मी की बरसेगी कृपा

Worship Lakshmi on Diwali: दीपावली पर है लक्ष्‍मी पूजन का ये शुभ मुहूर्त, ऐसे करें तैयारी, मां लक्ष्‍मी की बरसेगी कृपा

Worship Lakshmi on Diwali: दिवाली का त्‍योहार कार्तिक मास की अमावस्‍या को मनाया जाता है। इस दिन प्रदाेष काल में मां लक्ष्‍मी, भगवान गणेश की पूजा की जाती है। धार्मिक शास्‍त्रों के अनुसार इस पर्व पर मां लक्ष्मी का आगमन धन की प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं।

मां लक्ष्‍मी की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि और शांति बनी रहती है। मां लक्ष्‍मी को धन की देवी के रूप में जाना जाता है। मान्‍यता है कि  जिस घर में मां लक्ष्‍मी का वास होता है, वहां दरिद्रता का कोई स्‍थान नहीं होता है।

Worship Lakshmi on Diwali: दीपावली की रात क्‍यों करते हैं मां लक्ष्‍मी का पूजन

धार्मिक कथाओं के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को ही समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी का आगमन हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता लक्ष्मी दीपावली के दिन रात के समय पृथ्वी पर आती हैं और भ्रमण करती हैं। इसलिए लोग मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए इनकी पूजा-अर्चना करते हैं। ताकि उनके जीवन और घर में सुख समृद्धि का वास रहे और धन की कभी कमी ना हो। मां लक्ष्मी के आगमन के लिए लोग दिवाली की रात घरों में दीपक जलाते हैं।

Worship Lakshmi on Diwali: लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, दिवाली में प्रदोष काल शाम 5 बजकर 36 मिनट से लेकर 8 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। वहीं वृषभ लग्न की शुरुआत शाम 6 बजकर 25 मिनट पर और समापन रात 8 बजकर 20 मिनट तक पर होगा। ऐसे में मां लक्ष्मी का पूजन 6 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 20 मिनट के बीच करना शुभ होगा।

Worship Lakshmi on Diwali: लक्ष्मी पूजन विधि

ईशान कोण या उत्तर दिशा भगवान की पूजा के लिए विशेष मानी जाती है। लक्ष्मी पूजन करने के लिए ईशान कोण या उत्तर दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है। जहां पूजा करनी हो, वहां के स्थान की साफ-सफाई करके स्वास्तिक बना लें।  एक छोटी चौकी ले लें उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। उसके बाद कलश की स्‍थापना करें। उस पर एक कटोरी में चावल रखें।

माता लक्ष्मी के साथ गणेश जी और कुबेर जी की तस्वीर भी होनी चाहिए। उसके बाद तस्वीर या मूर्ति पर गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर लें। फिर नारियल, मिठाई, फूल (लाल या सफेद) धूप, कपूर, घी, अक्षत (चावल), रोली, कुमकुम, गंगाजल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) और पान के पत्ते, मां लक्ष्‍मी को चढ़ाने के लिए खीर सारी पूजन की सामाग्री जुटा कर एक जगह रख लें।

Worship Lakshmi on Diwali: ऐसे करें पूजा

अब उसके बाद मां लक्ष्मी का ध्यान कर उनका आवाहन करें। लक्ष्मी जी को जल अर्पण करें और फिर पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद स्वच्छ जल से स्नान कराएं। मां लक्ष्‍मी के साथ साथ भगवान गणेश जी की भी पूजा भी करते चलें। अब मां को रोली और अक्षत से तिलक करें। फिर फूल चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं। मां लक्ष्‍मी को खीर बहुत पसंद है। उनको खीर का भोग जरूर लगाएं।

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इसके बाद नारियल और पान के पत्ते अर्पित करें। लक्ष्मी मंत्रों का जाप पूजा के दौरान जरूर करें। इन मंत्रों का जाप मां लक्ष्मी की पूजा में करना चाहिए।“ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः” “ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः” इन मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करें। पूजा के आखिर में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती करें।  उसके बाद पूरे घर और मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं।

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