Assembly Election in UP: यूपी की 9 विधानसभा सीटों के नतीजे तय करेंगे 2027 का रास्ता, कल है वोटिंग
Assembly Election in UP: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ कल उत्तर प्रदेश के 9 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के समय खाली हुई देश के कई राज्यों में विधानसभा की सीटों पर उपचुनाव हो चुके हैं।
पर उत्तर प्रदेश में होने जा रहे उपचुनाव पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। क्योंकि यह मुकाबला सीधा सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की साख से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही इसे 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के ट्रेलर के रूप में भी देखा जा रहा है।
Assembly Election in UP: बनी साख और नाक की लड़ाई
लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट के साथ सपा का 37 सीटें जीतना, जहां अखिलेश यादव की राजनैतिक साख के लिए संजीवनी का काम कर गया तो वहीं योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी का 33 सीटों पर सिमटना, उनके लिए एक झटके से कम नहीं था। ऐसे में दोनों ही नेताओं ने उपचुनाव में पूरा जोर लगा दिया है।
इस उपचुनाव को अगले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। जो यूपी की सत्ता के सिंहासन का रास्ता तय करेगा। उत्तर प्रदेश उपचुनाव में सीएम योगी की साख दांव पर लगी है। उपचुनाव के नतीजें जो भी हों, उसका सारा क्रेडिट योगी आदित्यनाथ को जाएगा। लोकसभा चुनाव में मिली मात के बाद बीजेपी किसी भी सूरत में उपचुनाव नहीं हराना चाहती।
Assembly Election in UP: अखिलेश का PDA फॉर्मूला होगा कारगर
सपा प्रमुख अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में अपनाए गए पीडीए फॉर्मूला को दोहराते हुए उपचुनाव में भी चार मुस्लिम, तीन ओबीसी और 2 दलित उम्मीदवार उतारे हैं। जिनके दम पर लोकसभा चुनाव में उन्होंने ज्यादा सीटें जीती थीं।
अखिलेश यादव पीडीए फॉर्मूले को धार देने के साथ-साथ 2027 के लिए माहौल बनाने का कोई मौका जाने नहीं देना चाहते।
अखिलेश यादव के लिए उपचुनाव में चार सीटें-करहल, कटेहरी, सीसामऊ और कुंदरकी पर अपना दबदबा बनाए रखने की है। विपक्ष में रहते हुए सपा ने रामपुर और आजमगढ़ जैसी सीट गंवा दी हैं, लेकिन घोसी और मैनपुरी सीट जीतने में कामयाब रही थी। इस तरह उपचुनाव जीतकर अखिलेश सियासी माहौल को अपने पक्ष में करने की कवायद करेंगे।
Assembly Election in UP: दांव पर लगी सीएम योगी की साख
सीएम योगी की साख उत्तर प्रदेश उपचुनाव में दांव पर लगी है। लोकसभा चुनाव में कम मिली सीटों के बाद बीजेपी किसी भी सूरत में उपचुनाव नहीं हराना चाहती। बीजेपी ने उपचुनाव में मौर्य, ब्राह्मण, कुर्मी, निषाद, यादव और ठाकुर समाज के नेताओं को मौका दिया है। एनडीए ने पांच ओबीसी, 2 ब्राह्मण, 1 दलित और 1 ठाकुर प्रत्याशी उतार रखा है।
बीजेपी ने मीरापुर सीट अपने सहयोगी अपना दल को दी है। जयंत चौधरी ने पाल समुदाय के प्रत्याशी को उतारा है।
जयंत चौधरी पर जाट वोटों को बीजेपी के पक्ष में ट्रांसफर कराने की चुनौती है। 2022 में मीरापुर सीट सपा के समर्थन से आरएलडी जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन इस बार आरएलडी का बीजेपी के साथ गठबंधन है। मीरापुर सीट पर आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के खुद को साबित करने का चैलेंज है, तो खैर और कुंदरकी सीट पर जाट वोटों को बीजेपी के पक्ष में कराने की चुनौती है।
Assembly Election in UP: दलित वोटर होंगे निर्णायक
दलित वोटबैंक पर सबकी नजर है। जो इस विधानसभा उपचुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। यही वजह है कि उपचुनाव से दूरी बनाए रखने वाली मायावती ने इस बार नौ की नौ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। जिनका कोर वोटर हमेशा से दलित ही रहा है। जिनके सामने अपनी खोई हुई जमीन को बचाने की चुनौती है।
दलित की राजनीति करने वाले और मायावती के वोट बैंक में सेध करने वाले नेता चंद्रशेखर आजाद की साख भी दांव पर लगी है। मीरापुर, कुंदरकी, खैर सहित कई सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार रखे हैं। नगीना में मुस्लिम वोटों के दम जीत दर्ज कर सांसद बने चंद्रशेखर के लिए दलित वोट को साधने का चैलेंज है।
Assembly Election in UP: ओवैसी करेंगे मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी
अखिलेश की नजर जहां मुस्लिम वोटबैंक को पूरी तरह खींचने की है तो यहां पर सेंधमारी के लिए औवैसी भी तैयार है। असदुद्दीन ओवैसी ने मीरापुर, कुंदरकी और गाजियाबाद विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। तीनों ही विधानसभा सीटें मुस्लिम बहुल मानी जाती है। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन ओवैसी खुद मीरापुर सीट पर जनसभा कर मुस्लिम वोटों को अपने पक्ष में करने की हरसंभव कोशिश की।इसीलिए AIMIM ने पूरी ताकत लगी है।
Assembly Election in UP: ये प्रत्याशी हैं मैदान में
मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट पर सपा से तेज प्रताप यादव चुनाव लड़ रहे हैं, तो बीजेपी से अनुजेश यादव और बसपा से अविनाश शाक्य चुनाव लड़ रहे हैं। मुरादाबाद की मुस्लिम बहुल कुंदरकी सीट पर बीजेपी से रामवीर सिंह ठाकुर चुनाव लड़ रहे हैं, तो सपा से हाजी रिजवान चुनाव लड़ रहे।
इस सीट से बसपा के रफतउल्ला उर्फ छिद्दा, AIMIM से मोहम्मद वारिस और आसपा से हाजी चांद बाबू किस्मत आजमा रहे हैं।
मीरापुर सीट पर रालोद से मिथलेश पाल, सपा नसे पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू सुम्बुल राणा, बसपा ने शाहनजर, चंद्रशेखर आजाद की पार्टी ने जाहिद हुसैन और AIMIM से अरशद राणा चुनाव लड़ रहे।
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सीसामऊ विधानसभा सीट पर सपा से नसीम सोलंकी, बीजेपी से सुरेश अवस्थी और बसपा से वीरेंद्र शुक्ला चुनाव लड़ रहे। गाजियाबाद सीट पर बीजेपी से संजीव शर्मा, सपा से राज सिंह जाटव और बसपा से पीएन गर्ग चुनाव लड़ रहे।
खैर विधानसभा सीट पर सपा से चारु कैन, बीजेपी से सुरेंद्र दिलेर और बसपा से पहल सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। फूलपुर सीट से बीजेपी से दीपक पटेल और सपा से मुज्तबा सिद्दीकी, मझवां सीट पर बीजेपी से सुचिस्मिता मौर्य, सपा से ज्योति बिंद और बसपा से दीपक तिवारी चुनाव लड़ रहे। कटेहरी विधानसभा सीट पर सपा से शोभावती वर्मा, बीजेपी से धर्मराज निषाद और बसपा से अमित वर्मा चुनाव लड़ रहे हैं।