Pollution at Home: क्या आप घर में खाना बनाने से होने वाले प्रदूषण के बारे में जानते हैं? नहीं, तो ये चीज होगी कारगर
Pollution at Home: बाहर के वातावरण में तो कई कारणों की वजह से आदमी प्रदूषण से जूझता है। पर क्या आप घर के ऐसे प्रदूषण के बारे में जानते हैं, जहां आप रहते हैं। जी, हां हम बात कर रहे हैं किचन की, जहां खाना बनाने के तरीकों से भी प्रदूषण होता है।
आज के भागदौड़ और तनावग्रस्त जीवन से हर कोई हाई ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्राल, शुगर जैसी बीमारियों से पीडि़त है। ये बीमारियां अधिक मिर्च-मसाले, डीप फ्राई, फॉस्ट फूड आदि चीजों को खाने से हो रही हैं। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए लोग अब एयर फ्रायर में खाना बनाने लगे हैं।
बर्मिंघम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि जहां तक घर के अंदर के प्रदूषण की बात है, तो एयर फ्रायर आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करने के मामले में सबसे कम खतरनाक है।
Pollution at Home: इन चीजों में खाना बनाने से होता है ज्यादा प्रदूषण
भोजन पकाना घर के अंदर प्रदूषण के मुख्य स्रोतों में से एक है। इसलिए शोधकर्ताओं ने पांच लोकप्रिय तरीकों – पैन फ्राइंग, डीप फैट फ्राइंग, एयर फ्राइंग, स्टिर फ्राइंग और उबालने से लेकर पकाने तक में इससे उत्पन्न प्रदूषकों की तुलना करने का निर्णय लिया।
वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों को मापने के लिए, उन्होंने इसे प्रति बिलियन भागों (पीपीबी) में मापा, जिसमें पैन फ्राइंग एक बार फिर 260 प्रति बिलियन भागों के साथ सबसे बड़ा प्रदूषक रहा, इसके बाद 230 पीपीबी पर डीप फ्राइंग, 110 पीपीबी पर स्टिर फ्राइंग, 30 पीपीबी पर उबालना – और एक बार फिर 20 पीपीबी पर एयर फ्रायर ने बाजी मारी।
Pollution at Home: एयर फ्रायर में खाना बनाना सबसे सही
अध्ययन से पता चलता है कि पैन फ्राइंग रसोईघर में खाना पकाने का सबसे अधिक प्रदूषणकारी तरीका है, जबकि एयर फ्रायर उस स्थान के लिए काफी कम प्रदूषणकारी तरीका है, जहां आप रहते हैं।
शोधकर्ताओं को चिकन पकाने में प्रत्येक बार केवल 10 मिनट का समय लगा, लेकिन प्रदूषक तत्व एक घंटे से अधिक समय तक हवा में बने रहे।
अध्ययन के मुख्य लेखक, बर्मिंघम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर क्रिश्चियन फ्रैंग ने कहा कि खाना पकाने की विधि के अलावा, कई अन्य कारक भी हैं जो खाना पकाने से होने वाले घरेलू प्रदूषण को प्रभावित करते हैं, जिनमें ‘प्रयुक्त तेल की मात्रा’ के साथ-साथ ‘चूल्हे का तापमान’ भी शामिल है।
सर्दियों में नहीं पड़ना बीमार तो गेहूं के जगह खाएं बाजरे की रोटी
उन्होंने आगे कहा: “यह समझना भी बहुत महत्वपूर्ण है कि खाना पकाने के बाद भी कण काफी समय तक हवा में बने रहते हैं, इसलिए हवा का संचालन जारी रखना या कुछ समय के लिए पंखे चालू रखना, वास्तव में इस इनडोर प्रदूषण को बढ़ने से रोकने में मदद करेगा और प्रदूषकों के पूरे घर में पहुंचने और वितरित होने की संभावना को कम करेगा, जिससे व्यक्तिगत जोखिम भी बढ़ेगा।”