भारत को विश्व प्रतियोगिता की मेजबानी न देने के फैसले पर आईओसी से बात करेगा आईओए
भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) 22 दिसंबर को अपनी सालाना आम बैठक (जीबीएम) में अपनी मूल संस्था आईओसी के भारत को किसी विश्व प्रतियोगिता की मेजबानी नहीं देने के फैसले के बारे में चर्चा करेगा. ऐसा कोसोवो की मुक्केबाज को वीजा नहीं देने के मामले से उठे विवाद के बाद किया गया.
अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) ने अपने सभी सदस्य महासंघों को कोसोवो मामले के कारण अपनी किसी विश्व प्रतियोगिता को भारत को नहीं सौंपने के लिए कहा. भारत ने पिछले माह दिल्ली में आयोजित एआईबीए महिला विश्व चैंयिनशिप के लिए इस यूरोपीय देश की मुक्केबाज को वीजा देने से इंकार कर दिया था. भारत सरकार ने कोसोवो की एकमात्र मुक्केबाज दोनजेता सादिकू को वीजा देने से इनकार कर दिया था, क्योंकि वह यूरोपीय देश को मान्यता नहीं देता. जिस कारण यह देश मुक्केबाजी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सका.
आईओसी भारत के खिलाफ कर सकता है कारवाई
आईओसी ने अपने सभी अंतरराष्ट्रीय महासंघों को कहा है कि वे किसी विश्व प्रतियोगिता का आयोजन देश को देने से पहले कोसोवो की भागीदारी के संबंध में भारतीय अधिकारियों से लिखित में आश्वासन ले लें. बैठक में कई मामलों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें एक एजेंडा है कि ‘‘अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों और दलों की भागीदारी के लिए आईओसी के 19 नवंबर 2018 पत्र का स्वायत्ता और गैर भेदभाव सिद्धांत’’ होगा. आईओए महासचिव राजीव मेहता ने कहा, कि यह गंभीर मसला है और आईओए की जीबीएम गहराई से चर्चा करेगी.
उन्होंने कहा कि हम इस संबंध में पहले ही खेल मंत्रालय को पत्र लिख चुके हैं. जीबीएम में चर्चा होगी कि किस तरह की कारवाई की जरुरत होगी. अगर यह मुद्दा नहीं सुलझा तो आईओसी भारत के खिलाफ कारवाई कर सकता है.
पदाधिकारियों का भी होगा चुनाव
जीबीएम के दौरान एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष का भी चुनाव होगा.आईओए ने अगस्त में अपने संविधान में संशोधन किया था जिसके अंतर्गत वरिष्ठ उपाध्यक्ष की संख्या मौजूदा एक से बढ़ाकर दो और उपाध्यक्ष की संख्या मौजूदा आठ से नौ कर दी गई. आईओए कोषाध्यक्ष अनिल खन्ना का नाम वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में आगे चल रहा है, जिन्होंने पिछले साल दिसंबर में हुए चुनावों में मौजूदा अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के खिलाफ अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी.