MP Election Result 2018: मध्य प्रदेश की गर्वनर आनंदीबेन पटेल पर टिकी हैं सबकी नजरें
कांग्रेस और बीजेपी के बीच मंगलवार को हुए जबरदस्त मुकाबले के बाद मध्य प्रदेश में नतीजे साफ हो चुके हैं. राज्य में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 114 सीटें जीत ली हैं, जबकि बीजेपी के पास 108 सीटें हैं. वहीं अन्य के खाते में 7 सीटें आई हैं. इस बीच कमलनाथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा कर चुके हैं.
चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद कमलनाथ ने कहा, ‘मैं बेहद खुश हूं और आप सबको बताना चाहता हूं कि कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत के साथ जीत दर्ज कर ली है. हमने राज्यपाल को पत्र लिखकर उनसे सरकार बनाने का न्योता देने का अनुराध किया है ताकि हम अपना बहुमत साबित कर सकें.’
इस पूरी स्थिति को देखते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटले की भूमिका अहम मानी जा रही है. ऐसे में कौन है आनंदीबेन पटेल और उनके राजनीतिक सफर के बारे में भी जान लेना जरूरी है.
कौन है आनंदीबेन पटेल?
आनंदीबेन पटेल मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की गर्वनर हैं. इससे पहले वो गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं. पिछले साल दिसंबर में हुए गुजरात के विधानसभा चुनाव के दौरान जब आनंदी बेन पटेल ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था तभी से उन्हें कोई और पद दिए जाने की सुगबुगाहट थी. इसी फैसले के तहत आनंदी बेन पटेल को मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया. उन्होंने इस साल 23 जनवरी को मध्यप्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ ली थी.
गुजराज की राजनीति में ‘लौह महिला’ के नाम से जानी जाने वाली आनंदीबेन पटेल 1987 में बीजेपी में शामिल हुई थीं. अकाल पंडितों के लिए न्याय मांगने के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद से वो पहली बार चर्चा में आईं. आनंदीबेन पटेल प्रधानमंत्री मोदी की करीबी भी मानी जाती हैं. बताया जाता है कि जब 1995 में शंकर सिंह वाघेला ने बगावत की थी, तो उस कठिन समय में उन्होंने मोदी के साथ पार्टी के लिए काम किया. 1998 में वे कैबिनेट में शामिल हुई. इसके बाद उन्होंने शिक्षा और महिला एंव बाल कल्याण जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी ली.
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी माने जाने वाली आनंदीबेन उनके प्रधानमंत्री बन जाने के बाद गुजरात की नई मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे रहीं और बनी भीं. पीएम मोदी के गुजरात के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद वे गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी. इसके बाद 1 अगस्त 2016 को आनंदीबेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.