दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब, मौसम की परिस्थितियों में मामूली सुधार
दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी की दर्ज की गई है. हालांकि, मौसम की परिस्थितियों में मामूली सुधार से प्रदूषकों के बिखराव में कुछ मदद मिली है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 396 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ स्तर का है. वहीं, केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के अनुसार भी एक्यूआई ‘बेहद खराब’ श्रेणी का दर्ज किया गया.
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, 21 इलाकों में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ दर्ज किया गया, जबकि 13 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ दर्ज की गई. एनसीआर के गाजियाबाद में वायु प्रदूषण ‘गंभीर’ स्तर का जबकि फरीदाबाद, गुड़गांव और नोएडा में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी की दर्ज की गई. सीपीसीबी ने बताया कि (हवा में मौजूद 2. 5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के महीन कण (PM 2.5) का स्तर 249 जबकि PM 10 का स्तर 378 दर्ज किया गया. राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को प्रदूषण साल के दूसरे सबसे खराब स्तर पर दर्ज किया गया. रविवार को AQI 450 दर्ज किया गया. बुधवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी की होने से पहले सोमवार और मंगलवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में रही.
EPCA चेयरमैन भूरे लाल ने कहा, ‘आज दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब की श्रेणी में है. हवा की गति लगभग शून्य है, जिस कारण पीएम हट नहीं पा रहे हैं, इसलिए प्रदूषण खत्म नहीं हो रहा है. आने वाले दिनों में सुधार की संभावना है.’
भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) के अनुसार, वायु गुणवत्ता में सुधार की संभावना है क्योंकि हवा की गति और वायु संचार सूचकांक जैसी मौसमी परिस्थितियां प्रदूषकों के बिखराव के अनुकूल है. शहर में गंभीर प्रदूषण के मद्देनजर वजीरपुर, मुंडका, नरेला, बवाना, साहिबाबाद और फरीदाबाद में औद्योगिक गतिविधियों तथा दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्य बुधवार तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं.
दिल्ली के मुख्य सचिव विजय कुमार देव को लिखे एक पत्र में EPCA अध्यक्ष भूरे लाल ने उन्हें राष्ट्रीय राजधानी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद और नोएडा में बुधवार तक सभी निर्माण गतिविधियां बंद रखने के निर्देश दिए. EPCA ने यातायात पुलिस को विशेष टीमें तैनात करने और भीड़भाड़ से मुक्त यातायात सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. संबंधित एजेंसियों को अवैध उद्योगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, जमीनी स्तर पर कार्रवाई तेज करने और कूड़ा जलाने जैसी प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियां को नियंत्रित करने का हर प्रयास करने के लिए भी कहा है.