केजरीवाल की नई अपील- अपने बच्चों से प्यार नहीं हो, तो करिए मोदीजी को वोट
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में एक स्कूली कार्यक्रम में वोट मांगने की नई अपील की है. अरविंद केजरीवाल ने इस कार्यक्रम में छात्रों के अभिभावकों से कहा है कि अगर उन्हें अपने बच्चों से प्यार नहीं हो तो ही वो पीएम नरेंद्र मोदी को वोट दें. केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 11,000 नए क्लासरूम के निर्माण की आधारशिला रखी और दोनों नेता इस कार्यक्रम में लोकसभा चुनावों के लिए वोट भी मांगते नजर आए.
न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के सर्वोदय कन्या विद्यालय में छात्रों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए इनकी तरफ से अभिभावकोंं से पूछा गया कि वो किसे ज्यादा प्यार करते हैं- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से या अपने बच्चों से. केजरीवाल ने कहा कि ‘अगर आप अपने बच्चों से प्यार करते हैं तो उनको वोट दीजिए जो आपके बच्चों के लिए काम कर रहे हैं और अगर आप अपने बच्चों से प्यार नहीं करते हैं तो जाइए और मोदीजी को वोट दीजिए. मोदीजी ने एक भी क्लासरूम या स्कूल नहीं बनवाया. आपको मोदी से प्यार या देश से प्यार के बीच में किसी एक को चुनना होगा.’
यही नहीं, मनीष सिसोदिया ने बच्चों से अपने अभिभावकों को धन्यवाद कहने को कहा क्योंकि उन्होंने आप को लिए वोट किया. उन्होंने बच्चों से कहा, ‘आप अपने माता-पिता को आप को वोट डालने के लिए थैंक्यू बोलिए क्योंकि अगर इन्होंने आप को वोट नहीं किया होता तो पार्टी आप सबके लिए और दिल्ली के लिए काम कैसे करती?’ सिसोदिया ने वहां मौजूद अभिभावकों से 2015 में पार्टी को वोट देने के लिए धन्यवाद दिया.
शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा, ‘मैंने किसी से पूछा कि वो किसे वोट करेंगे. उन्होंने कहा मोदी को. मैंने पूछा क्यों- तो उन्होंने कहा कि उन्हें मोदीजी से प्यार है. तो मैंने कहा कि अगर आपको अपने बच्चों से प्यार है तो उनको वोट दीजिए जो उनके लिए स्कूल बना रहे हैं.’ सिसोदिया ने भी कहा कि स्कूल के बाहर देश में मंदिर-मस्जिद की राजनीति चल रही है. देश में ऐसा माहौल बनाया गया है लेकिन दिल्ली की सरकार बस स्कूल बना रही है और शिक्षा की राजनीति कर रही है. सिसोदिया ने बच्चों से कहा, ‘घर जाइए और अपने माता-पिता से पूछिए कि वो आपसे प्यार करते हैं या नहीं. अगर वो हां बोलें तो उनसे कहिएगा कि वो अपना वोट उसे दें, जो स्कूल बना रहे हैं.’ बता दें कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली में एक साल के भीतर 11,000 नए क्लासरूम बनाने का लक्ष्य रखा है. ये प्रोजेक्ट सोमवार को शुरू कर दिया गया.