Akshaya Tritiya is very auspicious: 3अक्षय तृतीया इस वजह से होती है बेहद शुभ, बिना मुहूर्त के करें कोई भी काम
हर काम में होती है अक्षय वृद्धि
Akshaya Tritiya is very auspicious: हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का बहुत महत्व होता है. इस दिन किसी भी कार्य को करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त या पचांग की आवश्यकता नहीं होती है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के नाम से भी जाना जाता है. इस बार अक्षय तृतीया 10 मई को पड़ रही है.
Akshaya Tritiya is very auspicious: भगवान परशुराम ने लिया जन्म
इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य अक्षय वृद्धि प्रदान करता है. अक्षय तृतीया को हिंदू धर्म में एक अबूझ मुहूर्त के रूप में भी देखा जाता है. हिंदू धर्म पुराणों के मुताबिक इसी दिन से सतयुग, त्रेता युग और द्वापर युग की शुरुआत हुई थी. इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु के 3 अवतार नर-नारायण और भगवान परशुराम ने जन्म लिया था.
Akshaya Tritiya is very auspicious: ठाकुर के चरण दर्शन
हिंदू पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि इसी दिन त्रेता युग का आरंभ हुआ था और इसी दिन नरनारायण और भगवान परशुराम ने अवतार लिया था. बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम के कपाट भी अक्षय तृतीया के दिन ही खुलते हैं. इसके अलावा वृंदावन में बांके बिहारी के श्री विग्रह के चरण के दर्शन भी इसी दिन होते हैं.
Akshaya Tritiya is very auspicious: इस वजह से खास है अक्षय तृतीया
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही स्वर्ग से धरती पर माता गंगा अवतरित हुई थी. बताया जाता है कि मां गंगा को पृथ्वी पर अवतरित कराने के लिए राजा भगीरथ में हजारों वर्ष तक तपस्या की थी. यही खास वजह है कि इस दिन अगर आप गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं तो आपके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं.
Akshaya Tritiya is very auspicious: माता अन्नपूर्णा का हुआ था जन्म
सके अलावा बताया जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन माता अन्नपूर्णा की उत्पत्ति अन्नपूर्णा जयंती के रूप में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन माता अन्नपूर्णा की पूजा करने से भोजन का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है. साथ ही इस दिन गरीबों को भोजन कराने का विधान होता है और माना जाता है कि अगर इस दिन लोगों को भोजन कराया जाए तो घर में भोजन की कमी नहीं होती है.http://अक्षय तृतीया को लेकर ये भी हैं मान्यताएं
Akshaya Tritiya is very auspicious:महाभारत लिखने का आरंभ
सनातन धर्म में महाभारत को पांचवे वेद के रूप में माना जाता है और महर्षि वेदव्यास ने अक्षय तृतीया के दिन से ही महाभारत लिखनाशुरू किया था. महाभारत में ही श्रीमद्भागवत गीता समाहित है और अक्षय तृतीया के दिन गीता के 18वें अध्याय का पाठ करना शुभ माना जाता है.
अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम ने महर्षि जमदग्नि और माता रेणुका देवी के घर जन्म लिया था. मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है. इसलिए अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम की पूजा करने का भी विधान होता है.
Akshaya Tritiya is very auspicious:अक्षय तृतीया को लेकर ये भी हैं मान्यताएं
अक्षय तृतीया या आखा तीज के बारे में ऐसी मान्यता है कि इस दिन बहुत से धार्मिक कार्य हुए थे
- भगवान परशुराम, नर-नारायण और हयग्रीव का अवतार हुआ था।
- भगवान विष्णु के अंशावतार महर्षि वेदव्यास ने महाभारत लिखना शुरू किया था।
- त्रेता युग की शुरुआत हुई थी।
- कृष्ण और सुदामा का मिलन हुआ था।
- भगवान ब्रह्मा के पुत्र श्री अक्षय कुमार का अवतरण हुआ था।
- कुबेर देव को अतुल ऐश्वर्य की प्राप्ति हुई थी।
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- इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को चंदन लगाने का विशेष महत्व है।
- अक्षय तृतीया पर ही गंगा नदी पृथ्वी पर स्वर्ग से उतरी थीं।
- भगवान कृष्ण ने पांडवों को अक्षय पात्र दिया था।
- देवी अन्नपूर्णा का जन्म हुआ
- द्रोपदी को चीर हरण से श्रीकृष्ण ने बचाया था।
- महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था।
- इसी दिन श्री बांके बिहारी मंदिर में श्रीविग्रह के चरण दर्शन होते हैं।
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