आसिफ अली जरदारी बने पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति, दूसरी बार संभालेंगे पद

Isalamabad News:आसिफ अली जरदारी बने पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति, दूसरी बार संभालेंगे पद

Isalamabad: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी शनिवार को पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के लिए हुए चुनाव में विजयी घोषित किए गए. दूसरी बार देश का सर्वोच्च पद संभालने जा रहे जरदारी इससे पहले 2008 से 2013 तक राष्ट्रपति रह चुके हैं. एक व्यक्ति के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने का यह पाकिस्तान का रिकॉर्ड है. आसिफ अली जरदारी का सन 1955 में कराची में जन्म हुआ था. उनके पिता हकीम अली जरदारी के सिंधी जमींदार थे. साल 1987 में इनकी शादी पूर्व राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो की बेटी बेनजीर भुट्टो के साथ हुई थी. उसके बाद यह सुर्खियों में आये थे. लेकिन साल 1979 में जुल्फिकार अली भुट्टो फांसी दे दी गई थी.

उसके बाद साल 2007 में उनकी पत्नी और पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या कर दी गई थी. पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या तक वह उनकी छत्रछाया में काम कर रहे थे.

बेनजीर की मौत के बाद पहली बार राष्ट्रपति बने थे जरदारी

बेनजीर भुट्टो की मृत्यु के तुरंत बाद, जरदारी को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को एकजुट और अपने नियंत्रण में रखने और तख्तापलट वाले देश के राजनीतिक परिदृश्य में अपने लिए जगह बनाने की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ा.

बेनजीर की मृत्यु के बाद जरदारी अपनी पत्नी के प्रधान मंत्री के रूप में दो कार्यकालों के दौरान बड़े भ्रष्टाचार के मामलों में कथित संलिप्तता के कारण अपने संदिग्ध अतीत के कारण उन्हें ‘मिस्टर 10 प्रतिशत’ का अपमानजनक उपनाम मिला था. उन्हें भ्रष्टाचार के कई मामलों में फंसाया गया और कई साल सलाखों के पीछे बिताए, लेकिन अंततः उन्हें सभी मामलों में बरी कर दिया गया.

जैसे ही वह कार्यालय में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू कर रहे हैं. देश को एक जर्जर आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें पहले की तुलना में सामंजस्य की अधिक आवश्यकता है और परस्पर विरोधी विचारों वाले लोगों को मेज पर लाने की जरदारी की जन्मजात क्षमता का परीक्षण किया जाएगा.

उन्हें नई सरकार और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के बीच सुलह कराने में भूमिका निभानी पड़ सकती है, जिसने दावा किया है कि 8 फरवरी के चुनावों में जनादेश हड़प लिया है.

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