ATM से पैसा निकालने पर लगेगा ज्यादा चार्ज, घट सकती है फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट
नई दिल्ली: एटीएम का इस्तेमाल करना जल्द ही महंगा हो सकता है. बैंकों ने आरबीआई से एटीएम ट्रांजैक्शन चार्ज बढ़ाने की इजाजत मांगी है. एटीएम अपग्रेडेशन से बढ़ने वाले वित्तीय बोझ को देखते हुए बैंकों ने यह कदम उठाया है. आपको बता दें, आरबीआई ने सभी बैंकों को एटीएम अपग्रेडेशन का निर्देश दिया है. अपग्रेडेशन से बैंकों का वित्तीय बोझ बढ़ेगा. यही वजह है कि वो अपना वित्तीय बोझ ग्राहकों पर डालना चाहते हैं. हालांकि, अभी आरबीआई ने इसकी मंजूरी नहीं दी है. लेकिन, कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में एटीएम चार्ज बढ़ाया जा सकता है.
दो तरह से बढ़ा सकते हैं चार्ज
सूत्रों के मुताबिक, एटीएम अपग्रेडेशन की लागत वसूलने के लिए बैंक एटीएम ट्रांजैक्शन चार्ज में दो तरह से बढ़ोतरी कर सकते हैं. पहला फ्री ट्रांजैक्शन खत्म होने के बाद वसूले जाने वाले 18 रुपए के चार्ज को बढ़ाकर 23 रुपए तक किया जा सकता है. इसके अलावा एटीएम से फ्री ट्रांजैक्शंस की संख्या को भी घटाया जा सकता है. आपको बता दें, प्राइवेट बैंकों ने अभी एटीएम की 3 ट्रांजैक्शन फ्री रखी हैं. वहीं, कुछ बैंकों ने 5 एटीएम ट्रांजैक्शन तक कोई चार्ज नहीं लेने की सुविधा दी है.
कितना बढ़ सकता है चार्ज
एटीएम से ट्रांजैक्शन करने पर चार्ज कम से कम 3 रुपए से 5 रुपए बढ़ सकता है. इससे एटीएम ऑपरेटर्स यानी बैंक अपग्रेडेशन से पड़ने वाले बोझ की लागत निकाल सकें. सूत्रों के मुताबिक, आरबीआई ने काफी सख्त गाइडलाइंस जारी की हैं. ऐसे में अगर ग्राहकों से फीस नहीं वसूली गई तो बैंकों को बड़ा घाटा हो सकता है.
6 चरणों में होगा अपग्रेडेशन
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, एटीएम से होने वाली धोखाधड़ी और बढ़ती हैकिंग को रोकने के लिए आरबीआई ने एटीएम को अपग्रेड करने के निर्देश दिए थे. बैंक एटीएम के अपग्रेडेशन को 6 चरणों में पूरा करना है. इसकी डेडलाइन भी तय कर रही है. पहला चरण अगस्त 2018 में खत्म होना है. यही वजह है कि बैंक जुलाई अंत तक एटीएम चार्ज में बढ़ोतरी कर सकते हैं. एटीएम अपग्रेडेशन का आखिरी चरण जून 2019 में खत्म होगा.
क्या होना है अपग्रेडेशन?
ATM अपग्रेडेशन में सबसे पहले बैंकों को बेसिक इनपुट-आउटपुट सिस्टम (BIOS) को अपग्रेड करना है. BIOS वह सिस्टम है, जो कम्प्यूटर को बूट करते वक्त इस्तेमाल किया जाता है. बैंकिंग प्रणाली में यह पहला सॉफ्टेवयर होता है, जिससे रैम, प्रोसेसर, कीबोर्ड, माउस, हार्डड्राइव की पहचान की जाती है. इससे हैकिंग से बचने में मदद मिलती है. ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड करते वकत यह पूरे प्रोसेस को कॉन्फिगर करता है. बाद में कम्प्यूटर की मेमोरी में ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड किया जाता है.
एटीएम कैसेट्स भी होंगी री-कॉन्फिगर
BIOS सिस्टम को अपग्रेड करने के अलावा एटीएम में लगी कैसेट्स को भी री-कॉन्फिगर किया जाएगा. इसमें लेटेस्ट वर्जन इस्तेमाल किया जाएगा. इस मदद से नए नोटों को कैसेट्स में फिट किया जाएगा. इसके अलावा यूएसबी पोर्ट को भी डिसेबल करने के निर्देश हैं.