Bal Hanuman Ji: बाल रूप में विराजते हैं हनुमान जी इस मंदिर में, ऐसे हुए प्रकट, भक्‍तों के संकट पल भर में करते दूर

Bal Hanuman Ji: बाल रूप में विराजते हैं हनुमान जी इस मंदिर में, ऐसे हुए प्रकट, भक्‍तों के संकट पल भर में करते दूर

Bal Hanuman Ji: हनुमान जी, जिन्‍हें भगवान शंकर का अवतार माना जाता है, जो संकट मोचक के रूप में जन- जन के मन में जिनका वास है. उस हनुमान जी को कलियुग का जागृत देवता माना जाता है. कहते हैं कि जो भक्‍त हनुमान जी को सच्‍चे मन से याद करता है, हनुमानजी उसके संकट का निवारण अवश्‍य करते हैं. ऐसे तो पूरे भारत में हनुमान जी के कई मंदिर है, लेकिन एक मंदिर ऐसा है, ज‍हां हनुमान जी बाल स्‍वरूप में विराजमान हैं.

Bal Hanuman Ji: मेहंदीपुर बालाजी मंदिर

राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाडियों के बीच मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर बसा हुआ है. यह मंदिर दो पहाड़ियों के बीच की घाटी में स्थित है, यह मंदिर एक हज़ार साल पुराना है. इस मंदिर में स्थित बजरंग बली की बालरूप मूर्ति किसी कलाकार ने नहीं बनाई है बल्कि यह यहाँ स्वयं प्रकट हुई है. इस मंदिर का इतिहास काफ़ी पुराना है. प्रारंभ में यहाँ बहुत ही घना जंगल हुआ करता था. चारो तरफ फैली हुई घनी झाड़ियों में जंगली जानवरों का बसेरा था. इस मंदिर के श्री मंहत जी महाराज के पूर्वज को एक रात स्वप्न आया और स्वप्न की अवस्था में ही वे उठ कर चल दिए.

उन्हें पता नहीं था कि वे कहाँ जा रहे है और इसी दौरान उन्होंने एक बड़ी विचित्र लीला देखी. एक ओर से हजारों दीपक चलते आ रहे है. हाथी घोड़ों की आवाजें आ रही है और एक बहुत बड़ी फौज चली आ रही है. उस फौज ने श्री बालाजी महाराज की मूर्ति की तीन प्रदक्षिणाएं की और फौज के प्रधान ने नीचे उतरकर श्री बालाजी महाराज को दण्डवत प्रणाम किया तथा जिस रास्ते वे आए उसी रास्ते को चले गए.

Bal Hanuman Ji: स्वयंभू है हनुमान जी की प्रतिमा

गोसाई जी महाराज चकित होकर यह सब देखते ही रह गए. उन्हें कुछ डर सा लगा और वे वापस अपने गांव चले गए किन्तु नींद नहीं आई और बार-बार उसी विषय पर विचार करते हुए उनकी जैसे ही आँखें लगी उन्हें स्वप्न में तीन मूर्तिया दिखी. उनके कानों में यह आवाज आई – “उठो, मेरी सेवा का भार ग्रहण करो. मैं अपनी लीलाओं का विस्तार करूंगा“ यह बात कौन कह रहा था, कोई दिखाई नहीं पड़ा. गोसाई जी ने फिर इस बात पर ध्यान नहीं दिया और अन्त में हनुमान जी महाराज ने स्वंय उन्हें दर्शन दिए और पूजा का आग्रह किया.

दूसरे दिन गोसाई जी महाराज उस मूर्ति के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि चारो ओर से घंटा-घड़ियाल और नगाड़ों की आवाज आ रही है, किन्तु दिखाई कुछ नहीं दिया. इसके बाद श्री गोसाई जी ने आस-पास के लोग इकट्ठे किए और सारी बातें उन्हें बताई. गोसाईं जी ने सब लोगों के साथ मिलकर वहां बालाजी महाराज की एक छोटी सी तिवारी बना दी, तत्पश्चात वहाँ पूजा-अर्चना होने लगी.

Bal Hanuman Ji: इन बाधाओं का होता है निवारण

यह मंदिर भूत प्रेत की बाधाओं से निवारण पाने के लिए पूरे विश्व में विख्यात है. जिस भी व्यक्ति पर भूत प्रेत का साया होता है, तो वो व्यक्ति यहाँ से स्वस्थ होकर ही लौटता है. यहाँ जो भी दुखी कष्ट से ग्रस्त व्यक्ति आता है. उसके सारे संकट यहाँ बालाजी महाराज के दर्शन करने के बाद समाप्त हो जाते है.

मेहंदीपुर धाम में तीन देव प्रदान रूप में विराजमान हैं. श्री बालाजी महाराज के साथ ही यहां श्री भैरव बाबा और श्री प्रेतराज सरकार भी विराजमान हैं.

Bal Hanuman Ji: लगाई जाती है अर्जी

श्री बालाजी धाम में मनोकामना पूर्ति के लिए अर्जी, दरखास्त लगाई जाती है. हनुमान जी को लड्डू, भैरव बाबा को उरद की दाल और प्रेतराज सरकार को चावल का भोग लगाया जाता है.

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Bal Hanuman Ji: लगातार बहती है जल की धारा

श्री बालाजी धाम में हनुमान जी की छाती के बाईं तरफ से लगातार जल की धारा बहती रहती है, आरती के बाद इसी पवित्र जल के छींटे दिए जाते हैं. चोला चढ़ने के बाद भी यह जल लगातार बहता रहता है. कहते हैं यह बालाजी का पसीना है.

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