Benefits for Jamun: जामुन जो बना भारत की पहचान, सेहत के लिए है वरदान
Benefits for Jamun: क्या आप जानते हैं कि भारत को जम्बू द्वीप के नाम से भी जाना जाता है और यह नाम जामुन के वजह से है. आश्चर्य की बात तो है कि किसी फल के वजह से किसी देश का नामकरण किया गया ! दरअसल जामुन के कई नाम है और उन्हीं में से एक नाम है जम्बू. भारत में जामुन की बहुतायत रही है. हमारे देश में इसकी पेड़ों की संख्या लाखों-करोड़ों में है और शायद इसी कारण से यह फल हमारे देश की पहचान बन गया.
Benefits for Jamun: जामुन है गुणों का भंडार
इसे विभिन्न घरेलू नामों जैसे जामुन, राजमन, काला जामुन, जमाली, ब्लैकबेरी आदि के नाम से जाना जाता है. प्रकृति में यह अम्लीय और कसैला होता है और स्वाद में मीठा होता है. अम्लीय प्रकृति के कारण सामान्यत: इसे नमक के साथ खाया जाता है।
जामुन का फल 70 प्रतिशत खाने योग्य होता है. इसमें ग्लूकोज और फ्रक्टोज दो मुख्य स्रोत होते हैं. जामुन के फल के बीज में काबोहाइट्ररेट, प्रोटीन और कैल्शियम की अधिकता होती है. यह आयरन का बड़ा स्रोत है. प्रति 100 ग्राम में एक से दो मिग्रा आयरन होता है. इसमें विटामिन बी, कैरोटिन, मैग्नीशियम और फाइबर होते हैं.
भारत में जामुन की खेती के लिए सबसे उपयुक्त राज्य राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल हैं.
राजस्थान में जामुन की खेती सबसे ज्यादा होती है. राजस्थान में जामुन के पेड़ों का घनत्व सबसे ज्यादा है. राजस्थान में जामुन की खेती के लिए सबसे उपयुक्त जगह पुष्कर है. पुष्कर के आसपास के क्षेत्रों में जामुन के बड़े-बड़े बगीचे हैं.
Benefits for Jamun: जामुन खाने के हैं इतने फायदे
आयुर्वेद में जामुन को सबसे ज्यादा मधुमेह को नियंत्रण करने के लिए जाना जाता है. इसके साथ ही जामुन, खाना को हजम करने के साथ-साथ दांतों के लिए, आंखों के लिए, पेट के लिए, चेहरे के लिए, किडनी स्टोन के लिए भी फायदेमंद होता है। जामुन में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेड भी होता है, इसलिए ये बच्चों के सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है।
Benefits for Jamun: एनिमिया में फायदेमंद
इसमें आयरन के तत्व काफी अधिक होते हैं. ऐसे में जामुन का सेवन उन लोगों को जरूर करना चाहिए, जिन्हें अक्सर एनीमिया की समस्या बनी रहती है. प्रतिदिन जामुन खाने से शरीर में खून की कमी नहीं होती है.
Benefits for Jamun: इम्यूनिटी बढ़ाता है
जामुन में विटामिन सी होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाता है. इससे आप कई तरह के इंफेक्शन, मौसमी बीमारियों से भी बचे रहते हैं. विटामिन सी त्वचा को भी लाभ पहुंचाता है, स्किन को निखारता है. साथ ही इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व भी होते हैं, जो इंफ्लेमेशन और कई तरह के रोगों से लड़ने में मदद करते हैं.
Benefits for Jamun: हड्डियों के लिए है फायदेमंद
चूंकि, इसमें कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, विटामिन सी होता है, इसलिए यह हड्डियों के लिए भी बहुत फायदेमंद फल माना गया है. यह हड्डियों को सुरक्षा कवच प्रदान करता है. इसके सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं नहीं होती हैं.
Benefits for Jamun: डायबीटिक रोगियों के लिए है अमृत
डायबिटीज के रोगियों के लिए बेस्ट फल है जामुन. यह हाइपोग्लाइसेमिक होता है, जो शरीर में ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है. वास्तव में किसी भी दूसरे फलों की तुलना में जामुन को डायबिटीज से बचाव करने वाला बेस्ट फल कहा जाता है.इससे ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रहता है. यह शरीर को कई आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है.
मधुमेह के अलावा इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर से बचाव में कारगर होते हैं. इसके अलावा पथरी की रोकथाम में भी जामुन खाना फायदेमंद होता है. इसके बीज को बारीक पीसकर पानी या दही के साथ लेना चाहिए.
Benefits for Jamun: पेट की समस्याओं से बचाता है
-गर्मी में हाजमा बिगड़ने से भी अधिकतर लोग परेशान रहते हैं, ऐसे में जामुन खाने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है. पेट संबंधित समस्याएं नहीं होती हैं.अगर किसी को दस्त हो रहे जामुन को सेंधा नमक के साथ खाना फायदेमंद रहता है. खूनी दस्त होने पर भी जामुन के बीज बहुत फायदेमंद साबित होते हैं.
Benefits for Jamun: मसूड़ों को बनाता है स्ट्रांग
दांत और मसूड़ों से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान में जामुन विशेषतौर पर फायदेमंद होता है. इसके बीज को पीस लीजिए. इससे मंजन करने से दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं.
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जामुन की लकड़ी भी होती है फायदेमंद
जामुन के लकड़ी का भी कोई जबाव नहीं है. एक बेहतरीन इमारती लकड़ी होने के साथ इसके पानी मे टिके रहने की बेमिसाल शक्ति है. अगर जामुन की मोटी लकड़ी का टुकडा पानी की टंकी में रख दे तो टंकी में शैवाल या हरी काई नहीं जमती, सो टंकी को लम्बे समय तक साफ़ नहीं करना पड़ता. प्राचीन समय में जल स्रोतों के किनारे जामुन की बहुतायत होने की यही कारण था इसके पत्ते में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो कि पानी को हमेशा साफ रखते हैं. कुएं के किनारे अक्सर जामुन के पेड़ लगाए जाते थे.
जामुन की एक खासियत है कि इसकी लकड़ी पानी में काफी समय तक सड़ती नही है।