BHU में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, भारतीय इतिहास के पुनर्लेखन की आवश्यकता

वाराणसी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारतीय इतिहास के पुनर्लेखन की आवश्यकता है। इसके लिए हमें ही आगे आना होगा। इसमें इतिहासकारों की बड़ी भूमिका है। अगर हम अब तक अपने इतिहास की दोबारा समीक्षा नहीं कर सके तो यह हमारी कमजोरी होगी। गृहमंत्री ने आगे कहा कि चंद्रगुप्त विक्रमादित्य को इतिहास में बहुत प्रसिद्धि मिली है। लेकिन उनके साथ इतिहास में बहुत अन्याय भी हुआ है। उनके पराक्रम की जितनी प्रशंसा होनी थी, उतनी शायद नहीं हुई।

यह बात केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने गुरुवार को वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का दीप प्रज्वलन कर उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही।
गृहमंत्री ने कहा कि सैकड़ों साल की गुलामी के बाद किसी भी गौरव को पुनः प्रस्थापित करने के लिए कोई व्यक्ति विशेष कुछ नहीं कर सकता, एक विद्यापीठ ही ये कर सकता है। भारत का अभी का स्वरूप और आने वाले स्वरूप के लिए हम सबके मन में जो शांति है, उसके पीछे का कारण ये विश्वविद्यालय ही है

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