आखिरी पड़ाव में चंद्रयान-3 को बड़ी कामयाबी, सफलतापूर्वक अलग हुआ लैंडर
New Delhi: चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिंग से पहले इसरो को बड़ी सफलता हासिल हुई है. गुरुवार दोपहर 1 बजकर 8 मिनट पर चंद्रयान-3 को दो टुकड़ों में बांट दिया गया है, जो कि लैंडिंग से पहले ही अहम प्रक्रिया थी. इस प्रोसेस में चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल को अलग किया गया है. अब विक्रम लैंडर चांद के 100 किमी. क्षेत्र में घूमेगा और धीरे-धीरे लैंडिंग की ओर बढ़ेगा.इसरो ने आधिकारिक बयान जारी कर ऐलान कर दिया है कि लैंडर और प्रोपल्शन सफलतापूर्वक अलग हो गए हैं. अब शुक्रवार शाम 4 बजे लैंडर मॉड्यूल को निचले ऑर्बिट में डिबूस्ट किया जाएगा. अब चांद के पास भारत के 3 प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं.
अगर चंद्रयान-3 की चांद पर सफलतापूर्वक लैंडिंग होती है, तब भारत चांद पर पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश होगा. खास बात ये है कि चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव में लैंड होगा, जहां अभी तक कोई नहीं पहुंच पाया है. इस सेपरेशन के बाद अब अगले एक हफ्ते तक हर किसी की सांसें थमी होंगी.
कैसे अलग हुआ प्रोपल्शन और लैंडर?
चंद्रयान-3 की लैंडिंग 23 अगस्त को होनी है लेकिन उससे पहले आज का दिन काफी अहम है. इसरो के मुताबिक, गुरुवार को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन और लैंडर अलग हुए. ऐसी स्थिति में दोनों चांद की कक्षा के 100*100 किमी. रेंज में होंगे, दोनों को कुछ दूरी पर रखा जाएगा ताकि इनमें टक्कर ना हो पाए. जब लैंडर अलग होगा तब वह अंडाकार तरीके से घूमेगा और अपनी गति को धीमा करता जाएगा, धीरे-धीरे यह चांद की ओर बढ़ेगा. 17 अगस्त को ये प्रक्रिया होगी और फिर 18 अगस्त को अभी एक महत्वपूर्ण पल आएगा.
अलग होने के बाद क्या होगा?
जब प्रोपल्शन और लैंडर अलग हो जाएंगे, उसके बाद लैंडर का असली काम शुरू होगा. विक्रम लैंडर तब चांद की 100 किमी. की रेंज में अंडाकार शेप में घूमता रहेगा, इस दौरान उसकी स्पीड कम करने की कोशिश की जाएगी. जब स्पीड हो जाएगी, उसके बाद धीरे-धीरे लैंडर को चांद की ओर भेजा जाएगा और सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होगी.