लगातार विवादों में रहे बृजभूषण शरण सिंह, सियासी रसूख से बचते रहे

देश को कई मेडल जिताने वाले तमाम बड़े पहलवान रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ पिछले करीब चार महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं, महिला खिलाड़ियों की तरफ से उन पर यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

बृजभूषण सिंह की शुरुआती पढ़ाई उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुई. बचपन से ही राजनीति उनके करीब रही, क्योंकि उनके परिवार से चंद्रभान शरण सिंह विधायक थे. बृजभूषण बड़े हुए तो उन्होंने कानून की पढ़ाई करने का फैसला किया. उन्होंने अवध यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री ली. इस दौरान वो छात्र राजनीति से जुड़ गए और छात्रसंघ के अध्यक्ष भी चुने गए. इस दौरान उन पर कई आरोप भी लगे, जिनके चलते उनका नाम ऊपर आने लगा और वो राजनीति में सक्रिय हो गए.

इसके बाद बृजभूषण सिंह की आरएसएस के बड़े नेताओं से करीबी बढ़ती गई. अयोध्या में बाबरी विध्वंस मामले में भी उनकी सक्रिय भूमिका थी. अपने कुछ इंटरव्यू में उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि उस रात वो वहीं मौजूद थे और कारसेवकों को उन्होंने मदद पहुंचाने का काम किया था. बाबरी विध्वंस के आरोपियों में उनका भी नाम शामिल था, हालांकि सभी को कोर्ट ने बरी कर दिया.

बढ़ती गई राजनीतिक ताकत
छात्र राजनीति और संघ के आंदोलनों से जुड़कर बृजभूषण बीजेपी के लिए एक नेता के तौर पर उभर चुके थे. साल 1991 में पहली बार बीजेपी की तरफ से उन्हें लोकसभा का टिकट दिया गया. गोंडा से वो बड़े अंतर से चुनाव जीतकर आए. इसके बाद से ही वो लगातार ताकतवर होते चले गए और राजनीति की सीढ़ियां चढ़ते गए. अपने पहले ही चुनाव के दौरान बृजभूषण सिंह के खिलाफ 30 से ज्यादा मामले दर्ज थे.

साल 1996 के दौरान बृजभूषण सिंह के खिलाफ टाडा के तहत मामला दर्ज हुआ और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंध का आरोप लगा था. इसके चलते उन्हें टिकट नहीं मिल पाया, लेकिन किसी और उम्मीदवार को चुनने की बजाय बीजेपी ने उनकी पत्नी केतकी सिंह को ही गोंडा से टिकट दिया. जिन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को बड़े अंतर से हरा दिया.

बीजेपी के बड़े नेताओं का साथ
बृजभूषण सिंह की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब दाऊद से लिंक के आरोपों के चलते वो जेल की सजा काट रहे थे, तब बीजेपी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में वाजपेयी ने उन्हें बहादुर बताया था. इससे बृजभूषण का कद बीजेपी में और ज्यादा बढ़ गया. बृजभूषण को दिवंगत विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंघल का काफी करीबी माना जाता था.

इसके बाद एक किस्सा गोंडा का नाम बदले को लेकर भी चर्चित है, जब मायावती के खिलाफ इसे लेकर बृजभूषण ने आंदोलन छेड़ दिया. वाजपेयी से नजदीकी के चलते इस फैसले को रोक दिया गया, लेकिन संघ के बड़े नेताओं से अनबन के चलते बृजभूषण का टिकट कट गया. उनकी जगह जिस उम्मीदवार को टिकट दिया, उसकी वोटिंग वाले दिन ही एक्सीडेंट से मौत हो गई. जिसका आरोप बृजभूषण सिंह पर लगा. बाद में सीबीआई को जांच सौंपी गई.

बाद में बृजभूषण की बीजेपी नेताओं से अनबन शुरू हुई और उन्होंने पार्टी छोड़ दी. साल 2009 में उन्होंने कैसरगंज सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. हालांकि 2014 में मोदी लहर के दौरान वो फिर से बीजेपी में चले गए और उसके बाद से ही लगातार सांसद हैं. उन्हें 2011 में कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष बनाया गया था, जिसके बाद से वो इस पद पर बने हुए हैं. उन्हें 2019 में तीसरी बार इस पर पर बिठाया गया. जिसके बाद उन पर अब कई तरह के गंभीर आरोप लगे हैं.

कई गंभीर मामले दर्ज
अब आरोपों की बात आई है तो बृजभूषण शरण सिंह के आपराधिक इतिहास की भी बात कर लेते हैं. बृजभूषण के खिलाफ पिछले कुछ सालों में कई गंभीर मामले दर्ज हुए. उनके खिलाफ हत्या से लेकर अंडरवर्ल्ड लिंक, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट जैसी धाराओं में मामले दर्ज किए गए. इनमें से कुछ मामलों में उन्हें बरी कर दिया गया है. प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने भी उनके इस आपराधिक रिकॉर्ड का पोस्टर जारी किया है, जिसमें उनके खिलाफ 38 धाराओं में दर्ज मामलों का जिक्र किया गया है.

शिक्षा और भू-माफिया होने के आरोप
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शिक्षा माफिया होने के आरोप भी लगते आए हैं. इसकी वजह है कि उनके करीब 50 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थान चल रहे हैं. जो अयोध्या से लेकर श्रावस्ती तक फैले हुए हैं. उनके विरोधियों का कहना है कि इस बिजनेस में उनके कई रिश्तेदार भी शामिल हैं. इसके अलावा अपने स्कूलों और संस्थानों का जाल फैलाने के लिए उन पर भू- माफिया और जमीन कब्जाने के भी आरोप लगते आए हैं. बृजभूषण शरण सिंह के पास 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है.

बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी छवि एक बाहुबली और दबंग नेता के तौर पर बनाई, जिसके चलते वो हर बार चर्चा में बने रहे. अपने विवादित बयानों के अलावा उन्होंने कैमरों के सामने मंच पर एक पहलवान को थप्पड़ जड़ दिया था, जिसका वीडियो खूब वायरल हुआ. इसके अलावा अब बीजेपी के दबंग नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कुश्ती के दिग्गज पहलवानों ने मोर्चा खोल दिया है. हालांकि पिछले चार महीने में लाख कोशिशों के बावजूद बृजभूषण शरण सिंह के रसूख पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा. अब देखना होगा कि हत्या, अंडरवर्ल्ड के साथ संबंध जैसे बड़े मामलों से बच निकलने वाले बृजभूषण शरण सिंह को पहलवान धोबी पछाड़ दे पाएंगे या फिर नहीं.

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