Budhwa Mangal 2024: जेठ माह के मंगल को क्यों कहते है बुढ़वा मंगल? क्या है हनुमानजी से कनेक्शन
Budhwa Mangal 2024: जेठ माह के पहले मंगल से ही हनुमान जी की पूजा की जाती है. जेठ माह, वैशाख पूर्णिमा के अगले दिन से शुरू हो जाएगा. सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इसे जेठ माह भी कहते हैं. ज्येष्ठ महीने में भीषण गर्मी पड़ती है, इस महीने सूर्य देव, वरुण देव (जल के देवता), शनि देव , श्रीराम और हनुमान जी की पूजा अचूक मानी गई है.
इस साल 2024 में ज्येष्ठ माह 24 मई 2024 से शुरू हो रहा है, इसका समापन 23 जून 2024 को होगा. इस महीने में जल का दान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं और उसकी समस्त मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती है.
Budhwa Mangal 2024: क्यों कहते हैं इसे बुढ़वा मंगल?
पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत काल में भीम का अपने बल व शक्ति का घमंड हो गया था और भीम के इस घमंड को तोड़ने के लिए हनुमान जी ने बूढ़े वानर का जन्म लिया था. एक बार भीम श्वेत कमल की तलाश में गंधमादन पर्वत पर चले गए. वहां उन्होंने एक बूढ़े वानर को रास्ते में लेटे हुए देखा और उनसे अपनी पूंछ हटाने को कहा.इस पर हनुमान जी ने कहा अगर तुम बलशाली हो तो तुम खुद ही हटा लो.
भीम अपनी पूरी शक्ति से पूंछ को हटाने का प्रयास किया पर हटा नहीं पाया.भीम का घमंड चूर-चूर हो गया. जिस दिन हनुमान ने भीम का घमंड तोड़ा था उस दिन मंगलवार का दिन था. इसलिए इस दिन को बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है.
वहीं, एक अन्य मान्यता यह भी है कि जब रामायण काल में हनुमान जी माता सीता को खोजते हुए लंका पहुंचे तो वहां रावण ने उन्हें बंधक बना लिया और उन्हें वानर कहकर उनका मजाक बनाया. इसके बाद हनुमानजी ने लंका में आग लगाकर रावण का सारा घमंड चूर-चूर कर दिया, जिस दिन यह घटना हुई उस दिन भी ज्येष्ठ मास का मंगलवार था, इसलिए भी बुढ़वा मंगल मनाया जाता है.
Budhwa Mangal 2024: बड़ा मंगल की महिमा
पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से मनाया जाता है और इस दिन हनुमान जी का विशेष पूजन किया जाता है. कहते हैं कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करते समय उन्हें तुलसी दल की माला अर्पित करनी चाहिए. इसे बहुत ही शुभ माना जाता है. इसके अलावा बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी को हलवा पूरी या मीठी चीजों का भोग लगाया जाता है और फिर इसे प्रसाद के तौर पर बांटा जाता है. कहते हैं कि बड़ा मंगल के दिन विधि-विधान के साथ हनुमान जी का पूजन करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही हर समस्या दूर होती है.
Budhwa Mangal 2024: ज्येष्ठ माह क्यों है खास
- ज्येष्ठ महीने के स्वामी मंगल ग्रह है, जिसे ज्योतिष में साहस का प्रतीक माना गया है. यह महीना भगवान विष्णु और बजरंगबली का प्रिय मास है.
- ज्येष्ठ माह में ही शनि देव का जन्म हुआ था, इस महीने के मंगलवार को श्रीराम जी पहली बार हनुमान जी से मिले थे.
- पति की लंबी आयु के लिए ज्येष्ठ माह में वट सावित्री व्रत करना पुण्यदायक माना गया है.
- सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए ज्येष्ठ माह में रविवार के व्रत करने से मान-सम्मान में वृद्धि, करियर में लाभ मिलता है. कुंडली में सूर्य मजबूत होता है.
- देवी गंगा का पृथ्वी पर आगमन भी ज्येष्ठ माह में हुआ था, जिसे गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) कहते हैं. इस दिन गंगा स्नान से पितरों की आत्म तृप्त हो जाती है. व्यक्ति के कष्ट, रोग, दोष दूर होते हैं.
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Budhwa Mangal 2024: बुढवा मंगल पर क्या करें
इस दिन हनुमानजी के मंदिर में जाकर उनके दर्शन जरुर करें. साथ ही किसी जरुरमंद को भोजन और दान दें. इसके अलावा इस दिन हनुमानजी को एक बड़ के पेड़ का पत्ता उन्हें अर्पित करें. जब यह पत्ता सूख जाए तो उसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें.
Budhwa Mangal 2024: बुढ़वा मंगल मंत्र
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय।
प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।।
ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले सभी बुढ़वा मंगल पर जीवन में सुख-शांति और समृद्धि पाने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करें.