Chandigarh News:’ये लोकतंत्र की हत्या…’, चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा
New Delhi: चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने आज सुनवाई की. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में तीन जजों ने मामले को सुना. चीफ जस्टिस ने प्रिजाइडिंग ऑफिस का वो वीडियो भी देखा जिसमें वह वोटों को कथित रूप से रद्द कर रहे हैं. सीजेआई ने कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है. जो कुछ हुआ उससे हम बस स्तब्ध हैं.सीजेआई ने कहा कि हम इस तरह लोकतंत्र की हत्या की इजाजत नहीं दे सकते. सीजेआई ने चुनाव का पूरा वीडियो पेश करने को कहा है और नोटिस भी जारी किया है.
रिटर्निंग ऑफिसर सारे रिकॉर्ड HC को सौंपेः SC
वीडियो देखकर नाराज मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, “यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों को गड़बड़ कर दिया. उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए, वह कैमरे की ओर क्यों देख रहे हैं, वकील साहब यह लोकतंत्र का मजाक है और लोकतंत्र की हत्या है, हम आश्चर्यचकित हैं. क्या एक रिटर्निंग ऑफिसर का यही व्यवहार होता है. जहां भी नीचे क्रॉस है वह उसे छूता नहीं है और जब वह ऊपर होता है तो वह उसे बदल देता है, कृपया रिटर्निंग अधिकारी को बताएं कि सुप्रीम कोर्ट उस पर नजर रख रहा है.”
देश की सबसे बड़ी अदालत ने यह भी कहा कि एक उचित अंतरिम आदेश की आवश्यकता थी जिसे जारी करने में हाई कोर्ट विफल रहा है. हम निर्देश देते हैं कि मेयर चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों का पूरा रिकॉर्ड हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास जब्त कर लिया जाए और मतपत्र, वीडियोग्राफी को भी संरक्षित रखा जाए. रिटर्निंग ऑफिसर को नोटिस जारी करते हैं कि वह सारे रिकॉर्ड सौंप दे.
अब अगले हफ्ते होगी सुनवाई
सीजेआई ने अपने आदेश में आगे कहा कि एसजी तुषार मेहता का कहना है कि पूरा रिकॉर्ड चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर को सौंप दिया गया है. डिप्टी कमिश्नर इसे रजिस्ट्रार जनरल HC को सौंपेंगे. चंडीगढ़ नगर निगम की आगामी बैठक अगली तारीख तक के लिए टाल दी जाएगी.
इस बीच चुनाव से जुड़े सभी कागजात आज शाम 5 बजे तक HC रजिस्ट्रार जनरल को सौंप दिए जाएंगे. अगले हफ्ते सोमवार को मामले पर सुनवाई की जाएगी. कोर्ट के आदेश के बाद चंडीगढ़ निगम का बजट मंगलवार को पेश नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक बजट पेश नहीं करने को कहा है.
भारतीय जनता पार्टी ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत हासिल की थी और सभी 3 पदों पर कब्जा बरकरार रखा था. इस चुनाव में हार को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन के लिए झटके के तौर पर देखा गया. पीड़ित पक्ष ने पीठासीन अधिकारी पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया. इससे पहले पिछले हफ्ते बुधवार को, हाई कोर्ट के जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस हर्ष बांगड़ की बेंच ने AAP को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. AAP ने यह आरोप लगाया था कि मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई. साथ ही AAP ने एक रिटायर जज की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की गई थी.