Chandrayaan 3: विक्रम ने लैंडिंग के बाद चांद के दक्षिणी हिस्से की भेजी पहली तस्वीर
New Delhi: चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग हो चुकी है. ऐसा करके उसने इतिहास रच दिया है. यहां पर पहुंचते ही लैंडर ‘विक्रम’ ने काम शुरू कर दिया है. विक्रम ने लैंड करते समय तस्वीरें भेजी हैं. गौरतलब है कि लैंडर और MOX-ISTRAC, बेंगलुरु के बीच संचार लिंक स्थापित कर दिया गया है. यह तस्वीरें लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे से ली गई है. भारत ने चंद्रमा पर इतिहास रच दिया. चांद की सतह पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत ने दुनिया में सफलता का परचम लहराया है. इसरो का लाइव प्रसारण शाम 5.20 बजे से आरंभ हो गया था. प्रसारण के दौरान वैज्ञानिकों की टीम चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग में जुटी रही.
भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर की नजरें भारत के चंद्र मिशन पर टिकी थीं. आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा. इसके साथ ही भारत दुनिया का पहला देश बना जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच सका. भारत के चंद्रयान-3 की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस मिशन में केवल 600 करोड़ रुपये का खर्चा आया है.
14 जुलाई को लॉन्च किया गया था चंद्रयान-3
भारत का मून मिशन चंद्रयान-3, 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था. इसके बाद 5 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया और उसके बाद 17 अगस्त को चंद्रयान के दोनों मॉड्यूल ऑर्बिटर और लैंडर अलग हो गए थे. इसके बाद लैंडर विक्रम को चंद्रमा के करीब लाने की कवायद शुरू की गई. उसके बाद इसकी गति को कम करने के लिए डीबूस्टिंग की प्रक्रिया को पूरा किया गया.
इस तरह हुई चंद्रयान-3 की लैंडिंग?
– 25 किलोमीटर की ऊंचाई से विक्रम लैंडर चांद पर उतरने की प्रक्रिया शुरू की थी. उसे अगले पड़ाव के लिए करीब 11.5 मिनट का समय लगा. यानी 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई तय की.
– 7.4 km की ऊंचाई पर इसकी रफ्तार 358 मीटर प्रति सेकेंड थी. अगला पड़ाव 6.8 किलोमीटर था.
– करीब 6.8 km की ऊंचाई पर इसकी गति कम की गई. इसे 336 मीटर प्रति सेकेंड की गई. इसके बाद अगला स्तर 800 मीटर था.
– वहीं 800 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर के सेंसर्स चांद की सतह पर लेजर किरणें डालकर लैंडिंग के लिए सही स्थान को खोजने लगे.
– इसके बाद 150 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की रफ्तार 60 मीटर प्रति सेकेंड पहुंच गई थी.
– 60 मीटर की ऊंचाई पर गति को 40 मीटर प्रति सेकेंड कर दिया गया.
– 10 मीटर की हाइट पर पर लैंडर की रफ्तार 10 मीटर प्रति सेकेंड पर पहुंच गई. चंद्रमा की सतह पर उतरते वक्त यानी सॉफ्ट लैंडिंग के समय लैंडर की स्पीड 1.68 मीटर प्रति सेकेंड कर दी गई थी.