Child intelligence Modi said: चुनाव नतीजों को लेकर पीएम मोदी का कांग्रेस पर तंज, बालक बुद्धि ने कल संसद में एक नया सिम्‍पैथी कार्ड खेला….बोले मोदी

Child intelligence Modi said: चुनाव नतीजों को लेकर पीएम मोदी का कांग्रेस पर तंज, बालक बुद्धि ने कल संसद में एक नया सिम्‍पैथी कार्ड खेला....बोले मोदी

Child intelligence Modi said: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं.पीएम मोदी ने कहा कि आजकल सिम्पैथी गेन करने का एक नई ड्रामेबाजी शुरू की गई है. नया खेल खेला जा रहा है. एक किस्सा सुनाता हूं. एक बच्चा स्कूल से आया और जोर-जोर से रोने लगा.

उसकी मां भी डर गई क्या हो गया. वह कहने लगा मां मुझे स्कूल में मारा गया. आज उसने मारा, इसने मारा और रोने लगा. मां ने बात पूछी तो बता नहीं रहा था. बच्चा ये नहीं बता रहा था कि उस बच्चे ने किसी बच्चे को मां की गाली दी थी, किताबें फाड़ दी थी, टीचर को चोर कहा था, किसी का टिफिन चुराकर खा गया था. हमने कल सदन में यही बचकाना हरकत देखी है. कल यहां बालक बुद्धि का विलाप चल रहा था.

Child intelligence Modi said: हमने सदन में कल बचकाना हरकत देखी है

पीएम मोदी ने कहा कि देश ने विकास के रास्ते को चुना है, देश को समृद्धि का एक नया सफर शुरू करना है, ऐसे समय में ये देश का दुर्भाग्य है कि छह दशक तक राज करने वाली पार्टी अराजकता फैलाने में जुटी हुई है. ये दक्षिण में जाकर उत्तर के खिलाफ बोलते हैं. इन्होंने भाषा के आधार पर बांटने की हर कोशिश की है.

जिन नेताओं ने भाषा के आधार पर एक हिस्से को देश से अलग करने की बात कही थी, उसे टिकट देकर कांग्रेस ने पाप किया है. कांग्रेस एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाने का प्रयास कर रही है. एक हिस्से के लोगों को दूसरे हिस्से के लोगों से हीन बताकर अराजकता फैलाने का प्रयास कर रही है.

आर्थिक आधार पर भी राज्यों में अराजकता फैलाने का काम कर रहे हैं. जिस तरह से उनके राज्यों में कदम उठा रहे हैं, वह रास्ता आर्थिक अराजकता की ओर जाने वाला है. इनके राज्य देश पर बोझ न बन जाएं. मंचों से घोषणा की गई कि चार जून को अगर इनके मनमुताबिक परिणाम नहीं आए तो आग लगा दी जाएगी. ये इनका मकसद है. सीएए को लेकर जो अराजकता फैलाई गई, देश के लोगों को गुमराह करने का जो खेल खेला गया, पूरा इकोसिस्टम इस बात पर बल देता रहा ताकि उनके राजनीतिक मकसद पूरे हों.

Child intelligence Modi said: 2024 से जो कांग्रेस है, वो परजीवी कांग्रेस

पीएम मोदी ने कहा कि 1984 के बाद देश में 10 चुनाव हुए हैं और 10 चुनावों में कांग्रेस ढाई सौ का आंकड़ा नहीं छू पाई है. इस बार ये किसी तरह 99 के फेर में फंसे हैं.

कांग्रेस के नेताओं के बयानों में बयानबाजी ने शोले फिल्म को भी पीछे छोड़ दिया है. आप सबको शोले फिल्म की मौसीजी याद होंगी. तीसरी बार तो हारे हैं पर मौसी मोरल विक्ट्री तो है न. 13 राज्यों में जीरो सीटें आई हैं. अरे मौसी 13 राज्यों में जीरो सीटें आई हैं पर हीरो तो हैं न. अरे पार्टी की लुटिया तो डुबोई है. अरे मौसी पार्टी अभी भी सांसें तो ले रही है.

कांग्रेस के लोगों को कहूंगा कि जनादेश को फर्जी जीत के जश्न में मत दबाओ. फर्जी जीत के नशे में मत डुबाओ. ईमानदारी से जनादेश को समझने की कोशिश करो, उसे स्वीकार करो. मुझे नहीं पता कि कांग्रेस के जो साथी दल हैं, उन्होंने इस चुनाव का विश्लेषण किया है कि नहीं किया है.

ये चुनाव इन साथियों के लिए भी एक संदेश है. अब कांग्रेस पार्टी 2024 से एक परजीवी कांग्रेस के रूप में जानी जाएगी. 2024 से जो कांग्रेस है, वो परजीवी कांग्रेस है और परजीवी वो होता है जो जिस शरीर के साथ रहता है, उसी को ही खाता है.

कांग्रेस भी जिस पार्टी के साथ गठबंधन करती है, उसी के वोट खा जाती है और अपनी सहयोगी पार्टी की कीमत पर वो फलती-फूलती है और इसीलिए कांग्रेस, परजीवी कांग्रेस बन चुकी है. यह तथ्यों के आधार पर कह रहा हूं.

आपके माध्यम से सदन और सदन के माध्यम से देश के सामने कुछ आंकड़े रखना चाहता हूं. जहां-जहां बीजेपी-कांग्रेस की सीधी फाइट थी, जहां कांग्रेस मेजर पार्टी थी, वहां कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सिर्फ 26 परसेंट है. लेकिन जहां वो किसी का पल्लू पकड़ के चलते थे, ऐसे राज्यों में उनका स्ट्राइक रेट 50 परसेंट है.

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कांग्रेस की 99 सीटों में से ज्यादातर सीटें उनके सहयोगियों ने जिताया है और इसलिए कह रहा हूं कि परजीवी कांग्रेस है. 16 राज्यों में कांग्रेस जहां अकेले लड़ी, वोट शेयर गिर चुका है. गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश, तीन राज्यों में जहां कांग्रेस अपने दम पर लड़ी और 64 में से सिर्फ दो सीट जीत पाई है.

इसका साफ मतलब है कि इस चुनाव में कांग्रेस पूरी तरह परजीवी बन चुकी और अपने सहयोगी दलों के कंधे पर चढ़कर के सीटों का आंकड़ा बढ़ाया है. कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के जो वोट खाए हैं, न खाए होते तो लोकसभा में उनके लिए इतनी सीटें जीत पाना भी बहुत मुश्किल था.

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