कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल राज्यसभा से सस्पेंड
New Delhi: सदन की कार्यवाही की फोटोग्राफी करने के मामले में कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने रजनी पाटिल को बजट सत्र के बाकी दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया है. दरअसल इस मामले में सरकार की तरफ राज्यसभा में कांग्रेस सांसद पर करवाई की मांग की गई थी. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, रजनी पाटिल को इस सेशन के बाकी बचे दिनों तक के लिए सस्पेंड किया जाता है, और जब तक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आ जाती है तब तक वह सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होंगी.
उन्होंने आर्टिकल 105 का हवाला देते हुए कहा कि अगर कोई कॉन्टम ऑफ हाउस, ब्रीच ऑफ प्रिविलेज ऑफ द हाउस करता है तो उसको कैसे बरदार्श्त किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक इस मामले में प्रिविलेज कमिटी जांच करेगी. वहीं इस कार्रवाई के बाद रजनी पाटिल का बयान भी सामने आया है.
रजनी पाटिल ने सफाई देते हुए कहा कि हमें ऐसे घर से आते हैं जहां इस तरह के संस्कार नहीं है लेकिन जिस तरह से मुझे एक महिला का नाम लेकर बीजेपी ने जलील करने की कोशिश की है, वह चोट पहुंचा रही है.
इस मुद्दे पर बहस के दौरान केंद्र सरकार की ओर से कई मंत्रियों मे रजनी पाटिल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रजनी पाटिल के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी. उन्होंने कहा, आज एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है. सोशल मीडिया पर हमने इस प्रतिष्ठित सदन में रिकॉर्ड किए गए वीडियो देखे जिसमें संसद के वरिष्ठ सदस्यों को अनधिकृत रूप से रिकॉर्ड किया जा रहा है. इसके बाद इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया गया.
पीयूष गोयल ने राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, मुझे लगता है कि किसी भी सदस्य द्वारा की गई ऐसी कोई कार्रवाई बहुत गंभीर चिंता का विषय है. इस घटना को लेकर सांसद पहले भी आपसे शिकायत कर चुके हैं. उन्होंने आपसे मामले की जांच कराने का अनुरोध किया था
वहीं बीजेपी सांसद GBL नरसिम्हा राव ने भी राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए रूल 256 के तहत कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि सदन का वीडियो बनाकर इसको पब्लिस किया. लिहाजा उनको सदन के बाकी बचे दिनों के लिए सस्पेंड किया जाए. संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि पहले भी इसी हाउस में ऐसा ही घटना घटी थी, तब वेंकैया नायडू जी ने कहा था कि दोबारा ऐसी घटना रिपीट नहीं होनी चाहिए. उन्होंने सख्त निर्णय लिया था.
वहीं अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस के किसी भी नेता ने सदन में यह नहीं कहा कि उन्होंने नियम भंग नहीं किया. सब ने यही कहा कि नियम भंग तो हुआ है लेकिन सजा नहीं होनी चाहिए. सजा क्या होगी, अधिकार चेयरमैन का होता है लेकिन जब चेयरमैन बात कह रहे हो उन पर छींटाकशी करना, उन पर कमेंट करना यह कहां का नियम है. क्या यह किसी महिला को अलाउड है? क्यों कानून का उल्लंघन करें, क्या कानून पालन करने की जिम्मेवारी सिर्फ पुरुषों पर होनी चाहिए?
उन्होंने कहा, देखिए चेयरमैन साहब ने प्रेसिडेंट और नियम से अलग जाकर रजनी पाटिल को कहा कि आप अगर चाहती है तो अपना पक्ष रखिए जबकि अगर वो चाहते तो फैसला सीधा सुना सकते थे. उसके बाद आप चेयरमैन पर आरोप मढ़े इनपर छींटाकशी करे ये क्या तरीका है. आज अगर सारा विपक्ष एकजुट होकर सदन बायकॉट कर रहा है तो किस विषय पर सदन का कानून तोड़ने के मुद्दे पर ना. हालांकि आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि एक कमेटी बना दी जाए जो जांच करके इसमें निर्णय लें. बिना जांच किए निर्णय लेना उचित नहीं होगा.