Dhananjay Singh: धनजंय सिंह ने जौनपुर में बीजेपी को समर्थन देने का किया एलान, BSP ने काटा था पत्नी का टिकट
Dhananjay Singh: आज का दिन राजनीति के लिहाज से बहुत अहम रहा. जहां एक तरफ सुबह प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरी बार वाराणसी संसदीय सीट से अपना नामांकन दाखिल किया. वहीं शाम होते-होते एक अहम खबर सियासी गलियारों में घुमने लगी. वाराणसी से 60 KM. दूर जौनपुर संसदीय सीट से पूर्वांचल के बाहुबली धनजंय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने का एलान कर दिया. कुछ दिनों पहले बहुजन समाज पार्टी ने उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी का जौनपुर लोकसभा सीट से टिकट काट दिया था.
Dhananjay Singh: क्यों लिया धनजंय सिंह ने ये फैसला
धनंजय सिंह ने चुनाव को लेकर आज अपने घर पर समर्थकों की बैठक बुलाई थी. बैठक में फैसला लिया गया कि धनंजय सिंह और उनके समर्थक बीजेपी के लिए काम करेंगे.बैठक में धनंजय सिंह ने समर्थकों से कहा कि उनके साथी चाहते हैं कि आज के राजनीतिक हालात में बीजेपी ही सबसे बेहतर हैं.
धनंजय सिंह ने कहा है कि जनभावनाओं को देखते हुए आप लोग बीजेपी पार्टी को वोट करें और समर्थन करें. हम लोग जनता की लड़ाई लड़ते हैं इसलिए हमारे ऊपर केस मुकदमे होते हैं. हम लोगों को गरीबों के लिए और जनता के लिए लड़ना है.
Dhananjay Singh: रंगदारी और अपहरण मामले में 6 मार्च से जेल में बंद थे धनजंय सिहं
धनंजय सिंह अपहरण और जबरन वसूली मामले में छह मार्च से जौनपुर की जेल में बंद थे. बाद में उन्हें जौनपुर से बरेली की सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था. हालांकि उसी दिन उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी. कोर्ट से जमानत मिलने के बाद धनंजय सिंह को बरेली सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया था. कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई है, जिसकी वजह से वह खुद चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
Dhananjay Singh: बसपा ने काटा पत्नी का टिकट
बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को पहले जौनपुर से टिकट दिया था. लेकिन बाद में ऐन मौके पर उनका टिकट काटकर पार्टी ने मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव को उम्मीदवार बना दिया. बीएसपी नेताओं ने दावा किया था कि श्रीकला ने खुद अपना टिकट वापस किया है. जबकि धनंजय सिंह ने इससे इनकार किया और दावा किया कि उनका टिकट काटा गया है.
Dhananjay Singh: कौन हैं धनजंय सिंह
जौनपुर के बाहुबली नेता धनंजय सिंह का जन्म जौनपुर के रारी गांव के एक राजपूत परिवार में 16 जुलाई 1975 को हुआ. पहले जौनपुर के टीडी कॉलेज और फिर लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में शामिल होने वाले धनंजय ने मंडल कमीशन का विरोध करने से अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की.
लखनऊ विश्वविद्यालय में ही उनका परिचय बाहुबली छात्र नेता अभय सिंह से हुआ और यहीं से धनंजय भी विश्वविद्यालय की ‘दबंग’ राजनीति में शामिल हो गए. कुछ ही सालों में लखनऊ के हसनगंज थाने में उन पर हत्याओं और सरकारी टेंडरों में वसूली से जुड़े आधा दर्जन मुक़दमे दर्ज हो गए. 1998 तक पचास हज़ार के इनामी बन चुके धनंजय सिंह पर हत्या और डकैती समेत 12 मुक़दमे दर्ज हो चुके थे.
Dhananjay Singh: दो बार विधायक और एक बार बने सांसद
धनंजय सिंह ने 2002 में एलजेपी के टिकट पर जौनपुर के मल्हनी विधानसभा से जेल में रहते हुए चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. 2004 में एलजेपी के प्रत्याशी के तौर पर जौनपुर लोकसभा से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गये थे.
2007 में जेडीयू के टिकट पर दूसरी बार उसी सीट से विधायक निर्वाचित हुये, 2009 में बीएसपी के टिकट पर जौनपुर के सांसद बने.
2009 में सांसद बनने से ख़ाली हुयी मल्हनी विधानसभा से अपने पिता राजदेव सिंह को बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़वाया और विधायक बनवाया. 2012 में अपनी दूसरी पत्नी डॉक्टर जागृति सिंह (बाद में तलाक़ ले लिया) को मल्हनी विधानसभा से चुनाव लड़वाया लेकिन हार का सामना करना पड़ा.
2014 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जौनपुर लोकसभा का चुनाव लड़े और हारे. 2020 में मल्हनी विधायक पारसनाथ यादव के देहांत से खाली हुयी सीट पर मल्हनी विधानसभा का उपचुनाव निर्दलीय लड़े लेकिन एसपी उम्मीदवार लकी यादव से हार का सामना करना पड़ा.
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2022 में भी मल्हनी से जेडीयू प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा लेकिन फिर एसपी प्रत्याशी लकी यादव से हार का सामना करना पड़ा.
2023 में जेडीयू ने उन्हें अपना राष्ट्रीय महासचिव बनाया. ललन सिंह जब तक जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे तब तक धनंजय सिंह इस पद पर बने रहे. 2021 में अपनी तीसरी पत्नी श्रीकला रेड्डी को जौनपुर ज़िला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़वाया और जीत हासिल की.
Dhananjay Singh: जौनपुर लोकसभा का समीकरण?
जौनपुर लोकसभा में पांच विधानसभा जौनपुर सदर, मल्हनी, बदलापुर, मुंगरा बादशाहपुर और शाहगंज हैं, 2022 विधानसभा चुनाव में जौनपुर सदर, बदलापुर से बीजेपी ने जीत दर्ज की थी.
शाहगंज से बीजेपी के सहयोगी दल निषाद पार्टी के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी और मल्हनी और मुंगरा बादशाहपुर एसपी के खाते में आयी थी.
जौनपुर लोकसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 19 लाख 58 हज़ार 554 है, जिसमें अनुमान के मुताबिक ठाकुर 10 प्रतिशत, ब्राह्मण 9 प्रतिशत, मुसलमान 13 प्रतिशत, अनुसूचित वर्ग 16 प्रतिशत, यादव 12 प्रतिशत, कुशवाहा/मौर्या 8 प्रतिशत और अन्य ओबीसी जातियां हैं.
अगर पिछले पांच लोकसभा चुनाव की बात करें तो जौनपुर लोकसभा सीट से 1999 में बीजेपी के चिन्मयानंद ने जीत हासिल की थी.
2004 में एसपी के पारसनाथ यादव ने जीत दर्ज की थी, वहीं 2009 में बीएसपी के टिकट पर धनंजय सिंह सांसद बने थे.
2014 में बीजेपी से कृष्ण प्रताप सिंह ने जीत हासिल की और 2019 में एसपी-बीएसपी गठबंधन में बीएसपी के प्रत्याशी के तौर पर श्याम सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी.