EC ने फ्रीज किया शिवसेना का चुनाव चिन्ह, नए चिन्ह को लेकर उद्धव गुट का मंथन
महाराष्ट्र में राजनीतिक दांव -पेंच के चलते उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गयी और बीजेपी के समर्थन से एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने। एकनाथ शिंदे ने अपने गुट के विधायकों को असली शिवसेना कहा जिसके बाद महाराष्ट्र में शिवसेना दो धड़ों में बट गयी। सरकार गिरने के बाद ठाकरे और शिंदे गुट में अब शिवसेना पर अधिकार को लेकर जंग छिड़ी हुई है। हालांकि, फिलहाल आगामी चुनाव में दोनों में से कोई भी गुट इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे क्योंकि चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और पार्टी सिंबल को फ्रीज कर दिया है। ऐसे में उद्धव ठाकरे के गुट को छटका लगा है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि 2016 में नोटबंदी के अपने फैसले के बाद प्रधानमंत्री ने अपना नाम और महत्व खो दिया है। उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनसे 2019 लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन के लिए संपर्क किया था।ठाकरे ने जिला प्रमुखों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सत्र के दौरान कहा, वे जानते हैं कि उनके पास महाराष्ट्र में बालासाहेब ठाकरे के नाम के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसलिए वे हमारा नाम मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी के खिलाफ जीतने के लिए यह आखिरी बड़ी लड़ाई है। उन्होंने कहा, पहले भी मेरे अपने भाई (राज ठाकरे) और बालासाहेब ठाकरे के कुछ करीबी लोगों ने हमें धोखा दिया था। लेकिन हमने उन सभी को हरा दिया। शिवसेना प्रमुख ने कहा कि अगर हम उन्हें (भाजपा) हराते हैं, तो महाराष्ट्र में हमारे सामने कोई नहीं खड़ा हो सकता।
इसके अलावा, उद्धव खेमे के नेता भास्कर जाधव ने कहा कि महाराष्ट्र में आगामी उपचुनाव के लिए प्रतीकों के विकल्पों पर आज एक लंबी बैठक हुई। जाधव ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से शांत रहने का अनुरोध किया है।
जाधव ने कहा, “चुनाव आयोग ने जानबूझकर योजना बनाई और इस तरह का आदेश दिया, क्योंकि हमें सप्ताहांत होने के कारण किसी भी कार्रवाई के लिए समय नहीं मिलता है। इसलिए सभी विकल्पों को अवरुद्ध कर दिया गया है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि उनके पास कल तक का समय है। जाधव ने कहा, उद्धव ठाकरे एक विकल्प की तलाश में हैं और कल तक विकल्पों के लिए आवेदन जमा करेंगे।
उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के दो गुटों के बीच जारी खींचतान में चुनाव आयोग ने शनिवार को ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के धनुष और तीर के निशान पर रोक लगा दी। आयोग ने एक अंतरिम आदेश में कहा, कि आयोग वर्तमान उप-चुनावों के उद्देश्य को कवर करने और मामले में विवाद के अंतिम निर्धारण तक जारी रखने के लिए निम्नलिखित अंतरिम आदेश देता है।
चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े ने मुंबई के अंधेरी ईस्ट में आगामी उपचुनाव के लिए तीन नामों और प्रतीकों की एक सूची आयोग को सौंपी है। इससे पहले आयोग की तरफ से 197 नामों और चिह्नों की सूची में से कोई एक नाम मांगा गया था।